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मनोकामना पूरी होने पर शाह परिवार हर साल छठ घाट पर लगाता है निःशुल्क टेंट - बिहार

जिला मुख्यालय के बड़े टेंट व्यवसायी उत्तम शाह के परिजनों की ओर से पिछले कई दशक से अपने खर्च पर भिरखी उत्तर बारी छठ घाट को सजाया जाता है.

निःशुल्क टेंट की व्यवस्था
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Published : Oct 31, 2019, 10:20 AM IST

मधेपुराः लोक आस्था का महापर्व छठ त्यौहार 31 अक्टूबर से नहाय- खाय के साथ शुरू हो रहा है. चार दिनों तक चलने वाली इस पूजा में पवित्रता और सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. प्रदेश में इसकी तैयारी काफी पहले शुरू हो जाती है. कहते हैं कि छठ मईया अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं. मधेपुरा में एक ऐसा परिवार है जिसकी मनोकामना पूर्ण होने पर वह परिवार आज भी अपने खर्च पर छठ व्रतियों के लिए छठ घाट सजाता है.

छठ मईया ने पूरी की थी मनोकामना
जिला मुख्यालय के बड़े टेंट व्यवसायी उत्तम शाह के परिजनों की ओर से पिछले कई दशक से अपने खर्च पर भिरखी उत्तर बारी छठ घाट को सजाया जाता है. लोगों का कहना है कि छठ मईया ने शाह परिवार के पूर्वजों की मनोकामना पूरी की थी. तभी से वह अपने खर्च से हर साल छठ घाट पर टेंट, जेनरेटर सहित साज सज्जों की व्यवस्था करते हैं. स्थानीय निवासी सुनिल ने बताया कि कई सालों से शाह परिवार की ओर से घाट पर टेंट और साज सज्जा की व्यवस्था की जा रही है. इससे छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिलती है. क्योंकि छठव्रती रात भर यहीं टेंट में रुककर पूजा अर्चना करती हैं.

Madhepura
छठ घाटों पर टेंट का हो रहा निर्माण

निःशुल्क होती है व्यवस्था
घाट के पुजारी गोपी पंडित ने बताया की यहां पर मधेपुरा के सैकड़ों परिवार पूजा अर्चना करते हैं. घाट पर शाह परिवार की ओर से हर साल टेंट की व्यवस्था की जाती है. उन्होंने कहा कि वर्षों पहले अंनत प्रताप शाह की ओर से घाट पर टेंट की व्यवस्था की जाती थी. उनकी मौत के बाद अब उनके पोते उत्तम शाह की ओर से यह सभी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था निःशुल्क होती है. वहीं, घाट पर स्थित मंदिर के बारे में उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण राम प्रताप शाह हलवाई ने कराया था. उनकी मृत्यु होने के बाद वह मंदिर की देखभाल कर रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

मधेपुराः लोक आस्था का महापर्व छठ त्यौहार 31 अक्टूबर से नहाय- खाय के साथ शुरू हो रहा है. चार दिनों तक चलने वाली इस पूजा में पवित्रता और सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. प्रदेश में इसकी तैयारी काफी पहले शुरू हो जाती है. कहते हैं कि छठ मईया अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं. मधेपुरा में एक ऐसा परिवार है जिसकी मनोकामना पूर्ण होने पर वह परिवार आज भी अपने खर्च पर छठ व्रतियों के लिए छठ घाट सजाता है.

छठ मईया ने पूरी की थी मनोकामना
जिला मुख्यालय के बड़े टेंट व्यवसायी उत्तम शाह के परिजनों की ओर से पिछले कई दशक से अपने खर्च पर भिरखी उत्तर बारी छठ घाट को सजाया जाता है. लोगों का कहना है कि छठ मईया ने शाह परिवार के पूर्वजों की मनोकामना पूरी की थी. तभी से वह अपने खर्च से हर साल छठ घाट पर टेंट, जेनरेटर सहित साज सज्जों की व्यवस्था करते हैं. स्थानीय निवासी सुनिल ने बताया कि कई सालों से शाह परिवार की ओर से घाट पर टेंट और साज सज्जा की व्यवस्था की जा रही है. इससे छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिलती है. क्योंकि छठव्रती रात भर यहीं टेंट में रुककर पूजा अर्चना करती हैं.

Madhepura
छठ घाटों पर टेंट का हो रहा निर्माण

निःशुल्क होती है व्यवस्था
घाट के पुजारी गोपी पंडित ने बताया की यहां पर मधेपुरा के सैकड़ों परिवार पूजा अर्चना करते हैं. घाट पर शाह परिवार की ओर से हर साल टेंट की व्यवस्था की जाती है. उन्होंने कहा कि वर्षों पहले अंनत प्रताप शाह की ओर से घाट पर टेंट की व्यवस्था की जाती थी. उनकी मौत के बाद अब उनके पोते उत्तम शाह की ओर से यह सभी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था निःशुल्क होती है. वहीं, घाट पर स्थित मंदिर के बारे में उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण राम प्रताप शाह हलवाई ने कराया था. उनकी मृत्यु होने के बाद वह मंदिर की देखभाल कर रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट
Intro:मधेपुरा में एक परिवार मनोकामना पूर्ण होने के उपलक्ष्य में अपने खर्च पर छठव्रतियों के सजाते हैं छठ घाट,जहां मधेपुरा के सैकड़ों लोग करते हैं पूजा अर्चना।Body:मधेपुरा जिला मुख्यालय के बड़े टेंट व्यवसायी उत्तम साह के परिजनों द्वारा पिछले कई दशक से अपने खर्च पर भिरखी उत्तर बारी छठ घाट को सजाया जाता है, जहाँ सैकड़ो परिवार छठ मनाते हैं।जानकारी के मुताबिक उत्तम साह टेंट के पूर्वजों का मनोकामना छठ मईया पूर्ण की थी।उसी उपलक्ष्य में अपने खर्च से छठ घाट पर टेंट,जेनरेटर सहित अन्य साजो सामान की व्यवस्था किया जाता है।इस घाट पर किसी भी छठव्रती से चंदा व अन्य सहयोग नहीं लिया जाता है।कहते हैं कि देश में सबसे श्रेष्ठ पर्व छठ को माना जाता है।और लोग श्रद्धा व उल्लाष के साथ मनाते हैं ।उल्लेखनीय बात तो यह है कि इस पर्व को सभी धर्म के लोग मानते हैं यही सबसे बड़ी खूबसूरती और खासियत भी है ।इतना ही नहीं देश में हजारों प्रमाण है कि जो भी व्यक्ति शुद्ध मन से कोई भी मनोकामना रखे हैं उनका मनोकामना छठ मईया जरूर पूरी की है।इस घाट पर सुरक्षा की चाक चौबन्ध व्यवस्था की जाती है सर्वाधिक अधिकारी व उच्च परिवार के लोग यहीं छठ मनाते हैं। बता दें कि मधेपुरा जिला मुख्यालय में एक दर्जन से भी अधिक छठ घाट बनाया गया है। बाइट 1
गोपी पंडित पुजारी।
बाइट 2 सुनील कुमार स्थानीय।
Conclusion:मधेपुरा से रुद्रनारायण।
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