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बदहाली पर आंसू बहा रहा है जिले का सबसे पुराना स्टेशन, स्टेशन से बन गया हॉल्ट

रेलवे हॉल्ट पर बिजली, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नदारद है. यहां ना तो शुद्ध पेयजल और ना ही शौचालय की समुचित व्यवस्था है. जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मधेपुरा
आंसू बहा रहा जिले का सबसे पुराना स्टेशन
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Published : Jan 29, 2020, 9:38 AM IST

Updated : Jan 29, 2020, 1:29 PM IST

मधेपुरा: जिले का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन मिठाई हाल्ट आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. मूलभूत सुविधाओं के अभाव में यहां से यात्रा करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ जहां भारतीय रेल अपने सबसे बड़े नेटवर्क के लिए जाना जाता है. तो वहीं, मधेपुरा जिले का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन जिसको वर्तमान में एक हॉल्ट के रूप में तब्दील कर दिया गया है, मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है.

मधेपुरा
बदहाल स्थिती में है शौचालय

शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नदारद
बता दें कि अंग्रेजों के शासनकाल में इसे मिठाई रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था. जहां से देश के विभिन्न हिस्सों तक यात्रा करने के लिए हर रोज हजारों लोग ट्रेन से सफर करते थे. लेकिन वर्तमान में रेलवे स्टेशन का निजीकरण कर इसे हॉल्ट में तब्दील कर दिया गया है. जिसकी वजह से यहां यात्रा करने वाले लोगों को काफी परेशान हो रहे हैं. रेलवे स्टेशन पर बिजली, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नदारद है. यहां ना तो शुद्ध पेयजल और ना ही शौचालय की समुचित व्यवस्था है. आलम यह है कि हॉल्ट से यात्रा करने वाले यात्रियों को बिजली नहीं होने के कारण गाड़ियों के आने-जाने को लेकर उद्घोषणा नहीं हो पा रही है. जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पेश है रिपोर्ट

'रेलवे स्टेशन को हॉल्ट में किया तब्दील'
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह रेलवे स्टेशन अंग्रेजों के शासनकाल से है. कुछ स्थानीय लोग और राजनेताओं की मिलीभगत से इस रेलवे स्टेशन को हॉल्ट में तब्दील कर दिया गया है. तब से इसकी स्थिति बदहाल बनी हुई है. वहीं, टिकट कर्मी ने बताया कि हमें इस हॉल्ट पर टिकट वितरण के लिए दौरान मधेपुरा रेलवे स्टेशन से टिकट लाना पड़ता है. इस हॉल्ट पर टेलीफोन की भी सुविधा नहीं है. इस वजह से ट्रेन के आने-जाने का सही वक्त पता नहीं चल पाता है.

मधेपुरा: जिले का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन मिठाई हाल्ट आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. मूलभूत सुविधाओं के अभाव में यहां से यात्रा करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ जहां भारतीय रेल अपने सबसे बड़े नेटवर्क के लिए जाना जाता है. तो वहीं, मधेपुरा जिले का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन जिसको वर्तमान में एक हॉल्ट के रूप में तब्दील कर दिया गया है, मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है.

मधेपुरा
बदहाल स्थिती में है शौचालय

शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नदारद
बता दें कि अंग्रेजों के शासनकाल में इसे मिठाई रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था. जहां से देश के विभिन्न हिस्सों तक यात्रा करने के लिए हर रोज हजारों लोग ट्रेन से सफर करते थे. लेकिन वर्तमान में रेलवे स्टेशन का निजीकरण कर इसे हॉल्ट में तब्दील कर दिया गया है. जिसकी वजह से यहां यात्रा करने वाले लोगों को काफी परेशान हो रहे हैं. रेलवे स्टेशन पर बिजली, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नदारद है. यहां ना तो शुद्ध पेयजल और ना ही शौचालय की समुचित व्यवस्था है. आलम यह है कि हॉल्ट से यात्रा करने वाले यात्रियों को बिजली नहीं होने के कारण गाड़ियों के आने-जाने को लेकर उद्घोषणा नहीं हो पा रही है. जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पेश है रिपोर्ट

