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बदहाली: सालों से FCI गोदाम में शरण लिए हैं पुलिसकर्मी, नसीब नहीं अपना भवन - Kishanganj Police Mens Association

किशनगंज में जब से पुलिस केंद्र की स्थापना हुई तब से ही यहां के कर्मी एफसीआई के गोदाम या दूसरे की छत के नीचे ही अपनी नींद पूरी करते हैं. जिस भवन में अभी पुलिस कर्मी रह रहे हैं उसकी भी हालत जर्जर है.

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Published : Jan 14, 2020, 9:49 PM IST

किशनगंज: अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों के जान-माल की रक्षा करने वाले बिहार पुलिस के जवान इन दिनों सरकारी उदासीनता का दंश झेल रहे हैं. आलम यह है कि पुलिस महकमे के जवानों के पास आशियाना नहीं है. नतीजतन ये लोग एफसीआई के जर्जर भवन में रहने को विवश हैं. दशा ऐसी है कि एक तरफ कार्यालय बना हुआ है और दूसरी तरफ रहने, खाने का इंतजाम है.

किशनगंज में जब से पुलिस केंद्र की स्थापना हुई तब से ही यहां के कर्मी एफसीआई के गोदाम या दूसरे की छत के नीचे ही अपनी नींद पूरी करते हैं. जिस भवन में अभी पुलिस कर्मी रह रहे हैं उसकी भी हालत जर्जर है. भवन के दरवाजे और खिड़की टूट चुके हैं. दीवारों में छत तक नमी आ चुकी है. प्लास्टर के टुकड़े किसी भी पुलिस कर्मी को क्षति पहुंचा सकते हैं.

kishanganj
बारिश और गर्मी में होती है भारी परेशानी

बुनियादी सुविधाओं का है घोर अभाव
दुर्दशा ये है कि यहां पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है. शौचालय के दरवाजे भी टूटने शुरू हो चुके हैं. कर्मचारियों को बैठने के लिए कुर्सियां तक उपलब्ध नहीं है. इस केंद्र में समस्याओं का अंबार है. लेकिन, कई बार शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

पुलिसकर्मी ने सुनाई आपबीती
किशनगंज पुलिस मेंस एसोसिएशन के सचिव ने बताया कि पुलिस केंद्र के पास खुद का अपना भवन नही हैं. एफसीआई गोदाम को भाड़े पर लेकर जवान और अधिकारी रहते हैं. यहां की हालत इतनी जर्जर है कि किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली विस चुनाव में सभी 70 सीटों पर लड़ेगी LJP, उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी

जल्द होगा समस्या का निपटान
वहीं, पूर्णिया रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि किशनगंज पुलिस केंद्र के लिए जमीन ढूंढ ली गई है. किशनगंज के पुलिस केंद्र 38 करोड़ की लागत से 30 एकड़ भूमि में बनेगा. जिसमें सभी तरह की बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए कैबिनेट से भी मंजूरी मिल गई है. भवन का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा.

किशनगंज: अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों के जान-माल की रक्षा करने वाले बिहार पुलिस के जवान इन दिनों सरकारी उदासीनता का दंश झेल रहे हैं. आलम यह है कि पुलिस महकमे के जवानों के पास आशियाना नहीं है. नतीजतन ये लोग एफसीआई के जर्जर भवन में रहने को विवश हैं. दशा ऐसी है कि एक तरफ कार्यालय बना हुआ है और दूसरी तरफ रहने, खाने का इंतजाम है.

किशनगंज में जब से पुलिस केंद्र की स्थापना हुई तब से ही यहां के कर्मी एफसीआई के गोदाम या दूसरे की छत के नीचे ही अपनी नींद पूरी करते हैं. जिस भवन में अभी पुलिस कर्मी रह रहे हैं उसकी भी हालत जर्जर है. भवन के दरवाजे और खिड़की टूट चुके हैं. दीवारों में छत तक नमी आ चुकी है. प्लास्टर के टुकड़े किसी भी पुलिस कर्मी को क्षति पहुंचा सकते हैं.

