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शहीद राहुल पांडे के पिता का बड़ा आरोप, कहा- 'जिला प्रशासन से नहीं मिली किसी प्रकार की मदद'

लखीसराय के रामपुर गांव के मिट्टी के लाल शहीद राहुल कुमार पांडे की अर्थी कलश यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. इस दौरान लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी. वहीं, शहीद के पिता रामानुज पांडे ने जिला प्रशासन पर किसी प्रकार की मदद नहीं देने का आरोप लगाया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Nov 11, 2021, 4:39 PM IST

ASTHI KALASH YATRA OF MARTYR RAHUL KUMAR PANDEY IN LAKHISARAI
ASTHI KALASH YATRA OF MARTYR RAHUL KUMAR PANDEY IN LAKHISARAI

लखीसराय: हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति ( Lahaul Spiti ) में आई बाढ़ में लापता हुए रामपुर गांव (Rampur Village) के मिट्टी के लाल शहीद राहुल कुमार पांडे (Rahul kumar Pandey) की अस्थि कलश यात्रा (Asthi Kalash Yatra) निकाली गई. इस दौरान शहीद बेटे की एक झलक पाने के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. गुरुवार को उनके गांव में अस्थि कलश यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और मध्य विद्यालय प्रांगण में उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई. वहीं, शहीद के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता और बहन ने जिला प्रशासन आरोप लगाया है.

यह भी पढ़ें - कैमूरः BSF जवान की त्रिपुरा में ड्यूटी के दौरान मौत, पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही उमड़ा हुजूम

शहीद राहुल कुमार सीमा सड़क संगठन (BRO) में कनीय अभियंता के पद पर कार्यरत थे. शहीद राहुल कुमार पांडे रामपुर के रहने वाले किसान रामानुज पांडे के पुत्र थे. हिमाचल प्रदेश के स्पीती के तोंजिग नाला में बीते 27 जुलाई 2021 में आई बाढ़ के रेस्क्यू अभियान में राहुल कुमार ने 22 लोगों कि जान बचाई थी. उसके बाद एकाएक आई लैंड स्लाइडिंग में राहुल कुमार पांडे लापाता हो गए थे.

देखें वीडियो

इसकी सूचना परिजनों की लगी तो, पिता सहित पूरा परिवार जिला प्रशासन से लेकर पुलिस मुख्यालय और मुंगेर के कमिश्नर तक न्याय की गुहार लगाई. लेकिन सभी ने उनकी बात को अनसुना कर दिया. जिसके बाद आर्मी के बड़े अधिकारी से वार्तालाप के बाद काफी परिश्रम से राहुल के कपड़े की पहचान की गई. जिसके बाद डीएनए टेस्ट वैज्ञानिक तरीके से पूर्ण होने के बाद राहुल का पता चल पाया. जिसके बाद ही आर्मी के जवान और अधिकारी के द्वारा परिवारों को सद्भावना मिलता रहा.

वहीं, पिता रामानुज पांडे की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. रामानुज हर्ट का पेशेंट है. मां के भी हालत कुछ ठीक नहीं है. पिता रामानुज पांडे ने बताया कि, "जिला प्रशासन से किसी प्रकार की मदद नहीं मिली. आर्मी के जवान के द्वारा राहत देने के बाद ही सद्भावना मिली है."

शहीद राहुल पांडे के बहन राखी कुमारी ने भी बताया कि, "जिला प्रशासन के यह रवैया कहीं से शहीद राहुल के पांडे के हित में नहीं है. जिला प्रशासन चाहता तो कब का ही मेरे भाई की खोज और पहचान हो जाती. लेकिन बड़े अधिकारी से संपर्क करने के बाद ही सारा मामला सामने आया. हमको अपने भाई पर गर्व है."

