किशनगंज: अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों के जान-माल की रक्षा करने वाले बिहार पुलिस के जवान इन दिनों सरकारी उदासीनता का दंश झेल रहे हैं. आलम यह है कि पुलिस महकमे के जवानों के पास आशियाना नहीं है. नतीजतन ये लोग एफसीआई के जर्जर भवन में रहने को विवश हैं. दशा ऐसी है कि एक तरफ कार्यालय बना हुआ है और दूसरी तरफ रहने, खाने का इंतजाम है.
किशनगंज में जब से पुलिस केंद्र की स्थापना हुई तब से ही यहां के कर्मी एफसीआई के गोदाम या दूसरे की छत के नीचे ही अपनी नींद पूरी करते हैं. जिस भवन में अभी पुलिस कर्मी रह रहे हैं उसकी भी हालत जर्जर है. भवन के दरवाजे और खिड़की टूट चुके हैं. दीवारों में छत तक नमी आ चुकी है. प्लास्टर के टुकड़े किसी भी पुलिस कर्मी को क्षति पहुंचा सकते हैं.
बुनियादी सुविधाओं का है घोर अभाव
दुर्दशा ये है कि यहां पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है. शौचालय के दरवाजे भी टूटने शुरू हो चुके हैं. कर्मचारियों को बैठने के लिए कुर्सियां तक उपलब्ध नहीं है. इस केंद्र में समस्याओं का अंबार है. लेकिन, कई बार शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
पुलिसकर्मी ने सुनाई आपबीती
किशनगंज पुलिस मेंस एसोसिएशन के सचिव ने बताया कि पुलिस केंद्र के पास खुद का अपना भवन नही हैं. एफसीआई गोदाम को भाड़े पर लेकर जवान और अधिकारी रहते हैं. यहां की हालत इतनी जर्जर है कि किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है.
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जल्द होगा समस्या का निपटान
वहीं, पूर्णिया रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि किशनगंज पुलिस केंद्र के लिए जमीन ढूंढ ली गई है. किशनगंज के पुलिस केंद्र 38 करोड़ की लागत से 30 एकड़ भूमि में बनेगा. जिसमें सभी तरह की बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए कैबिनेट से भी मंजूरी मिल गई है. भवन का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा.