मधेपुरा: बिहार सरकार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. जहां एक महीने से नियोजित शिक्षक स्कूल में ताला बंदी कर समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मैदान में उतरे हुए हैं. वहीं, अब बिहार के वित्त रहित इंटर स्तरीय कॉलेज के शिक्षकों ने अनुदान के बदले वेतन और पहले से निर्धारित उम्र 60 साल से बढ़ाकर 65 साल करने की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा कर दी है.
'मुख्यमंत्री का किया जाएगा पुतला दहन'
वित्त रहित अनुदानित शिक्षक कर्मचारी मोर्चा के संयोजक डॉ. ध्रुवेंद्र कुमार ने कहा कि आंदोलन के प्रथम चरण में आगामी 26 फरवरी से प्रारंभ हो रही इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के कार्यों का बहिष्कार किया जाएगा. दूसरे चरण में 18 मार्च को बिहार विधान परिषद का घेराव कर धरना प्रदर्शन के साथ मुख्यमंत्री का पुतला दहन भी किया जाएगा.
अनिश्चितकालीन आमरण अनशन की चेतावनी
साथ ही उन्होंने कहा कि इसके बाद भी सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तब 25 मार्च से हम पटना में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे. पिछले 38 साल से हम लोग शांतिपूर्ण आंदोलन करके अपनी मांगे करते आ रहे हैं लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने शिक्षकों के भविष्य विचार नहीं किया.