बात दें कि शहीद राहुल की अस्थियां रविवार की शाम लखीसराय पहुंची. हिमाचल प्रदेश के लाहौल से सीमा सड़क संगठन के सैन्य पदाधिकारियों की अगुवाई में शहीद की अस्थियां किऊल स्टेशन पर पहुंची. इस मौके पर जिला पुलिस के साथ किउल रेल पुलिस और सीमा सड़क संगठन के जवान भी मौजूद रहे. वहीं, गुरुवार को उनके गांव में अस्थि कलश यात्रा निकाली गई.

इस अस्थि कलश यात्रा में रामपुर गांव के आलावे शहर से भी हजारों लोग शामिल हए और सूर्यगढ़ा प्रखंड के रामपुर गांव के मध्य विद्यालय के प्रांगण में भावपूर्ण श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि समेत अन्य गणमान्य लोगों ने माला अर्पण कर शहीद को सलामी दी. जिसके बाद शहीद राहुल कुमार पांडे के अस्थि कलश को परिजन से मुलाकात कर सौंप दिया. इस मौके पर आर्मी के जवान और जिला प्रशासन के रूप में लंगड़ा के प्रखंड विकास पदाधिकारी और सूर्यगढ़ा थाना अध्यक्ष चंदन कुमार मौके पर मौजूद थे.

इस संबंध में सूचना के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि आगामी पंचायत चुनाव को लेकर जिलाधिकारी संजय कुमार और पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार की व्यस्तता के कारण मौके पर नहीं पहुंचे. इनके आदेश पर सूर्यगढ़ा थानाध्यक्ष और प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा स्थानीय पुलिस बल सुरक्षा की दृष्टि में लगाया गया और शांतिपूर्ण तरीके से अस्थि कलश यात्रा में सुरक्षा प्रदान किया गया.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में 27 जुलाई को आई भारी बाढ़ की वजह से 10 लोगों की जानें चली गईं थी और इससे लाहौल का उदयपुर क्षेत्र कई दिनों तक शेष दुनिया से पूरी तरह कट गया था. बाढ़ की वजह से यातायात सुविधांए पूरी तरह प्रभावित हुई थी और इस क्षेत्र में फंसे पर्यटकों को एयरलिफ्ट करना पड़ा था. इस दौरान रेस्क्यू अभियान में कई जवान शहीद हुए थे. जबकि बिहार के राहुल कुमार पानी की धार में लापाता हो गए थे और उनका कोई पता नहीं चल पाया था. बाद में मलवे के अंदर दबे उनके कपड़े से किए गए डीएनए टेस्ट के अधार पर उनका पता चला.

यह भी पढ़ें - लाहौल घाटी में सड़क बहाली के दौरान हुआ भूस्खलन, बीआरओ के जवान की हुई मौत

लखीसराय: हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति ( Lahaul Spiti ) में आई बाढ़ में लापता हुए रामपुर गांव (Rampur Village) के मिट्टी के लाल शहीद राहुल कुमार पांडे (Rahul kumar Pandey) की अस्थि कलश यात्रा (Asthi Kalash Yatra) निकाली गई. इस दौरान शहीद बेटे की एक झलक पाने के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. गुरुवार को उनके गांव में अस्थि कलश यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और मध्य विद्यालय प्रांगण में उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई. वहीं, शहीद के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता और बहन ने जिला प्रशासन आरोप लगाया है.

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शहीद राहुल कुमार सीमा सड़क संगठन (BRO) में कनीय अभियंता के पद पर कार्यरत थे. शहीद राहुल कुमार पांडे रामपुर के रहने वाले किसान रामानुज पांडे के पुत्र थे. हिमाचल प्रदेश के स्पीती के तोंजिग नाला में बीते 27 जुलाई 2021 में आई बाढ़ के रेस्क्यू अभियान में राहुल कुमार ने 22 लोगों कि जान बचाई थी. उसके बाद एकाएक आई लैंड स्लाइडिंग में राहुल कुमार पांडे लापाता हो गए थे.

