मधेपुरा: जिले के आलमनगर और चौसा प्रखंड के लोग बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित (Flood Affected) हैं. कई बार गुहार लगाने के बावजूद इन लोगों को जिला प्रशासन की तरफ से राहत सामग्री (Relief Material) उपलब्ध नहीं करायी गयी. जिससे बाढ़ पीड़ित दाने-दाने को मोहताज हो गये और रविवार को सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोगों ने अंचल अधिकारी कार्यालय का घेराव किया. हालांकि अधिकारियों ने फिर से आश्वासन देकर वापस लौटा दिया.
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बता दें कि मधेपुरा के डीएम और आपदा पदाधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का नाव से कुछ दिन पूर्व दौरा किये थे. लेकिन उसके बाद चुप्पी साधकर बैठ गये और अभी तक बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री नहीं मिली. वहीं, मधेपुरा के सांसद दिनेशचंद्र यादव भी गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि राहत सामग्री देना अधिकारी का काम है.
गौरतलब है कि चौसा एवं आलमनगर प्रखंड की 18 पंचायत एक माह से बाढ़ की चपेट में है. बाढ़ पीड़ित खुले आसमान के नीचे सड़क पर रहने को मजबूर हैं. बाढ़ प्रभावित पंचायतों का जायजा खुद मधेपुरा के डीएम ने लिया ता. लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भीबाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री नहीं मिली. जिससे भूखे-प्यासे बाढ़ पीड़ितों के धैर्य का बांध आज टूट गया और सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरुष और बच्चे चौसा के अंचल अधिकारी का घेराव करने उनके आवास पर पहुंच गये.
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बाढ़ पीड़ितों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि अब मवेशी और बच्चों के खाने के लिए कुछ नहीं बचा है. अधिकारी सब कुछ देखकर भी चुप्पी साधे हुए हैं. अगर राहत सामग्री नहीं दिया गया तो भूख से हम बाढ़ पीड़ित मर जाएंगे.
इस दौरान चौसा के अंचलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बाढ़ पीड़ितों को आश्वासन देते हुए कहा कि राहत सामग्री तथा घर से बेघर हो गए लोगों को धूप और बारिश से बचने के लिए पॉलिथीन भी दिया जाएगा.