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किशनगंज: एसडीपीओ डॉ अखिलेश कुमार ने दिया इस्तीफा, पटना साइंस कॉलेज में बनेंगे प्रोफेसर

एसडीपीओ डॉ अखिलेश कुमार ने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने बताया कि वे पटना साइंस कॉलेज में जूलॉजी के प्रोफेसर का पद ग्रहण करेंगे. उन्हें बिहार पुलिस सेवा से विरमित कर दिया गया है. बीते गुरुवार को ही इस संबंध में गृह विभाग (आरक्षी शाखा) ने अधिसूचना जारी कर दी.

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Published : Nov 4, 2019, 3:51 AM IST

Updated : Nov 4, 2019, 4:18 AM IST

किशनगंज: जिले के एसडीपीओ डॉ.अखिलेश कुमार ने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया है और वे जल्द पटना साइंस कॉलेज में जूलॉजी के प्रोफेसर का पद ग्रहण करेंगे. एसडीपीओ ने रविवार को छठ पर्व के दौरान पुलिस की यूनिफॉर्म में लॉ एंड ऑर्डर का आखिरी ड्यूटी की. वहीं, रविवार को जिला प्रशासन ने एसडीपीओ को फेयरवेल पार्टी देकर विदाई समारोह आयोजित किया.

पीयू में नई नौकरी करेंगे ज्वाइन
बता दें कि बीपीएससी के जरिए एसडीपीओ डॉ. अखिलेश कुमार का चयन पटना यूनिवर्सिटी में सहायक प्राध्यापक के पद पर हुआ है. अगले माह वो पीयू में नई नौकरी ज्वाइन करेंगे. इसको लेकर उन्हें बिहार पुलिस सेवा से विरमित कर दिया गया है. बीते गुरुवार को ही इस संबंध में गृह विभाग (आरक्षी शाखा) ने अधिसूचना जारी कर दी. जिसमे स्पष्ट कहा गया है कि विरमित होने के बाद बिहार पुलिस सेवा में उनका किसी तरह का कोई दावा विचारणीय नहीं होगा.

Kishanganj
एसडीपीओ डॉ अखिलेश कुमार

टॉप 10 में शामिल थे डॉ अखिलेश
बता दें कि 6 साल पहले 2013 में अखिलेश कुमार ने बिहार पुलिस सेवा में बतौर डीएसपी जॉइन किया था. दो दशक में यह पहला मौका है, जब किसी डीएसपी रैंक के अधिकारी ने प्रोफेसर बनने के लिए पुलिस सेवा की नौकरी छोड़ी है. बता दें कि वर्ष 2013 में आयोजित बीपीएससी की परीक्षा में डॉ अखिलेश टॉप 10 सफल अभ्यर्थियों में शामिल थे. इसके आधार पर उनका चयन बिहार पुलिस सेवा के लिए किया गया था. डॉक्टर अखिलेश कुमार अररिया जिले के फारबिसगंज के मूल निवासी है. उन्होंने पटना स्थित कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पीजी और पीएचडी की डिग्री हासिल की है.

एसडीपीओ डॉ अखिलेश कुमार ने पुलिस की नौकरी से दिया इस्तीफा

युवाओं के भविष्य निर्माण का करेंगे काम
डॉक्टर अखिलेश कुमार ने बताया कि किशनगंज में डेढ़ वर्ष में उन्होंने कई बड़े क्रिमिनल को पकड़ने में सफलता हासिल की साथ ही बड़े-बड़े केस को सॉल्व किया. इस दौरान लोगों से काफी प्यार और स्नेह मिला. उन्होंने बताया कि लोगों के अंदर में पुलिस की नौकरी को लेकर भ्रांति फैला है. पुलिस की नौकरी बहुत रोबदार होता है. डॉक्टर अखिलेश ने कहा कि उन्होंने हमेशा इसे झूठलाने का प्रयास किया. उन्होंने बताया कि प्रोफेसर की नौकरी चुनने के पीछे कई कारण और उनके अंदर बहुत सपने हैं. अखिलेश कुमार बिहार के युवाओं के लिए बड़ा काम करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के युवाओं के भविष्य निर्माण करने कि लिए वो काम करेंगे.

