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लखीसरायः लाइन में लगे रहे परिजन, तड़प कर मर गए दो मरीज

लखीसराय जिले में ऑक्सीजन के अभाव में दो मरीजों की मौत हो गई. परिजनों ने मरीजों की मौत के लिए डॉक्टरों के जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि मरीजों को देखने से पहले डॉक्टर ने सदर अस्पताल की पर्ची और कोरोना जांच की रिपोर्ट मांगी.

lakhisarai
लखीसराय सदर अस्पताल
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Published : May 4, 2021, 10:45 AM IST

लखीसरायः जिले के सदर अस्पताल में ऑक्सीजन के अभाव में दो मरीजों की मौत हो गई. इनमें से एक मरीज बडहिया और दूसरा कोली का रहने वाला था. मरीजों की मौत को लेकर परिजनों ने डाॅक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

परिजनों का आरोप है कि जिन मरीजों को तत्काल देखना था, उन्हें डाॅक्टरों ने पहले पर्ची कटाने और कोरोना टेस्ट कराने की सलाह दे दी. इसके कारण विलंब हुआ और मरीजों की जान चली गई. मृतकों की उम्र क्रमश: 35 में 24 वर्ष थी.

इसे भी पढ़ेंः लखीसराय: अस्पताल में कुव्यवस्था पर डीएम ने सिविल सर्जन समेत कर्मचारियों को लगाई फटकार

चेक करने के बजाए भेज दिया कोरोना टेस्ट कराने
बडहिया के रहने वाले मृतक के भाई वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मरीजों की हालत देखने के बाद भी चिकित्सकों ने सबसे पहले पूर्ची कटाने और कोरोना टेस्ट कराने की बात कही. वहां पर्ची कटाने के लिए लंबी कतार थी.

जब तक पर्ची कटता और कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आती, तब तक मरीजों की स्थिति और खराब हो गई. दोनों मरीजों ने छटपटा कर अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ दिया.

परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों ने अगर पहले ही देख लिया होता तो दोनों की जान बच जाती. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही ही मौते हो रही हैं. ऑक्सीजन की कमी केवल बहाना है.

कह चुके हैं डीएम- पहले देखें मरीज
इस संबंध में जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने 2 दिन पूर्व ही प्रबंधक और सिविल सर्जन को चेतावनी दी थी कि चाहे मरीज कोरोना पॉजिटिव हो या न हो, सबसे पहले मरीजों को देखने की बात चिकित्सकों से कही जाए. उसके बाद ही मरीजों का कोरोना टेस्ट कराने की बात कही जाए. लेकिन इसके विपरीत चिकित्सक पहले मरीजों की जांच नहीं कर रहे हैं.

बताते चलें कि सदर अस्पताल में 16 अप्रैल से अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 24 लोग ही कोरोना से संक्रमित पाए गए थे.

लखीसरायः जिले के सदर अस्पताल में ऑक्सीजन के अभाव में दो मरीजों की मौत हो गई. इनमें से एक मरीज बडहिया और दूसरा कोली का रहने वाला था. मरीजों की मौत को लेकर परिजनों ने डाॅक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

परिजनों का आरोप है कि जिन मरीजों को तत्काल देखना था, उन्हें डाॅक्टरों ने पहले पर्ची कटाने और कोरोना टेस्ट कराने की सलाह दे दी. इसके कारण विलंब हुआ और मरीजों की जान चली गई. मृतकों की उम्र क्रमश: 35 में 24 वर्ष थी.

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चेक करने के बजाए भेज दिया कोरोना टेस्ट कराने
बडहिया के रहने वाले मृतक के भाई वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मरीजों की हालत देखने के बाद भी चिकित्सकों ने सबसे पहले पूर्ची कटाने और कोरोना टेस्ट कराने की बात कही. वहां पर्ची कटाने के लिए लंबी कतार थी.

जब तक पर्ची कटता और कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आती, तब तक मरीजों की स्थिति और खराब हो गई. दोनों मरीजों ने छटपटा कर अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ दिया.

परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों ने अगर पहले ही देख लिया होता तो दोनों की जान बच जाती. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही ही मौते हो रही हैं. ऑक्सीजन की कमी केवल बहाना है.

कह चुके हैं डीएम- पहले देखें मरीज
इस संबंध में जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने 2 दिन पूर्व ही प्रबंधक और सिविल सर्जन को चेतावनी दी थी कि चाहे मरीज कोरोना पॉजिटिव हो या न हो, सबसे पहले मरीजों को देखने की बात चिकित्सकों से कही जाए. उसके बाद ही मरीजों का कोरोना टेस्ट कराने की बात कही जाए. लेकिन इसके विपरीत चिकित्सक पहले मरीजों की जांच नहीं कर रहे हैं.

बताते चलें कि सदर अस्पताल में 16 अप्रैल से अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 24 लोग ही कोरोना से संक्रमित पाए गए थे.

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