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लखीसराय: सूर्य मंदिर में छठ पर्व को लेकर तैयारियां पूरी, नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ पर्व

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Published : Oct 31, 2019, 6:31 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 11:36 PM IST

लखीसराय का एकमात्र सूर्य मंदिर पोखरामा में छठ व्रती महिलाएं आकर भगवान सूर्य की उपासना करती हैं. गंगा स्नान के लिए लखीसराय, बड़हिया और किउल नदी घाट में लगातार अहले सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.

सूर्य मंदिर में छठ पर्व को लेकर तैयारियां पूरी

लखीसराय: लोकआस्था का महापर्व छठ गुरुवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. इस दिन छठ व्रत करने वाले गंगा स्नान कर कद्दू की सब्जी और अरवा चावल खाते हैं. दूसरे दिन खरना का व्रत होता है. तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को गंगाजल और दूध से अर्घ्य देने के बाद पारण का विधान है.

lakhisarai
नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ पर्व

पूजा के अवसर पर जागरण का आयोजन
बता दें कि जिले का एकमात्र सूर्य मंदिर पोखरामा में छठ व्रती महिलाएं आकर भगवान सूर्य की उपासना करती हैं. गंगा स्नान के लिए लखीसराय, बड़हिया और किउल नदी घाट में लगातार अहले सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई. लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत पोखरामा गांव स्थित भगवान सूर्य मंदिर महापर्व छठ को लेकर ग्रामीण मंदिर की साफ-सफाई कर रहे हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक इस बार छठ पूजा के अवसर पर जागरण का भी आयोजन किया जा रहा है. साथ ही यहां काफी संख्या में छठव्रती महिलाएं भगवान सूर्य की उपासना करती हैं.

सूर्य मंदिर में छठ पर्व को लेकर तैयारियां पूरी

व्रती 36 घंटे का रखती हैं निर्जला उपास
कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी और सप्तमी तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है. चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत गुरुवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुई. इस दिन गंगा स्नान कर सेंधा नमक से कद्दू की सब्जी और अरवा चावल का प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया जाता है. हालांकि छठ के दौरान व्रती 36 घंटे का निर्जला रहकर व्रत को करती हैं. मान्यता है कि यह पर्व कुष्ठ रोग से मुक्ति, आरोग्यता, संतान की प्राप्ति और अन्य मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए लोग करते आ रहे हैं.

लखीसराय: लोकआस्था का महापर्व छठ गुरुवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. इस दिन छठ व्रत करने वाले गंगा स्नान कर कद्दू की सब्जी और अरवा चावल खाते हैं. दूसरे दिन खरना का व्रत होता है. तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को गंगाजल और दूध से अर्घ्य देने के बाद पारण का विधान है.

lakhisarai
नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ पर्व

पूजा के अवसर पर जागरण का आयोजन
बता दें कि जिले का एकमात्र सूर्य मंदिर पोखरामा में छठ व्रती महिलाएं आकर भगवान सूर्य की उपासना करती हैं. गंगा स्नान के लिए लखीसराय, बड़हिया और किउल नदी घाट में लगातार अहले सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई. लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत पोखरामा गांव स्थित भगवान सूर्य मंदिर महापर्व छठ को लेकर ग्रामीण मंदिर की साफ-सफाई कर रहे हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक इस बार छठ पूजा के अवसर पर जागरण का भी आयोजन किया जा रहा है. साथ ही यहां काफी संख्या में छठव्रती महिलाएं भगवान सूर्य की उपासना करती हैं.

सूर्य मंदिर में छठ पर्व को लेकर तैयारियां पूरी

व्रती 36 घंटे का रखती हैं निर्जला उपास
कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी और सप्तमी तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है. चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत गुरुवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुई. इस दिन गंगा स्नान कर सेंधा नमक से कद्दू की सब्जी और अरवा चावल का प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया जाता है. हालांकि छठ के दौरान व्रती 36 घंटे का निर्जला रहकर व्रत को करती हैं. मान्यता है कि यह पर्व कुष्ठ रोग से मुक्ति, आरोग्यता, संतान की प्राप्ति और अन्य मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए लोग करते आ रहे हैं.

