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बिहार में NRC को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म, सोशल मीडिया पर लेटर हो रहा वायरल

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो रहा है. जिसमें लिखा है कि किशनगंज और बिहार में जल्द एनआरसी लागू होने वाला है. डीएम ने कहा कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है.

बिहार एनआरसी
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Published : Sep 11, 2019, 8:03 AM IST

किशनगंज: असम में एनआरसी लागू होने के बाद बिहार में भी इसकी मांग होने लगी है. एनआरसी के मुद्दे को लेकर इन दिनों प्रदेश में सियासत तेज है. इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ भड़काऊ पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिससे सामाजिक सौहार्द को नुकसान हो सकता है. इसके लिए किशनगंज डीएम ने लोगों से इन अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है.

डीएम हिमांशु शर्मा ने एक कार्यक्रम के दौरान लोगों से कहा कि सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो रहा है. जिसमें लिखा है कि किशनगंज और बिहार में जल्द एनआरसी लागू होने वाला है. इस बात में कोई सच्चाई नहीं है. डीएम ने कहा कि फिलहाल, एनआरसी का बिहार में दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है.

डीएम ने की लोगों से अपील

भौगोलिक बनावट के कारण हुआ पलायन
दरअसल, जिले में यह वायरल लेटर चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग इस लेटर के कारण परेशान घूम रहे हैं. डीएम ने कहा कि किशनगंज सीमावर्ती इलाका होने के कारण पिछले 60-70 सालों में यहां बहुत लोग आकर बसे हैं. बीते दिनों यहां बहुत पलायन हुआ है. डीएम ने कहा कि ऐसे लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

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'चिकेन नेक' के नाम से जाना जाता है जिला
बता दें कि बीजेपी नेताओं की ओर से बिहार में एनआरसी लागू किए जाने की मांग उठ रही है. उनका कहना है कि प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में एनआरसी लागू होना चाहिए. जिसमें किशनगंज का भी नाम शामिल है. गौरतलब है कि किशनगंज को 'चिकेन नेक' के नाम से भी जाना जाता है. किशनगंज सात राज्य के प्रवेश द्वार के साथ-साथ नेपाल और बांग्लादेश की सीमा से भी सटा हुआ है. किशनगंज से बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की दूरी मात्र 40 किमी है.

किशनगंज: असम में एनआरसी लागू होने के बाद बिहार में भी इसकी मांग होने लगी है. एनआरसी के मुद्दे को लेकर इन दिनों प्रदेश में सियासत तेज है. इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ भड़काऊ पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिससे सामाजिक सौहार्द को नुकसान हो सकता है. इसके लिए किशनगंज डीएम ने लोगों से इन अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है.

डीएम हिमांशु शर्मा ने एक कार्यक्रम के दौरान लोगों से कहा कि सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो रहा है. जिसमें लिखा है कि किशनगंज और बिहार में जल्द एनआरसी लागू होने वाला है. इस बात में कोई सच्चाई नहीं है. डीएम ने कहा कि फिलहाल, एनआरसी का बिहार में दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है.

डीएम ने की लोगों से अपील

भौगोलिक बनावट के कारण हुआ पलायन
दरअसल, जिले में यह वायरल लेटर चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग इस लेटर के कारण परेशान घूम रहे हैं. डीएम ने कहा कि किशनगंज सीमावर्ती इलाका होने के कारण पिछले 60-70 सालों में यहां बहुत लोग आकर बसे हैं. बीते दिनों यहां बहुत पलायन हुआ है. डीएम ने कहा कि ऐसे लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

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'चिकेन नेक' के नाम से जाना जाता है जिला
बता दें कि बीजेपी नेताओं की ओर से बिहार में एनआरसी लागू किए जाने की मांग उठ रही है. उनका कहना है कि प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में एनआरसी लागू होना चाहिए. जिसमें किशनगंज का भी नाम शामिल है. गौरतलब है कि किशनगंज को 'चिकेन नेक' के नाम से भी जाना जाता है. किशनगंज सात राज्य के प्रवेश द्वार के साथ-साथ नेपाल और बांग्लादेश की सीमा से भी सटा हुआ है. किशनगंज से बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की दूरी मात्र 40 किमी है.

Intro:एन आर सी को लेकर किसी भी अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील किशनगंज डीएम हिमांशु शर्मा ने एक कार्यक्रम के दौरान लोगों से की।डीएम हिमांशु शर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक लेटर भाइरल हो रहा है की एनआरसी किशनगंज में और बिहार में शीघ्र लागू होने वाला है। डीएम ने कहा एनआरसी का बिहार में दूर-दूर तक अभी कोई लेना-देना नहीं है। लोग इस भाईरल लेटर से परेशान होकर घूम रहे हैं ।वह किसी भी धर्म का हो या किसी भी जाति का हो लोग सोच रहे हैं। क्योंकि बहुत सारे लोग पिछले 60-70 सालों में किशनगंज आकर बसे हैं। यहां पर हर धर्म का लोग है। क्योंकि यहां पर पहले उतनी बसाहट नहीं थी। जो मुझे बताया गया है। डीएम ने कहा मैंने जितना पढ़ा है इस क्षेत्र के बारे में। 60 से 70 साल में यहां पर बहुत माइग्रेशन हुआ है। बहुत सारे लोग देश के विभिन्न इलाके से यहां पर आकर बसे है।

बाइटः हिमांशु शर्मा, डीएम किशनगंज


Body:डीएम हिमांशु शर्मा ने कहा मैं स्पष्ट कर दो एनआरसी को लेकर बिहार या किशनगंज में कोई जीक्र अभी नहीं है। मैं यह भी कह दूं असम में जो एनआरसी का मसला था। वह 1951 में एक रजिस्टर बना था। एनआरसी मींस नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन वह1951 में बना था फिर 1985 में असम अगर साइन हुआ और उसमें ये एक शर्त रखी गई थी की 25 मार्च 1971 की कटऑफ डेट के साथ एन आर सी के रजिस्टर को अपडेट किया जाए। और सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल बकरा दाखिल होने पर माननीय उच्चतम न्यायालय ने इसको एनशियोर कराया कि वह रजिस्टर अपडेट करें।


Conclusion:डीएम ने कहा हमारे किशनगंज व बिहार में ना तो एन आर सी रजिस्टर है। हमारे यहां अपने सर्वे है। जो 1956 में यहां पर सर्वे हुआ है। जिसका रजिस्टर ना है और ना ही उसको अपडेट करने का कोई प्रश्न है। तो जो अफवाह इस तरीके का मैसेज सर्कुलेट किया जा रहा है वह बिल्कुल फेक है, झूठा है, अफवाह है इस पर बिल्कुल ध्यान नहीं देना है। सब लोग यहां पर एक निश्चिंत होकर बढ़िया से हम लोगों को रहना है। एन आर सी को लेकर जिस तरीके का भागा दौड़ी मचाए हुए हैं उसको परहेज कीजिए। किशनगंज में एनआरसी का कोई लेना देना नहीं है। यह सिर्फ वहां पर असम में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से रजिस्टर अपडेट हुआ था।

आपको बता दें किशनगंज को चिकेन नेक के नाम से भी जाना जाता है।किशनगंज सात राज्य के प्रवेश द्वार के साथ साथ नेपाल व बाग्लादेश के सीमा से सटा हुआ है।किशनगंज से बाग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की दूरी मात्र 40 किमी है।
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