मधेपुरा: जिले में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है. लोग अपने वाहन को सड़कों पर खड़ी कर देते हैं. इस कारण शहर के लोगों को भीषण जाम से रूबरू होना पड़ता है. ऑटो, बाइक, रिक्शा और अन्य वाहन के चालक का जहां जी चाहा वहीं वाहन लगा देते हैं. इस कारण लोगों को अब सड़क पर पैदल चलने में भी मुश्किल हो रही है. प्रशासन की ओर से पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई है.
सड़क पर पैदल चलाना भी मुश्किल
चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था से लोग कराहते रहते हैं. बढ़ती आबादी के साथ वाहन की संख्या भी बढ़ती जा रही है, लेकिन प्रशासन की ओर से यहां पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इसके अलावा वीआईपी और दबंग लोग घंटों भर सड़क पर अपनी वाहन लगाकर छोड़ देते हैं. इसके बाद स्थानीय लोग या फिर छोटे-मोटे अधिकारी की हिम्मत उन्हें कुछ कहने की नहीं होती है. इस कारण कानून की खुल्लेआम धज्जियां उड़ायी जाती है.
मुख्य सड़कों से गुजरती है वाहन
जाम का सबसे बड़ा कारण यह बताया जाता है कि आज से 5 साल पहले शाम के पांच से आठ बजे तक भाड़ी वाहन का मुख्य शहर में प्रवेश पर नों इंट्री लगा था. इतना ही नहीं सहरसा, पूर्णियां, सुपौल की ओर जाने वाली सभी तरह के चार चक्का वाहनों को मुख्य बाजार के बाहर से गुरने वाली बाय पास सड़क से निकाला जाता था, लेकिन ये सारी पुरानी व्यवस्था पिछले पांच साल से प्रसाशन की लापरवाही के कारण ध्वस्त हो गया है. यहीं कारण है कि सभी वाहन 24 घंटे बाय-पास के बजाय मुख्य सड़क से ही गुजरती है.
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'जाम से निजात पना है मुश्किल'
जाम से परेशान सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से यातायात व्यवस्था बेहतर करने की मांग की है. लोगों का यह भी कहना है कि जब तक शहर में वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं की जाएगी. तब तक जाम से निजात मिलना मुश्किल है.