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मधुबनी: भारत-नेपाल सीमा स्थित एप्रोच पथ टूटा, आवागमन बाधित

नये पुल के टूट जाने के बाद वर्षों पुराने पुल के सहारे दोनों देशों के जो लोग आवागमन कर रहे थे, अब बाधित हो गया है. वहीं बाढ़ का पानी स्थानीय लोगों की दूसरी परेशानी बन गया है. जिससे सैकड़ों एकड़ में किसानों की फसल पूर्ण रूप से बह गई है.

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Published : Jul 14, 2020, 9:26 PM IST

मधुबनी
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मधुबनी: इंडो-नेपाल बॉर्डर के नो मेन्स लैंड पर बह रही जमुनी और बेलौंती नदी ने विकराल रूप ले लिया है. जिससे सीमावर्ती इलाके में बाढ़ आ गया है. जमुनी नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण दो देशों को जोड़ने वाली जटही राजघाट के पुराने पुल का एप्रोच पथ टूट गया है. जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है.

मधुबनी
टूट गया एप्रोच पथ

वर्तमान में इंडो-नेपाल बॉर्डर सील है. ऐसी परिस्थिति में भारत-नेपाल के नागरिकों के लिए जटही राजघाट के पुराने पुल का एप्रोच पथ बहुत महत्वपूर्ण था. जिसका इस्तेमाल वो पैदल ही बॉर्डर पार रिश्तेदारों के यहां आवागमन के लिए करते थे. बता दें कि गत वर्ष प्रलयंकारी बाढ़ में नए पुल का एप्रोच टूट गया था. जिसके बाद नेपाल सरकार की ओर से कछुए की चाल से पुल के एप्रोच का काम चल रहा था. जो समय पर पूरा नहीं हो सका.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आवागमन बाधित होने के साथ फसल बर्बाद
गौरतलब है कि, नये पुल के टूट जाने के बाद वर्षों पुराने पुल के सहारे दोनों देशों के लोग आवागमन कर रहे थे. जो कि अब बाधित हो गई है. वहीं, बाढ़ का पानी स्थानीय लोगों की दूसरी परेशानी बन गया है. जिससे सैकड़ों एकड़ में किसानों की फसल पूर्ण रूप से बह गई है. वहीं, पुल टूटने की वजह से सीमावर्ती नागरिकों को आवागमन में बाधा और फसल बर्बादी का सामना करना पड़ा है.

मधुबनी: इंडो-नेपाल बॉर्डर के नो मेन्स लैंड पर बह रही जमुनी और बेलौंती नदी ने विकराल रूप ले लिया है. जिससे सीमावर्ती इलाके में बाढ़ आ गया है. जमुनी नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण दो देशों को जोड़ने वाली जटही राजघाट के पुराने पुल का एप्रोच पथ टूट गया है. जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है.

मधुबनी
टूट गया एप्रोच पथ

वर्तमान में इंडो-नेपाल बॉर्डर सील है. ऐसी परिस्थिति में भारत-नेपाल के नागरिकों के लिए जटही राजघाट के पुराने पुल का एप्रोच पथ बहुत महत्वपूर्ण था. जिसका इस्तेमाल वो पैदल ही बॉर्डर पार रिश्तेदारों के यहां आवागमन के लिए करते थे. बता दें कि गत वर्ष प्रलयंकारी बाढ़ में नए पुल का एप्रोच टूट गया था. जिसके बाद नेपाल सरकार की ओर से कछुए की चाल से पुल के एप्रोच का काम चल रहा था. जो समय पर पूरा नहीं हो सका.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आवागमन बाधित होने के साथ फसल बर्बाद
गौरतलब है कि, नये पुल के टूट जाने के बाद वर्षों पुराने पुल के सहारे दोनों देशों के लोग आवागमन कर रहे थे. जो कि अब बाधित हो गई है. वहीं, बाढ़ का पानी स्थानीय लोगों की दूसरी परेशानी बन गया है. जिससे सैकड़ों एकड़ में किसानों की फसल पूर्ण रूप से बह गई है. वहीं, पुल टूटने की वजह से सीमावर्ती नागरिकों को आवागमन में बाधा और फसल बर्बादी का सामना करना पड़ा है.

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