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मधेपुराः बरसात आने से पहले खुली प्रशासन की नींद, नदी में कटाव निरोधक कार्य प्रारंभ

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Published : May 20, 2020, 5:23 PM IST

Updated : May 21, 2020, 10:55 PM IST

किसानों का आरोप है कि पिछले 10 साल से नदी की वजह से उपजाऊ जमीन का कटाव हो रहा है, लेकिन अधिकारियों ने एक नहीं सुनी. लेकिन जब नदी से कटाव का खतरा एनएच-107 और एक रसूखदार व्यवसायी के प्रतिष्ठान पर मंडराने लगा, तब जाकर अधिकारी की नींद अचानक खुल गई.

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मधेपुराः कोसी की उप नदी के कारण साहुगढ़ पंचायत में वर्षों से कटाव हो रहा है. जिसमें सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन को नदी अपने आगोश में ले चुकी है. एनएच और एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान पर खतरा मंडराते ही प्रशासन की नींद खुली है. आनन-फानन में कटाव निरोधक कार्य प्रारंभ किया गया है. वहीं, मधेपुरा डीडीसी विनोद प्रसाद सिंह ने कहा कि कटाव निरोधक कार्य प्रारंभ हो गया है. उम्मीद है बरसात आने के पूर्व कार्य पूरा कर लिया जाएगा.

कोसी नदी से निकलने वाली उप नदी मधेपुरा शहर के सटे पश्चिम से गुजरते हुए साल भर बहती है. इसी नदी से लगातार पिछले दस साल से कटाव हो रहा है जिसके कारण सैंकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन कटकर नदी में विलीन हो गया है. कटाव को लेकर पीड़ित किसान कई बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन इस ओर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया.

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कटाव को रोकने के लिए चल रहा कार्य

एनएच पर मंडराया खतरा

नदी में विलीन उपजाऊ जमीन सिर्फ मधेपुरा सदर प्रखंड के साहुगढ़ पंचायत की है, लेकिन जब नदी से कटाव का खतरा एनएच-107 और एक रसूखदार व्यवसायी के प्रतिष्ठान पर मंडराने लगा, तब जाकर अधिकारी की नींद अचानक खुल गई.

देखिए पूरी रिपोर्ट

प्रशासन से मुआवजे की मांग
प्रशासन की तरफ से कटाव निरोधक योजना स्वीकृत कर कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है. हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि अगर पहले प्रशासन इस पर पहले से ध्यान देता तो किसानों के सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन कटाव का भेंट नहीं चढ़ता. पीड़ित किसान और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता इसके लिए सरकार और जिला प्रशासन को जिम्मवार मानते हुए उचित मुआवजा देने की मांग की है.

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बोरियो में रखा बालू

मधेपुराः कोसी की उप नदी के कारण साहुगढ़ पंचायत में वर्षों से कटाव हो रहा है. जिसमें सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन को नदी अपने आगोश में ले चुकी है. एनएच और एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान पर खतरा मंडराते ही प्रशासन की नींद खुली है. आनन-फानन में कटाव निरोधक कार्य प्रारंभ किया गया है. वहीं, मधेपुरा डीडीसी विनोद प्रसाद सिंह ने कहा कि कटाव निरोधक कार्य प्रारंभ हो गया है. उम्मीद है बरसात आने के पूर्व कार्य पूरा कर लिया जाएगा.

कोसी नदी से निकलने वाली उप नदी मधेपुरा शहर के सटे पश्चिम से गुजरते हुए साल भर बहती है. इसी नदी से लगातार पिछले दस साल से कटाव हो रहा है जिसके कारण सैंकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन कटकर नदी में विलीन हो गया है. कटाव को लेकर पीड़ित किसान कई बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन इस ओर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया.

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कटाव को रोकने के लिए चल रहा कार्य

एनएच पर मंडराया खतरा

नदी में विलीन उपजाऊ जमीन सिर्फ मधेपुरा सदर प्रखंड के साहुगढ़ पंचायत की है, लेकिन जब नदी से कटाव का खतरा एनएच-107 और एक रसूखदार व्यवसायी के प्रतिष्ठान पर मंडराने लगा, तब जाकर अधिकारी की नींद अचानक खुल गई.

देखिए पूरी रिपोर्ट

प्रशासन से मुआवजे की मांग
प्रशासन की तरफ से कटाव निरोधक योजना स्वीकृत कर कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है. हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि अगर पहले प्रशासन इस पर पहले से ध्यान देता तो किसानों के सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन कटाव का भेंट नहीं चढ़ता. पीड़ित किसान और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता इसके लिए सरकार और जिला प्रशासन को जिम्मवार मानते हुए उचित मुआवजा देने की मांग की है.

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बोरियो में रखा बालू
Last Updated : May 21, 2020, 10:55 PM IST
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