ETV Bharat / state

मधेपुरा: आक्रोशित लोगों ने किया थाने का घेराव, जमीन पर कब्जा दिलाने की मांग की - जमीन विवाद में थाना का घेराव

जमीन विवाद के मामले में आक्रोशित दलित और महादलित समुदाय के लोगों ने मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाने का घेराव किया. आक्रोशित लोगों ने पड़वा नवटोल गांव के 70 एकड़ जमीन पर कब्जा दिलाने की मांग की.

protest
थाना का घेराव
author img

By

Published : Apr 9, 2021, 8:42 PM IST

मधेपुरा: जमीन विवाद के मामले में आक्रोशित दलित और महादलित समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को जिले के मुरलीगंज थाना का घेराव किया. यह मामला मधेपुरा सदर अनुमंडल के मुरलीगंज थाना क्षेत्र के पड़वा नवटोल गांव के 70 एकड़ जमीन को लेकर चल रहे विवाद का है.

यह भी पढ़ें- कोर्ट के गेट पर पुलिस को चकमा देकर भागा कैदी, घंटों की मशक्कत के बाद पकड़ा गया

हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया था पर्चा
90 के दशक में पूर्व डीएम के. पी. रमैया द्वारा निजी जमीन का वासगीत पर्चा दलित वर्ग के लोगों के नाम काट दिया गया था. इसके बाद पीड़ित भू-धारियों (जमीन के मालिकों) ने डीएम के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो उच्च न्यायालय ने डीएम के आदेश को रद्द करते हुए वासगीत पर्चा को अवैध करार दे दिया. कोर्ट ने आदेश दिया कि जमीन भू-धारी की है फिर भी दलित समुदाय के लोग मानने को तैयार नहीं हैं.

जबरन जमीन पर कब्जा करने की कोशिश
दलित समुदाय के लोग जमीन पर जबरन कब्जा करने का प्रयास करते हैं. इतना ही नहीं विवादित जमीन पर महादलित समुदाय के लोग कब्जे को लेकर कई बार संघर्ष करते दिखते हैं. इससे पहले भी मछली मारने को लेकर यहां विवाद हो चुका है. इसी बात को लेकर शुक्रवार को दलित समुदाय के लोगों ने प्रसाशन पर दबाव बनाने के लिए घंटों मुरलीगंज थाने का घेराव किया. उन्होंने पर्चा के मुताबिक जमीन पर कब्जा दिलाने की मांग की.

यह भी पढ़ें- कैमूर: 72 घंटे में डबल मर्डर का खुलासा, 2 शूटर समेत 7 गिरफ्तार, तीन फरार

मधेपुरा: जमीन विवाद के मामले में आक्रोशित दलित और महादलित समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को जिले के मुरलीगंज थाना का घेराव किया. यह मामला मधेपुरा सदर अनुमंडल के मुरलीगंज थाना क्षेत्र के पड़वा नवटोल गांव के 70 एकड़ जमीन को लेकर चल रहे विवाद का है.

यह भी पढ़ें- कोर्ट के गेट पर पुलिस को चकमा देकर भागा कैदी, घंटों की मशक्कत के बाद पकड़ा गया

हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया था पर्चा
90 के दशक में पूर्व डीएम के. पी. रमैया द्वारा निजी जमीन का वासगीत पर्चा दलित वर्ग के लोगों के नाम काट दिया गया था. इसके बाद पीड़ित भू-धारियों (जमीन के मालिकों) ने डीएम के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो उच्च न्यायालय ने डीएम के आदेश को रद्द करते हुए वासगीत पर्चा को अवैध करार दे दिया. कोर्ट ने आदेश दिया कि जमीन भू-धारी की है फिर भी दलित समुदाय के लोग मानने को तैयार नहीं हैं.

जबरन जमीन पर कब्जा करने की कोशिश
दलित समुदाय के लोग जमीन पर जबरन कब्जा करने का प्रयास करते हैं. इतना ही नहीं विवादित जमीन पर महादलित समुदाय के लोग कब्जे को लेकर कई बार संघर्ष करते दिखते हैं. इससे पहले भी मछली मारने को लेकर यहां विवाद हो चुका है. इसी बात को लेकर शुक्रवार को दलित समुदाय के लोगों ने प्रसाशन पर दबाव बनाने के लिए घंटों मुरलीगंज थाने का घेराव किया. उन्होंने पर्चा के मुताबिक जमीन पर कब्जा दिलाने की मांग की.

यह भी पढ़ें- कैमूर: 72 घंटे में डबल मर्डर का खुलासा, 2 शूटर समेत 7 गिरफ्तार, तीन फरार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.