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मधेपुरा: डॉक्टरों की अनुपस्थिति से मरीज परेशान, अस्पताल प्रबंधन ने साधी चुप्पी

मेडिकल कॉलेज की शुरुआत नहीं होने की वजह से वहां तैनात डॉक्टरों को सदर अस्पताल में तैनात किया गया था. ताकि इलाज प्रणाली को सुदृढ़ किया जा सके. लेकिन जारी किए गए रोस्टर के अनुसार डॉक्टर अपने कार्यालय से नदारद रहे.

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Published : Jan 7, 2020, 5:26 PM IST

मधेपुरा
मधेपुरा

मधेपुरा: सदर अस्पताल में जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज से तैनात किए गए डॉक्टरों की अनुपस्थिति मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. वहीं, डॉक्टरों की गैर हाजिरी पर अस्पताल प्रशासन पूरी तरह मौन है.

डॉक्टरों की मनमानी,मरीज परेशान
स्वास्थ्य व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन मधेपुरा सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के दावे फेल नजर आ रहे हैं. दरअसल, मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सदर अस्पताल में जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज से 60 डॉक्टरों की तैनाती ओपीडी विभाग में की गई थी.

मधेपुरा सदर अस्पताल से गौरव की रिपोर्ट

बता दें कि मेडिकल कॉलेज की शुरुआत ना होने की वजह से वहां तैनात डॉक्टरों को सदर अस्पताल में तैनात किया गया था. ताकि इलाज प्रणाली को सुदृढ़ तरीके से चलायी जा सके. लेकिन जारी किए गए रोस्टर के अनुसार डॉक्टर अपने कार्यालय से नदारद रहे.

खाली पड़ा डॉक्टरों का कैबिन
खाली पड़ा डॉक्टरों का कैबिन
  • सुबह 8 बजे से 2 बजे तक डॉक्टरों की तैनाती सदर अस्पताल में की गई है. लेकिन डॉक्टर मरीजों के इलाज के बिना ही मोटी रकम तनख्वाह के तौर पर उठा रहे हैं.

डॉक्टरों की मनमानी से मरीज परेशान
इस उदासीनता पर मरीज तो परेशान हैं ही, साथ ही उनके परिजन भी दर-दर भटक रहे हैं. नवजात शिशु का इलाज कराने आयी हदीसा खातून ने बताया कि वह पिछले 1 घंटे से डॉक्टर का इंतजार कर रही है. लेकिन उसके बच्चे का इलाज करने वाला कोई भी डॉक्टर तैनात नहीं है. उसे इलाज की जगह सिर्फ आश्वासन मिल रहा है.

हालत खस्ताहाल
हालत खस्ताहाल

प्राइवेट डॉक्टरों की चांदी
वहीं, इलाज कराने आए एक अन्य मरीज संतोष कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति की समस्या बहुत गंभीर है. इसकी वजह से मरीजों को मजबूरन प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टरों को मोटी रकम चुका कर अपना इलाज कराना पड़ रहा है.

हालांकि, डॉक्टरों की अनुपस्थिति को लेकर अस्पताल प्रबंधन के उच्च अधिकारी कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के दावे मधेपुरा सदर अस्पताल में दम तोड़ते दिखाई दे रहे हैं.

मधेपुरा: सदर अस्पताल में जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज से तैनात किए गए डॉक्टरों की अनुपस्थिति मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. वहीं, डॉक्टरों की गैर हाजिरी पर अस्पताल प्रशासन पूरी तरह मौन है.

डॉक्टरों की मनमानी,मरीज परेशान
स्वास्थ्य व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन मधेपुरा सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के दावे फेल नजर आ रहे हैं. दरअसल, मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सदर अस्पताल में जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज से 60 डॉक्टरों की तैनाती ओपीडी विभाग में की गई थी.

मधेपुरा सदर अस्पताल से गौरव की रिपोर्ट

बता दें कि मेडिकल कॉलेज की शुरुआत ना होने की वजह से वहां तैनात डॉक्टरों को सदर अस्पताल में तैनात किया गया था. ताकि इलाज प्रणाली को सुदृढ़ तरीके से चलायी जा सके. लेकिन जारी किए गए रोस्टर के अनुसार डॉक्टर अपने कार्यालय से नदारद रहे.

