किशनगंज: बिहार के किशनगंज में आदिवासी समुदाय के लोगों ने धरना-प्रदर्शन किया. सरना धर्मकोड लागू (Sarna Dharmcode Implemented) करने और पारसनाथ पर्वत पर अधिकार देने की मांग को लेकर आज यानी 11 फरवरी को आदिवासी समुदाय के लोगों ने किशनगंज रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया और जमकर प्रदर्शन किया. इन लोगों के द्वारा अपने परंपरागत हथियार तीर धनुष लेकर लगभग डेढ़ घंटे तक रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया गया. जिससे राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के अलावे कई महत्वपूर्ण ट्रेन बाधित रही.
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आदिवासी समुदाय का धरना प्रदर्शन : आंदोलन कर रहे आदिवासी नेताओं ने कहा कि उनकी दो महत्वपूर्ण मांग है. पहली मांग केंद्र सरकार आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड को लागू कर अन्य धर्मों की भांति आदिवासियों के धर्म को लेकर मान्यता दी जाए. दूसरी मांग झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित पारसनाथ पर्वत जो उनके मरांग गुरु का धार्मिक स्थल है. जिसपर झारखंड सरकार ने जैन समुदाय के पक्ष में फैसला सुनाया है, उससे आदिवासी समुदाय के लोगों के अधिकारों का हनन किया गया है.
सरना धर्म को लागू करने की मांग : आदिवासी नेताओं ने कहा कि- "उस पर्वत पर आदिवासी समुदाय के लोगों को भी अपने मरांग गुरु की पूजा अर्चना करने का अधिकार दिया जाए. अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो इससे भी उग्र आंदोलन चलाया जाएगा." आदिवासी समुदाय के लोगों के द्वारा रेलवे ट्रेक को लगभग डेढ़ घंटे जाम किया गया था. जिससे राजधानी एक्सप्रेस, महानंदा एक्सप्रेस सहित कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा. आदिवासी नेताओं द्वारा एक मांग पत्र भी सौंपी गयी है.
"आदिवासी समुदाय के लोगों ने विभिन्न मांगों को लेकर रेलवे ट्रेक को जाम किया था. जिन्हें समझा-बुझाकर रेलवे ट्रैक को खाली करवा दिया गया है. उनके द्वारा सौंपी गयी मांग पत्र को रेलवे के अधिकारियों के हवाले से महामहिम राष्ट्रपति को भेजा जाएगा." - अमिताभ कुमार, किशनगंज एसडीएम