'रेलवे स्टेशन को हॉल्ट में किया तब्दील'
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह रेलवे स्टेशन अंग्रेजों के शासनकाल से है. कुछ स्थानीय लोग और राजनेताओं की मिलीभगत से इस रेलवे स्टेशन को हॉल्ट में तब्दील कर दिया गया है. तब से इसकी स्थिति बदहाल बनी हुई है. वहीं, टिकट कर्मी ने बताया कि हमें इस हॉल्ट पर टिकट वितरण के लिए दौरान मधेपुरा रेलवे स्टेशन से टिकट लाना पड़ता है. इस हॉल्ट पर टेलीफोन की भी सुविधा नहीं है. इस वजह से ट्रेन के आने-जाने का सही वक्त पता नहीं चल पाता है.

Intro:एंकर
मधेपुरा जिले का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन मिठाई हाल्ट आज अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में यहाँ से यात्रा करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


Body:सब-हेडिंग
सबसे पुराना स्टेशन हुआ बदहाल, निजीकरण बनी मुख्य समस्या, मूलभूत सुविधाएं नदारद, रेल प्रशासन हुआ असंवेदनहीन।

एक तरफ जहां भारतीय रेल अपने सबसे बड़े नेटवर्क और बेहतर सुविधाओं के लिए जानी जाती है तो वहीं मधेपुरा जिले का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन जो वर्तमान में एक हॉल्ट के रूप में तब्दील कर दिया गया है मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है।आपको बता दें कि अंग्रेजों के शासनकाल में यह मिठाई रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था।जहां से देश के विभिन्न हिस्सों तक यात्रा करने के लिए हर रोज लाखों लोग ट्रेन से सफर करते थे।लेकिन वर्तमान में रेलवे स्टेशन का निजीकरण कर इसे हॉल्ट में तब्दील कर दिया गया है जिसकी वजह से यहां यात्रा करने वाले लोग काफी परेशान हो रहे हैं।रेलवे स्टेशन पर बिजली,पानी,शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नदारद है। यहां ना तो शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है और ना ही शौचालय की समुचित व्यवस्था। इस हॉट से यात्रा करने वाले यात्रियों को ट्रेन के पहुंचने तक की जानकारी नहीं मिल पाती है।बिजली नहीं रहने के कारण गाड़ियों के आने-जाने को लेकर उद्घोषणा नहीं हो पा रही है जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय सूर्य नारायण शाह ने बताया कि यह रेलवे स्टेशन अंग्रेजों के शासन काल से है।लेकिन कुछ स्थानीय लोग और राजनेता की मिलीभगत से इस रेलवे स्टेशन को हॉल्ट में तब्दील कर दिया गया है। तब से इसकी स्थिति बदहाल बनी हुई है।

बाईट-1
सूर्य नारायण शाहा- स्थानीय

टिकट कर्मी सोनू कुमार ने बताया कि हमें इस हॉल्ट पर टिकट वितरण के लिए दौराम मधेपुरा रेलवे स्टेशन से टिकट लाना पड़ता है।इस हॉल्ट पर टेलीफोन की भी सुविधा नहीं है।इसी वजह से ट्रेन के आने जाने का सही वक्त पता नहीं चल पाता है।

बाईट-2
सोनू कुमार-टिकट कर्मी

यात्री सोनू कुमार ने बताया कि यहाँ शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है।जिसकी वजह से खासकर महिलाओं को काफी दिक्कतें हो रही हैं।

बाईट-3
सोनू कुमार-यात्री


Conclusion:फिलहाल बदहाली की स्थिति झेल रहे इस हॉल्ट की स्थिति को सुधारने के लिए रेलवे स्टेशन का कोई साफ रुक नजर नहीं आ रहा है। हर रोज एक नई समस्या उभर कर सामने आ रही है जिनका ना तो कोई निदान निकलता है और ना ही कोई कार्रवाई की जाती है।
Last Updated : Jan 29, 2020, 1:29 PM IST
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