लखीसरायः एक तरफ सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बेटी वरदान है के नारे दे रही है. वहीं, समाज के कुछ लोग अपनी मासूम बेटियों को मौत के घाट उतार रहे हैं. जिले में एक पिता ने अपनी ही तीन मासूम बच्चियों को जान से मारने की कोशिश की. जिसमें एक की मौत हो गई और तीन की हालत नाजुक है.
ये दर्दनाक घटना जिले के हलसी प्रखंड के अन्तर्गत दामोदरपुर गांव की है. यहां के एक बाप ने अपने ही कलेजे के टुकड़े को मौत के हवाले कर दिया. बताया जाता है कि वह चारों लड़कियों को जान से मारने के लिए नहर के किनारे पुल के पास ले गया. जहां पटक-पटक कर उन्हें मारा और पुल के नीचे फेंक दिया. पड़ोसियों की नजर जब रोती-बिलखती बच्चियों पर पड़ी, तो उन्होंने सभी बच्चियों को उठाकर घर पहुंचा दिया. चार बच्चियों में से एक भवानी की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. बाकी तीन बच्चियों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया. जहां से उन्हें पीएमसीएच रेफर कर दिया गया.
बेटी होने से था नाराज
दरअसल, सालों पहले सुलेखा की शादी सिकंदरा थाना क्षेत्र के रायडीह निवासी नंदू यादव से हुई थी. सुलेखा ने 4 बेटियों को जन्म दिया. करिश्मा, भवानी, प्रीति और प्रियंका. बेटी पैदा होने से नाराज पति उसे हमेशा पीटा करता था. इतना ही नहीं वह अपनी मासूम बेटियों के साथ भी मारपीट करने लगा था. घटना के लगभग 7 दिन पहले ही सुलेखा अपने पति द्वारा पीटे जाने के बाद मायके आई थी. सुलेखा के लिए यह मारपीट कोई नई बात नहीं थी.
आरोपी पिता गिरफ्तार
कलयुगी जल्लाद पिता ने उनका पीछा यहां भी नहीं छोड़ा. आरोपी पिता नंदू यादव ससुराल पहुंचा और खुद जहर खाने की बात कह पत्नी को अपने साथ चलने को कहा. पत्नी ने ससुराल जाने से साफ-साफ मना कर दिया. उसके बाद नंदू यादव अपनी चारों बच्चियों को मोटरसाइकिल पर गमछे से बांधकर घर से निकल गया.
घरवालों को लगा की बच्चियों को साथ घर ले गया होगा. लेकिन वह चारों लड़कियों को जान से मारने के लिए ले गया था. बच्ची को नहर किनारे पुल के पास ले जाकर पटक-पटक कर मारा और पूल के नीचे फेंक दिया. फिलहाल कबैया थाना पुलिस आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ कर रही है.