लखीसराय: बिहार के लखीसराय में बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के द्वारा आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन संघ के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन करना पड़ा. इस दौरान पांच सौ की संख्या में महिलाओं ने केआरके हाई स्कूल के मैदान से जिला समाहरणालय तक पैदल मार्च निकाला. पिछले 4 अक्टूबर से बिहार की आंगनबाड़ी सेविकाएं धरना प्रदर्शन कर रही हैं.
लखीसराय में आंगनबाड़ी सेविकाओं का प्रदर्शन: आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका ने मानदेय और प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कर्मचारी सेविका और सहायिका का कहना है कि आज का आंदोलन बिहार सरकार के जनविरोधी नीति के खिलाफ है. 29 सितम्बर को एक बैठक के माध्यम से वार्तालाप करने के बाद हमारी मांगों को पूरा करने की बात कही गई थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया है.
"तेजस्वी जी ने वादा किया था कि हम सरकार में आएंगे तो मानदेय दोगुना करेंगे लेकिन पता नहीं वो भूल गए, हम लोग भाई समझकर उनको वोट दिए थे, ताकि वो सरकार में आए और हमारी मांगे पूरा करें. ऐसे भाई को हमलोग गद्दी पर रखने को तैयार नहीं है. अगर हमारा मानदेय और वेतन नहीं बढ़ाया जाएगा तो अगली बार के चुनाव में उस भाई को हम गद्दी से उतार देंगे. इसकी शपथ हमलोगों ने ले ली है."- चिंता देवी, लखीसराय जिला अध्यक्ष,आंगनबाड़ी
'पांच दिनों का विधानसभा घेराव': साथ ही सहायिकाओं और सेविकाओं ने ऐलान किया है कि आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. सरकार समय रहते हमारी मांग को पूरा करने पर विचार नहीं करती है तो आने वाले समय में इससे ज्यादा संख्या भीड़ जमा होगी और प्रदर्शन किया जाएगा. काम के अनुसार हमें मानदेय दिया जाए. आक्रोशित सेविकाओं ने कहा है कि विधानसभा में पांच दिन का डेरा डालो घेराव है.