मधेपुराः जिले के आलमनगर और चौसा प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति दिन प्रतिदिन भयावह होती जा रही है. कोसी बराज से अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण 11 पंचायतों में बाढ़ ने भयानक रूप अख्तियार कर ली है. क्षेत्र के लगभग हजारों घरों में बाढ़ का पानी आ जाने से लोग सड़कों पर या अन्य ऊंचे जगहों पर खानाबदोश की जिंदगी जीने को विवश है.
दर्जनों सड़कों पर बाढ़ का पानी आ जाने प्रखंड मुख्यालय से सैकड़ों गांव का सड़क संपर्क भंग हो गया है. आलमनगर को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क आलमनगर करामा सड़क के बीच डैनेेज पर बने डायवर्सन पर पानी चढ़ने से भारी वाहनों का आवागमन बंद है. साथ जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग होने की संभावना बढ़ गई है.
इन इलाकों में घुसा पानी
आलमनगर प्रखंड के रतवारा, गंगापुर, खापुर, बड़गांव, इटहरी कुंजोड़ी, आलमनगर दक्षिणी, आलमनगर पूर्वी, आलमनगर उत्तरी, खुरहान, नरथुआ भागीपुर पंचायतों में लगभग 10000 एकड़ से ज्यादा धान की फसल पानी में डूब जाने से किसान परेशान है. पशुपालक अपने पशुओं को बचाने को लिए काफी जद्दोजेहाद कर रहे हैं.
रतवारा पंचायत के मूरोत शिव मंदिर टोला, मुरोत विस्थापित, छतौना वासा, भवानीपुर वासा, ललिया पुनर्वास, खापुर पंचायत के दोकठिया, सबरी नगर, परेल, अस्सीबीघा, पंडित जी वासा गंगापुर पंचायत के खरोआ वासा, हड़जोड़ा, मारवाड़ी बासा लोनियाचक टोला, इटहरी पंचायत के खावन दियारा, भ्रमरपुर वासा, बजराहा आलमनगर उत्तरी पंचायत के लदमा आलमनगर दक्षिणी पंचायत के पासवान टोला, ओराडीह, फटोरिया, करुणावासा आलमनगर पूर्वी पंचायत के पनसलवा, नवगछिया वासा, वेसा वासा के निचले इलाकों के लगभग 1000 घरों में पानी आ जाने से लोगों के समक्ष भारी परेशानी उत्पन्न हो गई है. लोग अपने सामान के साथ ऊंचे जगह पर शरण लिए हुए हैं. कई परिवार अपने घरों में ही मचान बनाकर रहने को विवश हैं.
पीड़ितों में है आक्रोश
प्रशासन की ओर से अभी तक इन बाढ़ पीड़ितों की सुधि नहीं ली गई है. जिससे लोगों में खासा आक्रोश हैं.
उदाकिशुनगंज के एसडीओ एसजेड हसन ने बताया कि जिनके घरों में बाढ़ का पानी आ गया है. उनके बीच पॉलीथीन का वितरण करने का निर्देश दिया गया है. फसल क्षति का सर्वेक्षण किया जा रहा है. बाढ़ आपदा के तहत सभी राहत उपलब्ध कराई जाएगी.