किशनगंज: जिले के एसडीपीओ डॉ.अखिलेश कुमार ने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया है और वे जल्द पटना साइंस कॉलेज में जूलॉजी के प्रोफेसर का पद ग्रहण करेंगे. एसडीपीओ ने रविवार को छठ पर्व के दौरान पुलिस की यूनिफॉर्म में लॉ एंड ऑर्डर का आखिरी ड्यूटी की. वहीं, रविवार को जिला प्रशासन ने एसडीपीओ को फेयरवेल पार्टी देकर विदाई समारोह आयोजित किया.
पीयू में नई नौकरी करेंगे ज्वाइन
बता दें कि बीपीएससी के जरिए एसडीपीओ डॉ. अखिलेश कुमार का चयन पटना यूनिवर्सिटी में सहायक प्राध्यापक के पद पर हुआ है. अगले माह वो पीयू में नई नौकरी ज्वाइन करेंगे. इसको लेकर उन्हें बिहार पुलिस सेवा से विरमित कर दिया गया है. बीते गुरुवार को ही इस संबंध में गृह विभाग (आरक्षी शाखा) ने अधिसूचना जारी कर दी. जिसमे स्पष्ट कहा गया है कि विरमित होने के बाद बिहार पुलिस सेवा में उनका किसी तरह का कोई दावा विचारणीय नहीं होगा.
टॉप 10 में शामिल थे डॉ अखिलेश
बता दें कि 6 साल पहले 2013 में अखिलेश कुमार ने बिहार पुलिस सेवा में बतौर डीएसपी जॉइन किया था. दो दशक में यह पहला मौका है, जब किसी डीएसपी रैंक के अधिकारी ने प्रोफेसर बनने के लिए पुलिस सेवा की नौकरी छोड़ी है. बता दें कि वर्ष 2013 में आयोजित बीपीएससी की परीक्षा में डॉ अखिलेश टॉप 10 सफल अभ्यर्थियों में शामिल थे. इसके आधार पर उनका चयन बिहार पुलिस सेवा के लिए किया गया था. डॉक्टर अखिलेश कुमार अररिया जिले के फारबिसगंज के मूल निवासी है. उन्होंने पटना स्थित कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पीजी और पीएचडी की डिग्री हासिल की है.
युवाओं के भविष्य निर्माण का करेंगे काम
डॉक्टर अखिलेश कुमार ने बताया कि किशनगंज में डेढ़ वर्ष में उन्होंने कई बड़े क्रिमिनल को पकड़ने में सफलता हासिल की साथ ही बड़े-बड़े केस को सॉल्व किया. इस दौरान लोगों से काफी प्यार और स्नेह मिला. उन्होंने बताया कि लोगों के अंदर में पुलिस की नौकरी को लेकर भ्रांति फैला है. पुलिस की नौकरी बहुत रोबदार होता है. डॉक्टर अखिलेश ने कहा कि उन्होंने हमेशा इसे झूठलाने का प्रयास किया. उन्होंने बताया कि प्रोफेसर की नौकरी चुनने के पीछे कई कारण और उनके अंदर बहुत सपने हैं. अखिलेश कुमार बिहार के युवाओं के लिए बड़ा काम करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के युवाओं के भविष्य निर्माण करने कि लिए वो काम करेंगे.