खाली पड़ा डॉक्टरों का कैबिन
खाली पड़ा डॉक्टरों का कैबिन
  • सुबह 8 बजे से 2 बजे तक डॉक्टरों की तैनाती सदर अस्पताल में की गई है. लेकिन डॉक्टर मरीजों के इलाज के बिना ही मोटी रकम तनख्वाह के तौर पर उठा रहे हैं.

डॉक्टरों की मनमानी से मरीज परेशान
इस उदासीनता पर मरीज तो परेशान हैं ही, साथ ही उनके परिजन भी दर-दर भटक रहे हैं. नवजात शिशु का इलाज कराने आयी हदीसा खातून ने बताया कि वह पिछले 1 घंटे से डॉक्टर का इंतजार कर रही है. लेकिन उसके बच्चे का इलाज करने वाला कोई भी डॉक्टर तैनात नहीं है. उसे इलाज की जगह सिर्फ आश्वासन मिल रहा है.

हालत खस्ताहाल
हालत खस्ताहाल

प्राइवेट डॉक्टरों की चांदी
वहीं, इलाज कराने आए एक अन्य मरीज संतोष कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति की समस्या बहुत गंभीर है. इसकी वजह से मरीजों को मजबूरन प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टरों को मोटी रकम चुका कर अपना इलाज कराना पड़ रहा है.

हालांकि, डॉक्टरों की अनुपस्थिति को लेकर अस्पताल प्रबंधन के उच्च अधिकारी कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के दावे मधेपुरा सदर अस्पताल में दम तोड़ते दिखाई दे रहे हैं.

Intro:एंकर
मधेपुरा सदर अस्पताल में जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज से तैनात किए गए डॉक्टरों की अनुपस्थिति मरीजों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है जिस पर अस्पताल प्रबंधन अब तक मौन है।


Body:सब हेडिंग
डॉक्टरों की मनमानी,मरीज परेशान
प्राइवेट डॉक्टरों की चाँदी
इलाज की जगह मिल रहा आश्वासन
अस्पताल प्रबंधन मामले पर मौन

वी.ओ
स्वास्थ्य व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।लेकिन मधेपुरा सदर अस्पताल में स्वास्थ विभाग के दावे फेल नज़र आ रहे हैं।दरअसल मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सदर अस्पताल में जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज से 60 डॉक्टरों की तैनाती ओपीडी विभाग में की गई थी। आपको बता दें कि मेडिकल कॉलेज की शुरुआत ना होने की वजह से वहां तैनात डॉक्टरों को सदर अस्पताल में तैनात किया गया था। ताकि इलाज प्रणाली को सुदृढ़ तरीके से चलाया जा सके। लेकिन जारी किए गए रोस्टर के अनुसार डॉक्टर अपने कार्यालय से नदारद दिखाई दे रहे हैं।सुबह 8 बजे से 2 बजे तक डॉक्टरों की तैनाती सदर अस्पताल में की गई है।लेकिन डॉक्टर मरीजों का ईलाज यह बिना है मोटी रकम तनख्वाह के तौर पर उठा रहे हैं।

नवजात शिशु का इलाज कराने आई हदीसा खातून ने बताया कि वह पिछले 1 घंटे से डॉक्टर का इंतजार कर रही है।लेकिन उसके बच्चे का इलाज करने वाला कोई भी डॉक्टर तैनात नहीं है। उसे ईलाज की जगह सिर्फ आश्वासन मिल रहा है।

बाईट1- हदीसा खातून,परिजन

अपना इलाज कराने आए मरीज संतोष कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति की समस्या बहुत गंभीर है। जिसकी वजह से मरीजों को मजबूरन प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टरों को मोटी रकम चुका कर अपना इलाज कराना पड़ रहा है।
बाईट-2
संतोष कुमार


Conclusion:हालांकि डॉक्टरों की अनुपस्थिति को लेकर अस्पताल प्रबंधन के उच्च अधिकारी कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं।ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के दावे मधेपुरा सदर अस्पताल में दम तोड़ते दिखाई दे रहे हैं।
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