ETV Bharat / state

ऑपरेटर नहीं होने की वजह से सदर अस्पताल में लगे 6 वेंटिलेटर बंद, सिविल सर्जन दे रहे हैं 'दलीलें'

पिछले साल जब कोरोना ने देश में कहर बरपाया था तब सरकार ने राज्य के सदर अस्पतालों में वेंटिलटर की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन अब तक से लेकर अब तक वेंटिलेटर के लिए ऑपरेटरों की बहाला नहीं हुई लिहाजा इस साल जब कोरोना एक बार फिर से कहर ढाह रहा है तो मरीजों की मौत पर सिविल सर्जन से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक 'गीत गा' रहे हैं.

KISANGANJ
किशनगंज सदर अस्पताल,
author img

By

Published : May 1, 2021, 9:54 PM IST

किशनगंज: सदर अस्पताल में लगे आईसीयू बेड सिर्फ अस्पताल की शोभा बढ़ा रहे हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए सदर अस्पताल में लगाए गए छह वेंटिलेटर 8 माह बाद में चालू नहीं हो पाया है. जिस कारण कोविड-19 संक्रमित गंभीर मरीजों को भागलपुर कोविड केयर सेंटर, मधेपुरा कोविड केयर सेंटर और पटना कोविड केयर सेंटर भेजा रहा है. इसके अलावा अधिकतर संक्रमित मरीज बंगाल के सिल्लीगुड़ी में इलाज के लिए जा रहे हैं.

'टेक्नीशियन के अभाव में अब तक वेंटिलेटर चालू नहीं हो सका है. जबकि आठ माह बीत जाने के बाद भी एक भी टेक्नीशियन या ऑपरेटर को वेंटिलेटर संचालन का प्रशिक्षण नहीं कराया गया'. - सदर अस्पताल प्रशासन

ये भी पढ़ें...भोजपुर: कोरोना काल में भी डॉक्टर नहीं जा रहे अस्पताल, मरीज बेहाल

टेक्नीशियन और ऑपरेटर की कमीजब कोराना संक्रमण अपने चरम पर है तो स्वास्थ्य विभाग टेक्नीशियन और ऑपरेटर को प्रशिक्षण हेतु एमजीएम मेडिकल कॉलेज से गुहार लगा रहा है. वेंटिलेटर के नहीं रहने से जिले के गंभीर संक्रमित मरीजों को सिल्लीगुड़ी का रुख करना पड़ रहा है. गुरुवार को भी समय पर आईसीयू सुविधा नहीं मिलने के कारण सदर अस्पताल में एक बुजुर्ग कोरोना संक्रमित की मौत हो गई.

ये भी पढ़ें...जमुई: DM और DDC ने किया कोविड डेडिकेटेड सेंटर का निरीक्षण, ऑक्सीजन और दवा उपलब्ध रखने के दिए निर्देश

जिला को मिला था छह वेंटिलेटर
आठ माह पूर्व बिहार सरकार ने किशनगंज को छह वेंटिलेटर दिया था. जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल के ट्रामा सेंटर में सभी वेंटिलेटर को लगाया गया है. यह वेंटिलेटर सिर्फ गंभीर कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए लगाया गया है लेकिन अब तक इसकी सुविधा मरीजों की नहीं मिली है.

'आईसीयू में ऑपरेटर को लेकर अस्पताल कर्मियों को मेडिकल कॉलेज के द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जल्द आईसीयू सेवा सदर अस्पताल में शुरू हो जाएगी. लेकिन कब तक होगा यह कहना मुश्किल है'.-डॉक्टर नंदन, सिविल सर्जन

किशनगंज: सदर अस्पताल में लगे आईसीयू बेड सिर्फ अस्पताल की शोभा बढ़ा रहे हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए सदर अस्पताल में लगाए गए छह वेंटिलेटर 8 माह बाद में चालू नहीं हो पाया है. जिस कारण कोविड-19 संक्रमित गंभीर मरीजों को भागलपुर कोविड केयर सेंटर, मधेपुरा कोविड केयर सेंटर और पटना कोविड केयर सेंटर भेजा रहा है. इसके अलावा अधिकतर संक्रमित मरीज बंगाल के सिल्लीगुड़ी में इलाज के लिए जा रहे हैं.

'टेक्नीशियन के अभाव में अब तक वेंटिलेटर चालू नहीं हो सका है. जबकि आठ माह बीत जाने के बाद भी एक भी टेक्नीशियन या ऑपरेटर को वेंटिलेटर संचालन का प्रशिक्षण नहीं कराया गया'. - सदर अस्पताल प्रशासन

ये भी पढ़ें...भोजपुर: कोरोना काल में भी डॉक्टर नहीं जा रहे अस्पताल, मरीज बेहाल

टेक्नीशियन और ऑपरेटर की कमीजब कोराना संक्रमण अपने चरम पर है तो स्वास्थ्य विभाग टेक्नीशियन और ऑपरेटर को प्रशिक्षण हेतु एमजीएम मेडिकल कॉलेज से गुहार लगा रहा है. वेंटिलेटर के नहीं रहने से जिले के गंभीर संक्रमित मरीजों को सिल्लीगुड़ी का रुख करना पड़ रहा है. गुरुवार को भी समय पर आईसीयू सुविधा नहीं मिलने के कारण सदर अस्पताल में एक बुजुर्ग कोरोना संक्रमित की मौत हो गई.

ये भी पढ़ें...जमुई: DM और DDC ने किया कोविड डेडिकेटेड सेंटर का निरीक्षण, ऑक्सीजन और दवा उपलब्ध रखने के दिए निर्देश

जिला को मिला था छह वेंटिलेटर
आठ माह पूर्व बिहार सरकार ने किशनगंज को छह वेंटिलेटर दिया था. जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल के ट्रामा सेंटर में सभी वेंटिलेटर को लगाया गया है. यह वेंटिलेटर सिर्फ गंभीर कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए लगाया गया है लेकिन अब तक इसकी सुविधा मरीजों की नहीं मिली है.

'आईसीयू में ऑपरेटर को लेकर अस्पताल कर्मियों को मेडिकल कॉलेज के द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जल्द आईसीयू सेवा सदर अस्पताल में शुरू हो जाएगी. लेकिन कब तक होगा यह कहना मुश्किल है'.-डॉक्टर नंदन, सिविल सर्जन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.