Intro:

जिले का एकमात्र सूर्य मंदिर पोखरामा में हर लोगों की मनोकामना पूरी होती है। यहाँ काफी संख्या में छठवर्ती महिलाएं भगवान सूर्य की उपासना करते हैं।


महापर्व की शुरुआत गुरुवार को नहाय-खाय के साथ शुरू।इस दिन गंगा स्नान कर सिंधा नमक से कद्दू की सब्जी और अरवा चावल का प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया जाता है।
दूसरे दिन खरना का व्रत होगा।
तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को गंगाजल और दूध से अर्घ्य के बाद पारण का विधान



गंगा स्नान के लिए लगी रही भीड़ 
लखीसराय, बड़हिया और किउल नदी घाट में लगातार अहले सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी
Body:लखीसराय। बिहार।

स्लग:-सूर्य मंदिर

ऐंकर-लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत पोखरामा गांव स्थित भगवान सूर्य मंदिर में लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर ग्रामीणों द्वारा साफ सफाई का कार्य जोर शोर से चल रहा है। इस बार छठ पूजा के अवसर पर जागरण का आयोजन भी किया जाएगा।
मुंगेर प्रमंडल स्थित एकमात्र सूर्य मंदिर में हर लोगों की मनोकामना पूरी होती है। यहाँ काफी संख्या में छठवर्ती महिलाएं भगवान सूर्य की उपासना करते हैं।

*नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ आज से शुरू*

Vol.....कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी और सप्तमी तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है।
चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत गुरुवार को नहाय-खाय के साथ शुरू।इस दिन गंगा स्नान कर सिंधा नमक से कद्दू की सब्जी और अरवा चावल का प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया जाता है।
दूसरे दिन खरना का व्रत होगा।
तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को गंगाजल और दूध से अर्घ्य के बाद पारण का विधान है हलांकि छठ के दौरान व्रती 36 घंटे का निर्जला रहकर व्रत को करती है।

मान्यता है कि यह पर्व कुष्ठ रोग से मुक्ति, आरोग्यता, संतान की प्राप्ति और अन्य मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए श्रद्धाल छठ पूजा करते आ रहे हैं।
 
*गंगा स्नान के लिए लगी रही भीड़ *
लखीसराय, बड़हिया और किउल नदी घाट में लगातार अहले सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी

बाइट:- रामकिशोर सिंह (स्थानीय)Conclusion:लखीसराय। बिहार।

स्लग:-सूर्य मंदिर

ऐंकर-लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत पोखरामा गांव स्थित भगवान सूर्य मंदिर में लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर ग्रामीणों द्वारा साफ सफाई का कार्य जोर शोर से चल रहा है। इस बार छठ पूजा के अवसर पर जागरण का आयोजन भी किया जाएगा।
मुंगेर प्रमंडल स्थित एकमात्र सूर्य मंदिर में हर लोगों की मनोकामना पूरी होती है। यहाँ काफी संख्या में छठवर्ती महिलाएं भगवान सूर्य की उपासना करते हैं।

*नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ आज से शुरू*

Vol.....कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी और सप्तमी तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है।
चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत गुरुवार को नहाय-खाय के साथ शुरू।इस दिन गंगा स्नान कर सिंधा नमक से कद्दू की सब्जी और अरवा चावल का प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया जाता है।
दूसरे दिन खरना का व्रत होगा।
तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को गंगाजल और दूध से अर्घ्य के बाद पारण का विधान है हलांकि छठ के दौरान व्रती 36 घंटे का निर्जला रहकर व्रत को करती है।

मान्यता है कि यह पर्व कुष्ठ रोग से मुक्ति, आरोग्यता, संतान की प्राप्ति और अन्य मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए श्रद्धाल छठ पूजा करते आ रहे हैं।
 
*गंगा स्नान के लिए लगी रही भीड़ *
लखीसराय, बड़हिया और किउल नदी घाट में लगातार अहले सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी

बाइट:-स्थानीय
Last Updated : Oct 31, 2019, 11:36 PM IST
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