किशनगंज: असम में एनआरसी लागू होने के बाद बिहार में भी इसकी मांग होने लगी है. एनआरसी के मुद्दे को लेकर इन दिनों प्रदेश में सियासत तेज है. इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ भड़काऊ पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिससे सामाजिक सौहार्द को नुकसान हो सकता है. इसके लिए किशनगंज डीएम ने लोगों से इन अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है.
डीएम हिमांशु शर्मा ने एक कार्यक्रम के दौरान लोगों से कहा कि सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो रहा है. जिसमें लिखा है कि किशनगंज और बिहार में जल्द एनआरसी लागू होने वाला है. इस बात में कोई सच्चाई नहीं है. डीएम ने कहा कि फिलहाल, एनआरसी का बिहार में दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है.
भौगोलिक बनावट के कारण हुआ पलायन
दरअसल, जिले में यह वायरल लेटर चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग इस लेटर के कारण परेशान घूम रहे हैं. डीएम ने कहा कि किशनगंज सीमावर्ती इलाका होने के कारण पिछले 60-70 सालों में यहां बहुत लोग आकर बसे हैं. बीते दिनों यहां बहुत पलायन हुआ है. डीएम ने कहा कि ऐसे लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
-
NRC पर बोले गिरिराज- इंदिरा गांधी की इच्छा शक्ति वोट बैंक तक सिमटी, मोदी की है राष्ट्रीय सोच https://t.co/YrRYcxJzTt
— ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 9, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">NRC पर बोले गिरिराज- इंदिरा गांधी की इच्छा शक्ति वोट बैंक तक सिमटी, मोदी की है राष्ट्रीय सोच https://t.co/YrRYcxJzTt
— ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 9, 2019NRC पर बोले गिरिराज- इंदिरा गांधी की इच्छा शक्ति वोट बैंक तक सिमटी, मोदी की है राष्ट्रीय सोच https://t.co/YrRYcxJzTt
— ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 9, 2019
'चिकेन नेक' के नाम से जाना जाता है जिला
बता दें कि बीजेपी नेताओं की ओर से बिहार में एनआरसी लागू किए जाने की मांग उठ रही है. उनका कहना है कि प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में एनआरसी लागू होना चाहिए. जिसमें किशनगंज का भी नाम शामिल है. गौरतलब है कि किशनगंज को 'चिकेन नेक' के नाम से भी जाना जाता है. किशनगंज सात राज्य के प्रवेश द्वार के साथ-साथ नेपाल और बांग्लादेश की सीमा से भी सटा हुआ है. किशनगंज से बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की दूरी मात्र 40 किमी है.