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इसकी सूचना परिजनों की लगी तो, पिता सहित पूरा परिवार जिला प्रशासन से लेकर पुलिस मुख्यालय और मुंगेर के कमिश्नर तक न्याय की गुहार लगाई. लेकिन सभी ने उनकी बात को अनसुना कर दिया. जिसके बाद आर्मी के बड़े अधिकारी से वार्तालाप के बाद काफी परिश्रम से राहुल के कपड़े की पहचान की गई. जिसके बाद डीएनए टेस्ट वैज्ञानिक तरीके से पूर्ण होने के बाद राहुल का पता चल पाया. जिसके बाद ही आर्मी के जवान और अधिकारी के द्वारा परिवारों को सद्भावना मिलता रहा.

वहीं, पिता रामानुज पांडे की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. रामानुज हर्ट का पेशेंट है. मां के भी हालत कुछ ठीक नहीं है. पिता रामानुज पांडे ने बताया कि, "जिला प्रशासन से किसी प्रकार की मदद नहीं मिली. आर्मी के जवान के द्वारा राहत देने के बाद ही सद्भावना मिली है."

शहीद राहुल पांडे के बहन राखी कुमारी ने भी बताया कि, "जिला प्रशासन के यह रवैया कहीं से शहीद राहुल के पांडे के हित में नहीं है. जिला प्रशासन चाहता तो कब का ही मेरे भाई की खोज और पहचान हो जाती. लेकिन बड़े अधिकारी से संपर्क करने के बाद ही सारा मामला सामने आया. हमको अपने भाई पर गर्व है."

बात दें कि शहीद राहुल की अस्थियां रविवार की शाम लखीसराय पहुंची. हिमाचल प्रदेश के लाहौल से सीमा सड़क संगठन के सैन्य पदाधिकारियों की अगुवाई में शहीद की अस्थियां किऊल स्टेशन पर पहुंची. इस मौके पर जिला पुलिस के साथ किउल रेल पुलिस और सीमा सड़क संगठन के जवान भी मौजूद रहे. वहीं, गुरुवार को उनके गांव में अस्थि कलश यात्रा निकाली गई.

इस अस्थि कलश यात्रा में रामपुर गांव के आलावे शहर से भी हजारों लोग शामिल हए और सूर्यगढ़ा प्रखंड के रामपुर गांव के मध्य विद्यालय के प्रांगण में भावपूर्ण श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि समेत अन्य गणमान्य लोगों ने माला अर्पण कर शहीद को सलामी दी. जिसके बाद शहीद राहुल कुमार पांडे के अस्थि कलश को परिजन से मुलाकात कर सौंप दिया. इस मौके पर आर्मी के जवान और जिला प्रशासन के रूप में लंगड़ा के प्रखंड विकास पदाधिकारी और सूर्यगढ़ा थाना अध्यक्ष चंदन कुमार मौके पर मौजूद थे.

इस संबंध में सूचना के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि आगामी पंचायत चुनाव को लेकर जिलाधिकारी संजय कुमार और पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार की व्यस्तता के कारण मौके पर नहीं पहुंचे. इनके आदेश पर सूर्यगढ़ा थानाध्यक्ष और प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा स्थानीय पुलिस बल सुरक्षा की दृष्टि में लगाया गया और शांतिपूर्ण तरीके से अस्थि कलश यात्रा में सुरक्षा प्रदान किया गया.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में 27 जुलाई को आई भारी बाढ़ की वजह से 10 लोगों की जानें चली गईं थी और इससे लाहौल का उदयपुर क्षेत्र कई दिनों तक शेष दुनिया से पूरी तरह कट गया था. बाढ़ की वजह से यातायात सुविधांए पूरी तरह प्रभावित हुई थी और इस क्षेत्र में फंसे पर्यटकों को एयरलिफ्ट करना पड़ा था. इस दौरान रेस्क्यू अभियान में कई जवान शहीद हुए थे. जबकि बिहार के राहुल कुमार पानी की धार में लापाता हो गए थे और उनका कोई पता नहीं चल पाया था. बाद में मलवे के अंदर दबे उनके कपड़े से किए गए डीएनए टेस्ट के अधार पर उनका पता चला.

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