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मधेपुरा के तीन प्रखंडों को किया गया बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित, दाने-दाने को मोहताज हैं लोग

हर साल सहरसा और मधेपुरा के कई क्षेत्र बाढ़ की विभीषिका झेलते हैं. 28 साल बाद सरकार ने इन क्षेत्रों को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है.

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Published : Aug 6, 2020, 3:25 PM IST

मधेपुराः जिले के बाढ़ प्रभावित प्रखंड के लोगों के लिए राहत भरी खबर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरी सूची में मधेपुरा के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित प्रखंड आलमनगर, चौसा और पुरैनी को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है. एक सप्ताह पहले पहली सूची जारी हुई थी. उसमें जिले के नाम नहीं था.

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लोगों को हो रही परेशानी

आपदा के नियमानुसार मिलेगी सुविधा
मधेपुरा के आलमनगर विधानसभा के विधायक सह बिहार सरकार के विधि एवं लघु सिंचाई मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री को मधेपुरा और सहरसा जिले में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई थी. जिसके बाद सीएम ने इन दोनों क्षेत्रों को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है. उन्होंने कहा कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित हो जाने से प्रभावितों को आपदा के नियमानुसार सरकार हर तरह की सुविधा मुहैया कराती है.

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बाढ़ में डूबे घर

दाने-दाने को मोहताज हुए लोग
बता दें कि जिले के आलमनगर, चौसा और पुरैनी प्रखंड में पिछले 28 दिनों से लोग बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं. गांवों में आठ से दस फीट पानी बह रहा है. लोगों को सरकार की तरफ से कोई सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई है. राशन और जरूरी सामान डूब जाने से लोग दाने दाने को मोहताज हो गए हैं.

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बाढ़ का पानी

बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र किया घोषित
बाढ़ की इस विपदा के समय एक भी अधिकारी लोगों का हालचाल तक पूछने नहीं पहुंचा. आलम यह है कि प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन के लिए अब तक सरकारी नाव तक नहीं दी गई है. एक सप्ताह पहले राज्य सरकार ने बिहार के 14 जिलों के 112 प्रखंड को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया था. इसमें जिले के नाम नहीं था जिससे यहां के लोग काफी आहत हुए थे.

देखें रिपोर्ट

सरकार को भेजा था पत्र
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व‌ प्रदेश महासचिव एवं प्रदेश चुनाव अभियान समिति के मधेपुरा जिला प्रभारी केशर कुमार सिंह ने भी बाढ़ प्रभावित प्रखंडो का जायजा लेकर सरकार को पत्र भेजा था. जिसमें उन्होंने चौसा, आलमनगर और पुरैनी प्रखंड को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र की सूची में शामिल करने की मांग की थी. सरकार ने दूसरी सूची में जिले को शामिल किया.

मधेपुराः जिले के बाढ़ प्रभावित प्रखंड के लोगों के लिए राहत भरी खबर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरी सूची में मधेपुरा के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित प्रखंड आलमनगर, चौसा और पुरैनी को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है. एक सप्ताह पहले पहली सूची जारी हुई थी. उसमें जिले के नाम नहीं था.

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लोगों को हो रही परेशानी

आपदा के नियमानुसार मिलेगी सुविधा
मधेपुरा के आलमनगर विधानसभा के विधायक सह बिहार सरकार के विधि एवं लघु सिंचाई मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री को मधेपुरा और सहरसा जिले में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई थी. जिसके बाद सीएम ने इन दोनों क्षेत्रों को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है. उन्होंने कहा कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित हो जाने से प्रभावितों को आपदा के नियमानुसार सरकार हर तरह की सुविधा मुहैया कराती है.

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बाढ़ में डूबे घर

दाने-दाने को मोहताज हुए लोग
बता दें कि जिले के आलमनगर, चौसा और पुरैनी प्रखंड में पिछले 28 दिनों से लोग बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं. गांवों में आठ से दस फीट पानी बह रहा है. लोगों को सरकार की तरफ से कोई सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई है. राशन और जरूरी सामान डूब जाने से लोग दाने दाने को मोहताज हो गए हैं.

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बाढ़ का पानी

बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र किया घोषित
बाढ़ की इस विपदा के समय एक भी अधिकारी लोगों का हालचाल तक पूछने नहीं पहुंचा. आलम यह है कि प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन के लिए अब तक सरकारी नाव तक नहीं दी गई है. एक सप्ताह पहले राज्य सरकार ने बिहार के 14 जिलों के 112 प्रखंड को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया था. इसमें जिले के नाम नहीं था जिससे यहां के लोग काफी आहत हुए थे.

देखें रिपोर्ट

सरकार को भेजा था पत्र
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व‌ प्रदेश महासचिव एवं प्रदेश चुनाव अभियान समिति के मधेपुरा जिला प्रभारी केशर कुमार सिंह ने भी बाढ़ प्रभावित प्रखंडो का जायजा लेकर सरकार को पत्र भेजा था. जिसमें उन्होंने चौसा, आलमनगर और पुरैनी प्रखंड को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र की सूची में शामिल करने की मांग की थी. सरकार ने दूसरी सूची में जिले को शामिल किया.

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