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मधेपुरा: कोरोना के बीच आई आसमानी आफत, मूसलाधार बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी - मूसलाधार बारिश

जिले में पिछले 4 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश ने किसानों की मुसीबतों को फिर से बढ़ा दिया है. पानी की वजह से गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचने का अनुमान है. ऐसे में लॉक डाउन के दौरान अपनी रोजी-रोटी खोने वाले किसान अब आसमानी आफत से परेशान हो रहे हैं.

Madhepura
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Published : Apr 15, 2020, 11:16 AM IST

मधेपुरा: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर देशभर में लॉक डाउन जारी है. जिससे किसानों को फसल कटाई में काफी परेशानी हो रही थी. मामला संज्ञान में आने पर रबी फसल की कटाई को लेकर सरकार ने किसानों को कृषि से जुड़े कार्यों के लिए अनुमति दी है. जिसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किसानों की ओर से पिछले एक सप्ताह से लगातार फसल कटाई का काम चल रहा है. वहीं, जिले में हुई बारिश ने किसानों की मुसीबतों को फिर से बढ़ा दिया है.

आफत की बारिश
जिले में पिछले 1 सप्ताह से रबी फसलों की कटाई का काम लगातार जारी है. सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए किसान फसलों की कटाई कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि लॉक डाउन की वजह से समय पर कटाई करने वाले मजदूर नहीं मिल रहे हैं. इन परिस्थितियों के बीच ही मधेपुरा में बुधवार को सुबह 4 बजे से हो रही मूसलाधार बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. जिले में बड़ी संख्या में ऐसे किसान हैं जिनकी फसलें अभी खेतों पर ही हैं.

मधेपुरा
बारिश के बाद खेतों में भरा पानी

किसानों के सामने रोजी रोटी की समस्या
पानी की वजह से गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचने का अनुमान है. ऐसे में लॉक डाउन के दौरान अपनी रोजी-रोटी खोने वाले किसान अब आसमानी आफत से परेशान हो रहे हैं. आमतौर पर किसान अपने खेतों में फसलों की कटाई करते हैं. थ्रेसिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसान अनाज को बोरियों में भरकर अलग-अलग माध्यमों से अपने घरों तक ले जाते हैं. साथ ही जिले में बड़ी संख्या में ऐसे भी किसान हैं, जिनकी फसलें खेतों पर है या थ्रेशिंग के लिए एकत्रित की गई हैं. ऐसे में अचानक हुई बारिश ने किसानों के सामने रोजी-रोटी की समस्या भी खड़ी कर दी है.

पेश है पूरी रिपोर्ट

बेमौसम बारिश से रबी की फसल बर्बाद
जिला प्रशासन और राज्य सरकार के सामने कोरोना के बीच किसानों के सामने आई विषम परिस्थिति एक बड़ी चुनौती बन गई है. मधेपुरा में हुई बेमौसम बारिश किसानों के लिए कहर बनकर टूट पड़ी है. पहले लॉक डाउन किसानों की परेशानी की सबब बनी. वहीं, अब खेतों में लगी रबी की फसल बारिश के कारण पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. इससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.

मधेपुरा: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर देशभर में लॉक डाउन जारी है. जिससे किसानों को फसल कटाई में काफी परेशानी हो रही थी. मामला संज्ञान में आने पर रबी फसल की कटाई को लेकर सरकार ने किसानों को कृषि से जुड़े कार्यों के लिए अनुमति दी है. जिसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किसानों की ओर से पिछले एक सप्ताह से लगातार फसल कटाई का काम चल रहा है. वहीं, जिले में हुई बारिश ने किसानों की मुसीबतों को फिर से बढ़ा दिया है.

आफत की बारिश
जिले में पिछले 1 सप्ताह से रबी फसलों की कटाई का काम लगातार जारी है. सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए किसान फसलों की कटाई कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि लॉक डाउन की वजह से समय पर कटाई करने वाले मजदूर नहीं मिल रहे हैं. इन परिस्थितियों के बीच ही मधेपुरा में बुधवार को सुबह 4 बजे से हो रही मूसलाधार बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. जिले में बड़ी संख्या में ऐसे किसान हैं जिनकी फसलें अभी खेतों पर ही हैं.

मधेपुरा
बारिश के बाद खेतों में भरा पानी

किसानों के सामने रोजी रोटी की समस्या
पानी की वजह से गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचने का अनुमान है. ऐसे में लॉक डाउन के दौरान अपनी रोजी-रोटी खोने वाले किसान अब आसमानी आफत से परेशान हो रहे हैं. आमतौर पर किसान अपने खेतों में फसलों की कटाई करते हैं. थ्रेसिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसान अनाज को बोरियों में भरकर अलग-अलग माध्यमों से अपने घरों तक ले जाते हैं. साथ ही जिले में बड़ी संख्या में ऐसे भी किसान हैं, जिनकी फसलें खेतों पर है या थ्रेशिंग के लिए एकत्रित की गई हैं. ऐसे में अचानक हुई बारिश ने किसानों के सामने रोजी-रोटी की समस्या भी खड़ी कर दी है.

पेश है पूरी रिपोर्ट

बेमौसम बारिश से रबी की फसल बर्बाद
जिला प्रशासन और राज्य सरकार के सामने कोरोना के बीच किसानों के सामने आई विषम परिस्थिति एक बड़ी चुनौती बन गई है. मधेपुरा में हुई बेमौसम बारिश किसानों के लिए कहर बनकर टूट पड़ी है. पहले लॉक डाउन किसानों की परेशानी की सबब बनी. वहीं, अब खेतों में लगी रबी की फसल बारिश के कारण पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. इससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.

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