मधेपुरा: जिले का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन मिठाई हाल्ट आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. मूलभूत सुविधाओं के अभाव में यहां से यात्रा करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ जहां भारतीय रेल अपने सबसे बड़े नेटवर्क के लिए जाना जाता है. तो वहीं, मधेपुरा जिले का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन जिसको वर्तमान में एक हॉल्ट के रूप में तब्दील कर दिया गया है, मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है.
शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नदारद
बता दें कि अंग्रेजों के शासनकाल में इसे मिठाई रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था. जहां से देश के विभिन्न हिस्सों तक यात्रा करने के लिए हर रोज हजारों लोग ट्रेन से सफर करते थे. लेकिन वर्तमान में रेलवे स्टेशन का निजीकरण कर इसे हॉल्ट में तब्दील कर दिया गया है. जिसकी वजह से यहां यात्रा करने वाले लोगों को काफी परेशान हो रहे हैं. रेलवे स्टेशन पर बिजली, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नदारद है. यहां ना तो शुद्ध पेयजल और ना ही शौचालय की समुचित व्यवस्था है. आलम यह है कि हॉल्ट से यात्रा करने वाले यात्रियों को बिजली नहीं होने के कारण गाड़ियों के आने-जाने को लेकर उद्घोषणा नहीं हो पा रही है. जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
'रेलवे स्टेशन को हॉल्ट में किया तब्दील'
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह रेलवे स्टेशन अंग्रेजों के शासनकाल से है. कुछ स्थानीय लोग और राजनेताओं की मिलीभगत से इस रेलवे स्टेशन को हॉल्ट में तब्दील कर दिया गया है. तब से इसकी स्थिति बदहाल बनी हुई है. वहीं, टिकट कर्मी ने बताया कि हमें इस हॉल्ट पर टिकट वितरण के लिए दौरान मधेपुरा रेलवे स्टेशन से टिकट लाना पड़ता है. इस हॉल्ट पर टेलीफोन की भी सुविधा नहीं है. इस वजह से ट्रेन के आने-जाने का सही वक्त पता नहीं चल पाता है.