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प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को नहीं मिली कोरोना में सरकार से मदद: इस्माइल अहमद

कोरोना महामारी का दंश (impact of corona pandemic) को पूरे विश्व ने झेला. कोरोना के चलते शिक्षण बंद होने से प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. प्राइवेट स्कूल एन्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस्माइल अहमद ने कहा कि इस दौरान प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को सरकार से मदद नहीं मिली.

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Published : Nov 30, 2021, 9:09 AM IST

लखीसराय: कोरोना महामारी के दौरान प्राइवेट स्कूलों (private schools during corona pandemic) के शिक्षकों के लिए सरकार से मदद की अपील की गयी थी लेकिन नहीं मिली. प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (Private School and Children Welfare Association) के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस्माइल अहमद ने कोविड-19 से अब तक शिक्षकों की समस्या पर खास बातचीत की. उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि कोविड-19 (COVID-19) के समय शिक्षकों को काफी दिक्कतें हुईं. उनकी स्थिति काफी दयनीय रही है.

ये भी पढ़ें: लखीसराय में नगर परिषद की मनमानी के खिलाफ सफाई मजदूरों की हड़ताल, शहर में लगा कचरे का अंबार

यह बेहद अफसोस की बात है कि सरकार ने हर क्षेत्र में कुछ ना कुछ बिहार के लोगों के लिए पैकेज (package for Bihar people) दिया लेकिन प्राइवेट शिक्षकों को नहीं मिली. अगर यह पैकेज सरकार द्वारा मिलती तो प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की आर्थिक स्थिति (Financial condition of private school teachers) के साथ साथ विधि व्यवस्था में भी सुधार होता है. इस समस्या को लेकर न तो राज्य सरकार और ना ही केंद्र सरकार ने शिक्षकों के प्रति सद्भावना व्यक्त की है. राज्य में बड़ी तादाद में कई प्राइवेट स्कूल निजी भवनों में चल रही थीं. स्कूल बंद होने के कारण शिक्षकों काफी परेशानी हुई.

प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की हालत बताते इस्माइल अहमद

प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों द्वारा कई जिलों में लगातार वरीय अधिकारियों से शिक्षकों ने अपनी परेशानी बताने की कोशिश की लेकिन सरकार ने शिक्षा और शिक्षकों के विचार ही नहीं किया. इसके कारण कई प्राइवेट स्कूल बंद हुए. कई प्राइवेट शिक्षकों की मौत हुई. छात्र और छात्राओं की शिक्षा चौपट हुई. कई विद्यालयों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गई लेकिन छात्र और छात्राओं के अभिभावकों ने ऑनलाइन पढ़ाई का मूलधन राशि भी देना उचित नहीं समझा. उन्होंने कहा कि आज सरकार जान गई है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की उचित व्यवस्था नहीं है. इसके कारण प्राइवेट स्कूलों के रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ कुछ अन्य बदलाव करने की कोशिश की जा रही है.

इस संबंध में लखीसराय के प्राइवेट स्कूल के प्रभारी राजेश कुमार शर्मा ने कोविड-19 के चलते प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की बदहाल बात कही. इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों की दयनीय स्थिति की बात कही. प्रज्ञा बिहार पब्लिक स्कूल के संस्थापक रंजन कुमार सिंह ने भी शिक्षकों की स्थिति का उल्लेख करते हुए सरकारी व्यवस्था पर प्रश्न उठाया.

ये भी पढ़ें: लखीसराय में सड़क हादसा: NH-33 पर टक्कर के बाद पलटा ऑटो, 1 की मौत 4 जख्मी

लखीसराय: कोरोना महामारी के दौरान प्राइवेट स्कूलों (private schools during corona pandemic) के शिक्षकों के लिए सरकार से मदद की अपील की गयी थी लेकिन नहीं मिली. प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (Private School and Children Welfare Association) के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस्माइल अहमद ने कोविड-19 से अब तक शिक्षकों की समस्या पर खास बातचीत की. उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि कोविड-19 (COVID-19) के समय शिक्षकों को काफी दिक्कतें हुईं. उनकी स्थिति काफी दयनीय रही है.

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यह बेहद अफसोस की बात है कि सरकार ने हर क्षेत्र में कुछ ना कुछ बिहार के लोगों के लिए पैकेज (package for Bihar people) दिया लेकिन प्राइवेट शिक्षकों को नहीं मिली. अगर यह पैकेज सरकार द्वारा मिलती तो प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की आर्थिक स्थिति (Financial condition of private school teachers) के साथ साथ विधि व्यवस्था में भी सुधार होता है. इस समस्या को लेकर न तो राज्य सरकार और ना ही केंद्र सरकार ने शिक्षकों के प्रति सद्भावना व्यक्त की है. राज्य में बड़ी तादाद में कई प्राइवेट स्कूल निजी भवनों में चल रही थीं. स्कूल बंद होने के कारण शिक्षकों काफी परेशानी हुई.

प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की हालत बताते इस्माइल अहमद

प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों द्वारा कई जिलों में लगातार वरीय अधिकारियों से शिक्षकों ने अपनी परेशानी बताने की कोशिश की लेकिन सरकार ने शिक्षा और शिक्षकों के विचार ही नहीं किया. इसके कारण कई प्राइवेट स्कूल बंद हुए. कई प्राइवेट शिक्षकों की मौत हुई. छात्र और छात्राओं की शिक्षा चौपट हुई. कई विद्यालयों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गई लेकिन छात्र और छात्राओं के अभिभावकों ने ऑनलाइन पढ़ाई का मूलधन राशि भी देना उचित नहीं समझा. उन्होंने कहा कि आज सरकार जान गई है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की उचित व्यवस्था नहीं है. इसके कारण प्राइवेट स्कूलों के रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ कुछ अन्य बदलाव करने की कोशिश की जा रही है.

इस संबंध में लखीसराय के प्राइवेट स्कूल के प्रभारी राजेश कुमार शर्मा ने कोविड-19 के चलते प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की बदहाल बात कही. इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों की दयनीय स्थिति की बात कही. प्रज्ञा बिहार पब्लिक स्कूल के संस्थापक रंजन कुमार सिंह ने भी शिक्षकों की स्थिति का उल्लेख करते हुए सरकारी व्यवस्था पर प्रश्न उठाया.

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