लखीसराय: जिले से 20 किलोमीटर दूर स्थित सूर्यगढा प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत पीरीबाजार नक्सल प्रभावित बरियारपुर पंचायत के टाली कोड़ासी बरियारपुर के निवासी उपेन्द्र कोड़ा के 9 वर्षीय मासूम नीरज जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है. इस मासूम बच्चे का इतना ही कसुर है कि वह एक गरीब परिवार में जन्मा है.
इलाज के लिए नहीं है पैसा
नीरज चार माह पहले बीमार पड़ा था. स्थानीय चिकित्सकों ने बड़े डॉक्टर से दिखाने को कहा था. बच्चे के माता-पिता गीता देवी और दादा राजेन्द्र कोडा ने किसी तरह कृष्णा सेवा सदन लखीसराय लेकर गए. जहां डॉक्टरों ने क्लिनिकल जांच के बाद आईजीएमएस ले जाने को कहा. लेकिन इलाज के लिए पैसा न होने की वजह से नीरज की जिंदगी गरीबी के चौखट पर जिंदगी और मौत से जूझ रहा है.
बच्चे के नाक में लगाया पाइप
लखीसराय में इलाज के दौरान डॉक्टर ने बच्चे के नाक में पाइप लगा दिया था. वहीं बच्चे के नाक से पाइप निकलवाने के लिए लाचार और बेबस माता-पिता के पैसे ही नहीं है.
डॉक्टरों ने नीरज को पटना ले जाने को कहा है. लेकिन अगर किसी तरह पटना चले भी गए तो वहां खाने के लिए कौन देगा. -मरनी देवी, पड़ोसी
तीन महीने से जूझ रहा बच्चा
पैसों के अभाव में लाचार माता-पिता अपने बच्चे को इलाज के लिए नहीं ले जा पा रहे है. बच्चा पिछले तीन महीने से घर में इलाज के अभाव में पड़ा हुआ है. आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि ने सुध भी नहीं लिया है. वहीं पूरा परिवार दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हो गया है. बच्चे के माता-पिता अपने कलेजे के टुकड़े के जीवन दान के लिए किसी मसीहा का इंतजार में है.