मधेपुरा: सदर अस्पताल में जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज से तैनात किए गए डॉक्टरों की अनुपस्थिति मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. वहीं, डॉक्टरों की गैर हाजिरी पर अस्पताल प्रशासन पूरी तरह मौन है.
डॉक्टरों की मनमानी,मरीज परेशान
स्वास्थ्य व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन मधेपुरा सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के दावे फेल नजर आ रहे हैं. दरअसल, मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सदर अस्पताल में जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज से 60 डॉक्टरों की तैनाती ओपीडी विभाग में की गई थी.
बता दें कि मेडिकल कॉलेज की शुरुआत ना होने की वजह से वहां तैनात डॉक्टरों को सदर अस्पताल में तैनात किया गया था. ताकि इलाज प्रणाली को सुदृढ़ तरीके से चलायी जा सके. लेकिन जारी किए गए रोस्टर के अनुसार डॉक्टर अपने कार्यालय से नदारद रहे.
- सुबह 8 बजे से 2 बजे तक डॉक्टरों की तैनाती सदर अस्पताल में की गई है. लेकिन डॉक्टर मरीजों के इलाज के बिना ही मोटी रकम तनख्वाह के तौर पर उठा रहे हैं.
डॉक्टरों की मनमानी से मरीज परेशान
इस उदासीनता पर मरीज तो परेशान हैं ही, साथ ही उनके परिजन भी दर-दर भटक रहे हैं. नवजात शिशु का इलाज कराने आयी हदीसा खातून ने बताया कि वह पिछले 1 घंटे से डॉक्टर का इंतजार कर रही है. लेकिन उसके बच्चे का इलाज करने वाला कोई भी डॉक्टर तैनात नहीं है. उसे इलाज की जगह सिर्फ आश्वासन मिल रहा है.
प्राइवेट डॉक्टरों की चांदी
वहीं, इलाज कराने आए एक अन्य मरीज संतोष कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति की समस्या बहुत गंभीर है. इसकी वजह से मरीजों को मजबूरन प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टरों को मोटी रकम चुका कर अपना इलाज कराना पड़ रहा है.
हालांकि, डॉक्टरों की अनुपस्थिति को लेकर अस्पताल प्रबंधन के उच्च अधिकारी कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के दावे मधेपुरा सदर अस्पताल में दम तोड़ते दिखाई दे रहे हैं.