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बारिश और गर्मी में होती है भारी परेशानी

बुनियादी सुविधाओं का है घोर अभाव
दुर्दशा ये है कि यहां पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है. शौचालय के दरवाजे भी टूटने शुरू हो चुके हैं. कर्मचारियों को बैठने के लिए कुर्सियां तक उपलब्ध नहीं है. इस केंद्र में समस्याओं का अंबार है. लेकिन, कई बार शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

पुलिसकर्मी ने सुनाई आपबीती
किशनगंज पुलिस मेंस एसोसिएशन के सचिव ने बताया कि पुलिस केंद्र के पास खुद का अपना भवन नही हैं. एफसीआई गोदाम को भाड़े पर लेकर जवान और अधिकारी रहते हैं. यहां की हालत इतनी जर्जर है कि किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है.

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जल्द होगा समस्या का निपटान
वहीं, पूर्णिया रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि किशनगंज पुलिस केंद्र के लिए जमीन ढूंढ ली गई है. किशनगंज के पुलिस केंद्र 38 करोड़ की लागत से 30 एकड़ भूमि में बनेगा. जिसमें सभी तरह की बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए कैबिनेट से भी मंजूरी मिल गई है. भवन का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा.

Intro:किशनगंज:-अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों के माल और जान की रक्षा करने वाले बिहार पुलिस के जवान के पास नहीं है खुद का आशियाना।FCI के जर्जर भवन में रहने को है विवस।


Body:किशनगंज:-किशनगंज में बिहार पुलिस के जवान एफसीआई के जर्जर गोदाम में रहने को है विवस, गोदाम में ही एक तरफ कार्यालय बनाया हुआ है तो दूसरी तरफ रहना और खाने की व्यवस्था किया हुआ है
आपको बता दें कि किशनगंज में जबसे पुलिस केंद्र की स्थापना हुई तब से ही यहां के कर्मी एफसीआई के गोदाम या दूसरे के छत के नीचे ही अपनी नींद पूरी करते हैं जिस भवन में अभी पुलिस कर्मी रह रहे हैं उसकी भी हालत जर्जर है भवन के दरवाजे और खिड़की टूट चुके हैं दीवारों में छत तक नमी आ चुकी है जिसके प्लास्टर के टुकड़े किसी भी पुलिस कर्मी को क्षति पहुंचा सकते हैं, पेयजल की व्यवस्था नहीं है शौचालय के दरवाजे भी टूटने शुरू हो चुके हैं,इतने कर्मचारी होने के बावजूद उनकी या आगंतुकों के बैठने के लिए कुर्सियां तक उपलब्ध नहीं है केंद्र में समस्याओं का अंबार है लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है पुलिस कर्मियों की मांग है कि उन्हें भी खुद का भवन निर्गत किया जाए जिससे कि वह अपना कार्य सुचारू रूप से और बेहतर तरीके से कर सकें।
वीओ:-किशनगंज पुलिस मेंस एसोसिएशन के सचिव कुमार सागर ने बताया कि पुलिस केंद्र के पास खुद का अपना भवन नही हैं,पुलिस केंद्र एफसीआई के गोदाम में भाड़े पर लेकर जवान और अधिकारी रहते हैं।किशनगंज पुलिस मेंस एसोसिएशन के सचिव ने बताया कि भवन की दीवारे और छत बिल्कुल ही जर्जर हालत में है किसी भी वक्त बड़ा हादसा पुलिस कर्मियो के साथ घट सकता है।सचिव ने मांग की है कि पुलिस केंद्र को जल्द से अपना भवन मुहैया कराई जाए।


Conclusion:पूर्णिया रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि किशनगंज पुलिस केंद्र के लिए जमीन ढूंढ ली गई है,किशनगंज के पुलिस केंद्र 38 करोड़ की लागत से 30 एकड़ भूमि में बनेगा जिसमे सभी तरह की बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।इसके लिए कैबिनेट से भी मंजूरी मिल गई है।भवन का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू करवा दी जाएगी।
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