मधुबनीः बिहार के मधुबनी जिले के आरटीआई एक्टिविस्ट और पत्रकार बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश हत्याकांड (Journalist Murdered in Madhubani) के विरोध में सर्वदलीय संघर्ष समिति ने बेनीपट्टी मुख्यालय में प्रतिरोध मार्च निकाला और जमकर नारेबाजी की. प्रतिरोध मार्च लोहिया चौक से शुरू हुआ और इंदिरा चौक, विद्यापति चौक, बेहटा बाजार, हॉस्पिटल चौक, अंबेदकर चौक होते हुए पुनः लोहिया चौक पहुंचा.
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इसके बाद लोहिया चौक पर चारों ओर से सड़क को जाम कर दिया गया. घंटों सड़क जाम रहने के बाद डीएम के निर्देश पर बेनीपट्टी एसडीएम अशोक कुमार मंडल, बीडीओ रवि रंजन और थानाध्यक्ष अरविंद कुमार वार्ता करने लोहिया चौक पहुंचे. काफी देर चली वार्ता और एसडीएम द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद करीब 2 बजे जाम हटाया गया. एसडीएम को दिये गये ज्ञापन में 72 घंटे के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार करने, सभी फर्जी चिह्नित नर्सिंग होम को सील किये जाने व वर्तमान में संचालित सभी निजी क्लीनिकों की जांच करने, पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने सहित 7 सूत्री मांगें शामिल हैं. सर्वदलीय संघर्ष समिति में बीजेपी एमएलसी घनश्याम ठाकुर, सीपीआई के जिला मंत्री मिथिलेश झा, अंचल मंत्री आनंद कुमार झा, कांग्रेस से विजय कुमार मिश्र, बीजेपी से भवानंद झा, योगीनाथ मिश्र, मिथिला स्टूडेंट यूनियन के बिदेश्वर नाथ झा शामिल थे.
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बता दें कि आरटीआई एक्टिविस्ट और पत्रकार बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश हत्याकांड (Journalist Murdered in Madhubani) मामले में पुलिस ने एक महिला समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अरेर थाना क्षेत्र के अतरौली निवासी पूर्णकला देवी, बेनीपट्टी के रोशन कुमार साह, बिट्टू कुमार पंडित, दीपक कुमार पंडित, पवन कुमार पंडित एवं मनीष कुमार को गिरफ्तार किया गया है. सबसे पहले बेनीपट्टी में नर्सिंग होम चलाने वाली पूर्ण कला देवी की गिरफ्तारी हुई.
मृतक अविनाश के मोबाइल नंबर की जांच में पता चला था कि 9 नवंबर की रात अविनाश झा के लापता होने से पहले पूर्णकला देवी से उसकी अंतिम बार बात हुई थी. गिरफ्तार महिला ने पुलिस को बताया कि रात करीब सवा दस बजे अविनाश झा अनुराग हेल्थ केयर आए थे. वहीं उनसे मुलाकात हुई थी.
दोनों जब हेल्थ केयर से बाहर निकले तो पूर्व से घात लगाए पांचों अपराधियों ने अविनाश झा को पकड़ लिया और केके चौधरी नर्सिंग होम की तरफ ले गए. बाद में 12 नवंबर को उसका शव बरामद किया गया. हालांकि, मीडिया कर्मियों ने जब एसडीपीओ से हत्या के कारणों के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ-साफ कुछ भी नहीं बताया. बस इतना ही कहा कि पुलिस हर बिंदु की गहनता से जांच कर रही है.
गौरतलब है कि घटना को लेकर मृतक के भाई चंद्रशेखर झा ने 10 नवंबर को बेनीपट्टी थाना में अपहरण का मामला दर्ज कराया था. उन्होंने बेनीपट्टी में बिना लाइसेंस चला रहे नर्सिंग होम के संचालकों एवं कर्मियों पर अपहरण करने की आशंका जताई थी. बता दें इस मामले की गहनता से जांच करने और हत्यारों को कठिन सजा देने की लगातार मांग की जा रही है.