किशनगंज: जिले के एसडीपीओ डॉ.अखिलेश कुमार ने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया है और वे जल्द पटना साइंस कॉलेज में जूलॉजी के प्रोफेसर का पद ग्रहण करेंगे. एसडीपीओ ने रविवार को छठ पर्व के दौरान पुलिस की यूनिफॉर्म में लॉ एंड ऑर्डर का आखिरी ड्यूटी की. वहीं, रविवार को जिला प्रशासन ने एसडीपीओ को फेयरवेल पार्टी देकर विदाई समारोह आयोजित किया.

पीयू में नई नौकरी करेंगे ज्वाइन
बता दें कि बीपीएससी के जरिए एसडीपीओ डॉ. अखिलेश कुमार का चयन पटना यूनिवर्सिटी में सहायक प्राध्यापक के पद पर हुआ है. अगले माह वो पीयू में नई नौकरी ज्वाइन करेंगे. इसको लेकर उन्हें बिहार पुलिस सेवा से विरमित कर दिया गया है. बीते गुरुवार को ही इस संबंध में गृह विभाग (आरक्षी शाखा) ने अधिसूचना जारी कर दी. जिसमे स्पष्ट कहा गया है कि विरमित होने के बाद बिहार पुलिस सेवा में उनका किसी तरह का कोई दावा विचारणीय नहीं होगा.

Kishanganj
एसडीपीओ डॉ अखिलेश कुमार

टॉप 10 में शामिल थे डॉ अखिलेश
बता दें कि 6 साल पहले 2013 में अखिलेश कुमार ने बिहार पुलिस सेवा में बतौर डीएसपी जॉइन किया था. दो दशक में यह पहला मौका है, जब किसी डीएसपी रैंक के अधिकारी ने प्रोफेसर बनने के लिए पुलिस सेवा की नौकरी छोड़ी है. बता दें कि वर्ष 2013 में आयोजित बीपीएससी की परीक्षा में डॉ अखिलेश टॉप 10 सफल अभ्यर्थियों में शामिल थे. इसके आधार पर उनका चयन बिहार पुलिस सेवा के लिए किया गया था. डॉक्टर अखिलेश कुमार अररिया जिले के फारबिसगंज के मूल निवासी है. उन्होंने पटना स्थित कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पीजी और पीएचडी की डिग्री हासिल की है.

एसडीपीओ डॉ अखिलेश कुमार ने पुलिस की नौकरी से दिया इस्तीफा

युवाओं के भविष्य निर्माण का करेंगे काम
डॉक्टर अखिलेश कुमार ने बताया कि किशनगंज में डेढ़ वर्ष में उन्होंने कई बड़े क्रिमिनल को पकड़ने में सफलता हासिल की साथ ही बड़े-बड़े केस को सॉल्व किया. इस दौरान लोगों से काफी प्यार और स्नेह मिला. उन्होंने बताया कि लोगों के अंदर में पुलिस की नौकरी को लेकर भ्रांति फैला है. पुलिस की नौकरी बहुत रोबदार होता है. डॉक्टर अखिलेश ने कहा कि उन्होंने हमेशा इसे झूठलाने का प्रयास किया. उन्होंने बताया कि प्रोफेसर की नौकरी चुनने के पीछे कई कारण और उनके अंदर बहुत सपने हैं. अखिलेश कुमार बिहार के युवाओं के लिए बड़ा काम करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के युवाओं के भविष्य निर्माण करने कि लिए वो काम करेंगे.

Intro:किशनगंज के एसडीपीओ डॉ अखिलेश कुमार ने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और अब बहुत जल्द पटना साइंस कॉलेज में जूलॉजी के प्रोफेसर के पद पर करेंगे नई नौकरी ज्वाइन। एसडीपीओ ने रविवार को छठ पर्व के दौरान पुलिस की यूनिफॉर्म में लॉ एंड ऑर्डर का आखिरी ड्यूटी किया और रविवार शाम को जिला प्रशासन ने एसडीपीओ का फेयरवेल पार्टी देकर विदाई समारोह आयोजित किया। बीपीएससी के जरिए उनका चयन पटना यूनिवर्सिटी में सहायक प्राध्यापक के पद पर हुआ है। अगले माह एसडीपीओ नई नौकरी ज्वाइन करेंगे। इसको लेकर उन्हें बिहार पुलिस सेवा से विरमित कर दिया गया है। बीते गुरुवार को इस संबंध में गृह विभाग (आरक्षी शाखा) ने अधिसूचना जारी कर दी। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि विरमित होने के बाद बिहार पुलिस सेवा में उनका किसी तरह का कोई दवा विचारणीय नहीं होगा। करीब 6 वर्ष पहले 2013 में डॉ अखिलेश कुमार ने बिहार पुलिस सेवा में बतौर डीएसपी जॉइन किया था। बतादे दो दशक में यह पहला मौका है, जब किसी डीएसपी रैंक के अफसर ने प्रोफेसर बनने के लिए पुलिस सेवा की नौकरी छोड़ी है। बता दे वर्ष 2013 में आयोजित बीपीएससी की परीक्षा में डॉ अखिलेश टॉप 10 सफल अभ्यर्थियों में शामिल थे। इसके आधार पर उनका चयन बिहार पुलिस सेवा के लिए किया गया था। हाल ही में सहायक प्रोफेसर के पद पर बहाली के लिए बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा के परिणाम में उन्हें छठा रैंक मिला है। डॉक्टर अखिलेश कुमार अररिया जिले के फारबिसगंज के मूल निवासी है और पटना स्थित कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पीजी और पीएचडी की डिग्री हासिल की थी।


बाइटः डा अखिलेश कुमार, एसडीपीओ


Body:किशनगंज एसडीपीओ डाँ अखिलेश कुमार से ईटीवी के खास बातचीत में बताया कि पुलिस की नौकरी में तो हम बहुत इंजॉय किये और मेरे लिए यह बहुत प्रिय नौकरी था।और आज भी मैं इसको बहुत इज्जत देना चाहूंगा और बहुत सम्मान देना चाहूंगा। मुझे अपने पुलिस महकमे में बहुत गर्व है। खास करके बिहार पुलिस जितने कम संसाधनों में जितना अच्छा काम करती है। इसके लिए मुझे हमेशा गर्व होगा कि मैंने 6 वर्षों तक पुलिस सेवा में काम किया। और मैं सभी लोगों को पुलिस में नीचे से लेकर ऊपर तक सभी लोगों को चाहे वह एक चौकीदार रैंक का आदमी हो या डी जे पी रैंक के अधिकारी सभी को मैं धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन लोगों के सहयोग से मैं अच्छे काम कर पाया और मैं हमेशा इस नौकरी को मिस करूंगा।डा अखिलेश कुमार ने बता यार 6 वर्ष के कार्यकाल में पुलिसिंग क्षेत्र में जितने काम होते हैं लगभग मैंने उन सभी कामों को किया यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। चाहे वह वीआईपी ड्यूटी हो या एनकाउंटर हो। जितने तरह के क्राइम संभावित रहते हैं मोटा मोटी मुझे नहीं लगता है कोई क्राइम छूटा होगा जिनको मैंने नहीं देखा होगा। बताया पुलिस की नौकरी निश्चित रूप से अच्छा है। युवाओं से आग्रह करूंगा उन्हें इस बात के लिए प्रेरित करना चाहूंगा कि वह पुलिस की नौकरी में आए। जहां तक मुझे पुलिस का नौकरी छोड़ने का पर्सनल मुद्दा है। मुझे ऐसा लगता है कि मैं शिक्षण में ज्यादा बेहतर कर सकूंगा पुलिस की तुलना में इसीलिए मैंने रिजाइन किया हूं।


Conclusion:बताया किशनगंज में डेढ़ वर्ष में हमने बड़े बड़े क्रिमिनल को पकड़ा बड़े-बड़े केस को हमने सॉल्व किया। और किशनगंज के लोगों ने मुझे काफी प्यार और स्नेह दिया। डॉक्टर अखिलेश ने बताया लोगों के अंदर में पुलिस की नौकरी को लेकर जो भ्रांति है की पुलिस की नौकरी बहुत रोबदार होता है और वह जो हमेशा हॉट होकर ही कर सकते हैं। बिल्कुल इसको हमने हमेशा झूठलाने का प्रयास किया मेरे कार्यकाल को देखें तो आप भी बहुत ही पोलाइटली बड़ा काम कर सकते हैं। प्रोफेसर की नौकरी चुनने का कारन बताया मेरे अंदर बहुत सपने हैं की में बिहार के युवाओं के लिए बड़ा काम करना चाहता हूं। में चाहता हूं कि मेरे अंदर जो क्षमता है लोगों को गाइड करने का अगर उसका कुछ भी अंश कर पाए तो 5 साल में आपको उसका परिणाम देखेगा। बताया आजतक क्राइम कंट्रोल करने का काम करते थे और अब युवाओं की भविष्य निर्माण करने का काम करेंगे।
Last Updated : Nov 4, 2019, 4:18 AM IST
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