मधेपुरा: रविवार को जिले में पोषण मेला का उद्घाटन किया गया. कुपोषित बच्चे और ऐनिमिक गर्भवती महिलाओं की रेस में मधेपुरा देशभर में दूसरे पायदान पर है. लोगों को जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पोषण मेला आयोजित किया गया है. इस मेले का आयोजन स्थानीय बीएन मंडल स्टेडियम में किया गया.
गौरतलब है कि हाल में आए एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार कुपोषित जिलों की सूची में मधेपुरा देशभर में दूसरे स्थान पर है. लोगों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने और जागरुकता फैलाने के लिए पोषण जागरुकता मेला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम नवदीप शुक्ला ने किया.
कुपोषण को लेकर सरकार चिंतित- डीएम
मौके पर डीएम ने कहा कि जागरुकता के अभाव में समस्या बढ़ रही है. उन्होंने लोगों को कहा कि आसपास ही कुपोषण से मुक्ति के साधन उपलब्ध हैं, जो कम खर्च में मिल सकता है. उसे पहचानकर उपयोग में लाएं. समाज को कुपोषण मुक्त, मजबूत और स्वच्छ बनाएं. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन बढ़ते कुपोषण को लेकर चिंतित है. कार्यक्रम में पोषक तत्व और खाद्य गर्भवती महिलाओं को मुहैया कराए जाएंगे.
स्थानीय लोगों ने मेले को बताया दिखावा
कुपोषण जागरुकता मेला पर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और लोगों ने आपत्ति जताई. सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जिले में बच्चों में कुपोषण और गर्भवती महिलाओं के ऐनिमिक होने के कारण रोजाना मौत हो रही है. ऐसे में यह मेला दिखावा और छलावा है.
जनप्रतिनिधि कर रहे बंदरबाट
लोगों ने आरोप लगाया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलने वाले पोषाहार को अधिकारी और सेविका लूटकर खा रहे हैं. अगर आंगनबाड़ी केंद्रों पर ईमानदारी से पोषाहार का वितरण किया जाता तो समाज में कुपोषित बच्चों और ऐनिमिक महिलाओं की इतनी संख्या नहीं होती.