ETV Bharat / state

मधेपुरा: बाढ़ प्रभावित इलाके में निजी नाव पर क्षमता से अधिक लोग करते हैं सवारी - No government boat arrangement for flood victims

बाढ़ प्रभावित इलाके में लोग प्राइवेट नाव पर क्षमता से अधिक सवारी कर रहे हैं. इससे किसी हादसे का अंदेशा रहता है. लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी इस बारे में जानकारी होते हुए भी मूकदर्शक बने रहते हैं. बाढ़ पीड़ितों को सरकारी स्तर पर किसी तरह की सहायता नहीं मिलने से उनमें काफी गुस्सा है.

over capacity people ride on private boat in flood affected area in madhepura
over capacity people ride on private boat in flood affected area in madhepura
author img

By

Published : Aug 2, 2020, 1:53 PM IST

मधेपुरा: जिले के बाढ़ प्रभावित प्रखंड आलमनगर और चौसा में पीड़ितों की परेशानी काफी बढ़ी हुई है. इन लोगों के लिए सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं रहने से लोग प्राइवेट नाव में जान जोखिम में डालकर यात्रा करते हैं. ये नाव चालक क्षमता से अधिक लोगों की सवारी करवाते हैं. जिससे किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है.

बता दें कि इस तरह से नाव में क्षमता से अधिक सवारी लेकर चलने की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को है, लेकिन वो कुछ भी नहीं करते. उनक तरफ से किसी तरह की कोई रोक-टोक नहीं की जाती है या किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होती है. वहीं, लोग मजबूरी में नाव की सवारी करते हैं.

over capacity people ride on private boat in flood affected area in madhepura
जान जोखिम में डालकर यात्रा

'हादसे का इंतजार कर रहे अधिकारी'
बाढ़ पीड़ित ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि नाव की व्यवस्था की मांग करते-करते हम सभी थक चुके हैं. लेकिन सरकारी अधिकारियों की ओर से सिर्फ आश्वासन दिया जाता है. अधिकारियों की लापरवाही और मूकदर्शक बने रहने से लगता है कि वो सभी किसी हादसे का इंतजार कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

लोगों ने बताया कि एनएच बन जाने से उनलोगों के आवागमन की समस्या काफी हद तक दूर हो जाती. जबतक एनएच नहीं बना है तबतक गांव से मुख्यालय जाने आने का एक मात्र साधन नाव है. साथ ही लोगों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि कोरोना के डर से वो सभी बाढ़ पीड़ितों की समस्या देखने और सुनने तक नहीं आ रहे हैं.

मधेपुरा: जिले के बाढ़ प्रभावित प्रखंड आलमनगर और चौसा में पीड़ितों की परेशानी काफी बढ़ी हुई है. इन लोगों के लिए सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं रहने से लोग प्राइवेट नाव में जान जोखिम में डालकर यात्रा करते हैं. ये नाव चालक क्षमता से अधिक लोगों की सवारी करवाते हैं. जिससे किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है.

बता दें कि इस तरह से नाव में क्षमता से अधिक सवारी लेकर चलने की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को है, लेकिन वो कुछ भी नहीं करते. उनक तरफ से किसी तरह की कोई रोक-टोक नहीं की जाती है या किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होती है. वहीं, लोग मजबूरी में नाव की सवारी करते हैं.

over capacity people ride on private boat in flood affected area in madhepura
जान जोखिम में डालकर यात्रा

'हादसे का इंतजार कर रहे अधिकारी'
बाढ़ पीड़ित ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि नाव की व्यवस्था की मांग करते-करते हम सभी थक चुके हैं. लेकिन सरकारी अधिकारियों की ओर से सिर्फ आश्वासन दिया जाता है. अधिकारियों की लापरवाही और मूकदर्शक बने रहने से लगता है कि वो सभी किसी हादसे का इंतजार कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

लोगों ने बताया कि एनएच बन जाने से उनलोगों के आवागमन की समस्या काफी हद तक दूर हो जाती. जबतक एनएच नहीं बना है तबतक गांव से मुख्यालय जाने आने का एक मात्र साधन नाव है. साथ ही लोगों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि कोरोना के डर से वो सभी बाढ़ पीड़ितों की समस्या देखने और सुनने तक नहीं आ रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.