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कच्चे MDM से छात्राओं के पेट में उठा दर्द, अभिभावकों ने स्कूल में किया जमकर हंगामा

छात्राओं ने बताया कि चावल अधपका होने के कारण चबाया नहीं जा रहा था और अंडे से बदबू आ रही थी. आए दिन खाने में कीड़े निकलते रहते हैं.

किशनगंज
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Published : Oct 13, 2019, 9:34 AM IST

किशनगंजः जिला मुख्यालय स्थित प्राथमिक विद्यालय तघड़िया में मिड डे मील में गड़बड़ी की बात सामने आई है. इसके विरोध में शनिवार को स्कूली बच्चे और उनके अभिभावकों ने विद्यालय में जमकर हंगामा किया. स्कूल में दिए जा रहे मध्याह्न भोजन खाने से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. खाना कभी अधपका होता है तो कभी इसमें कीड़े निकल जाते हैं.

मध्याह्न भोजन में लापरवाही का आरोप
शनिवार को स्कूल में भोजन अवकाश के दौरान छात्राओं को अंडे और पुलाव परोसे गये. जिसे खाने के बाद उनके पेट में दर्द होने लगा. बच्चियों ने बताया कि चावल अधपका होने के कारण चबाया नहीं जा रहा था और अंडे से बदबू भी आ रही थी. आए दिन खाने में कीड़े निकलते रहते हैं. घटना की सूचना अभिभावकों को मिली तो वे स्कूल में जुटने लगे और विद्यालय में दिए जा रहे मध्याह्न भोजन में लापरवाही के आरोप में जमकर बवाल काटने लगे.

पेश है रिपोर्ट

खाने से आती है बदबू
अभिभावकों ने बताया कि खाना पहले स्कूल में ही बनता था, लेकिन 25 सितंबर से जन चेतना जागृति नामक एनजीओ खाना बनाकर स्कूल पहुंचा रहा है. तभी से बच्चे खाने की शिकायत कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि खाना अधपका होता है और इससे बदबू आती रहती है. शनिवार को परोसे गए पुलाव का चावल भी कच्चा था. बच्चे स्कूल से घर जाते हैं तो पेट दर्द की शिकायत करते हैं.

किशनगंज
स्कूल में हंगामा करते अभिभावक

एनजीओ पहुंचा रहा 67 स्कूलों में भोजन
स्कूल की प्रधान शिक्षिका जेबा तबस्सुम ने बताया कि अभिभावक बच्चों को स्कूल में खाना खिलाना नहीं चाह रहे हैं. खाने से कुछ बच्चे बीमार भी हुए हैं. उन्होंने भी स्वीकारा कि स्कूल में परोसे जा रहे मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता अच्छी नहीं है. बता दें कि जन चेतना जागृति एनजीओ किशनगंज और बहादुरगंज के 67 स्कूलों में मिड डे मील पहुंचा रहा है.

किशनगंजः जिला मुख्यालय स्थित प्राथमिक विद्यालय तघड़िया में मिड डे मील में गड़बड़ी की बात सामने आई है. इसके विरोध में शनिवार को स्कूली बच्चे और उनके अभिभावकों ने विद्यालय में जमकर हंगामा किया. स्कूल में दिए जा रहे मध्याह्न भोजन खाने से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. खाना कभी अधपका होता है तो कभी इसमें कीड़े निकल जाते हैं.

मध्याह्न भोजन में लापरवाही का आरोप
शनिवार को स्कूल में भोजन अवकाश के दौरान छात्राओं को अंडे और पुलाव परोसे गये. जिसे खाने के बाद उनके पेट में दर्द होने लगा. बच्चियों ने बताया कि चावल अधपका होने के कारण चबाया नहीं जा रहा था और अंडे से बदबू भी आ रही थी. आए दिन खाने में कीड़े निकलते रहते हैं. घटना की सूचना अभिभावकों को मिली तो वे स्कूल में जुटने लगे और विद्यालय में दिए जा रहे मध्याह्न भोजन में लापरवाही के आरोप में जमकर बवाल काटने लगे.

पेश है रिपोर्ट

खाने से आती है बदबू
अभिभावकों ने बताया कि खाना पहले स्कूल में ही बनता था, लेकिन 25 सितंबर से जन चेतना जागृति नामक एनजीओ खाना बनाकर स्कूल पहुंचा रहा है. तभी से बच्चे खाने की शिकायत कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि खाना अधपका होता है और इससे बदबू आती रहती है. शनिवार को परोसे गए पुलाव का चावल भी कच्चा था. बच्चे स्कूल से घर जाते हैं तो पेट दर्द की शिकायत करते हैं.

किशनगंज
स्कूल में हंगामा करते अभिभावक

एनजीओ पहुंचा रहा 67 स्कूलों में भोजन
स्कूल की प्रधान शिक्षिका जेबा तबस्सुम ने बताया कि अभिभावक बच्चों को स्कूल में खाना खिलाना नहीं चाह रहे हैं. खाने से कुछ बच्चे बीमार भी हुए हैं. उन्होंने भी स्वीकारा कि स्कूल में परोसे जा रहे मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता अच्छी नहीं है. बता दें कि जन चेतना जागृति एनजीओ किशनगंज और बहादुरगंज के 67 स्कूलों में मिड डे मील पहुंचा रहा है.

Intro:किशनगंज के सरकारी स्कूलों में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से बच्चों के लिए कई योजना चलाई जा रही है इनमें से एक योजना बच्चों को सांप और पौष्टिक आहार के लिए मिड डे मील शामिल है। लेकिन मुलाजिमों की लापरवाही की वजह से मिड डे मील में जमकर धांधली हो रही है। जी हा किशनगंज जिला मुख्यालय स्थित प्राथमिक विद्यालय तघड़िया में बच्चों को मिड डे मील में खराब खाना दिया जा रहा है। दोपहर में टिफिन के समय बच्चों को मिड-डे-मील दिया जाता है। जो खाना बच्चों को खाने में दिया जा रहा है वह बहुत ही घटिया और खराब है। जब इसकी गुणवत्ता की जांच की गई तब पता चला कि सफाई तो दूर यह खाना सही भी नहीं है कई बार यह खाना खाने से बच्चे बीमार पड़ जाते हैं।एनजीओ के द्वारा किशनगंज व बाहादुरगंज के 67 स्कूलों मे खाना दिया जा रहा है।जिसमें किशनगंज के 38 व बाहादुरगंज के 29 स्कूलों मे मध्याह्न भोजन दिया जा रहा है।

बाइटः जेबा तबस्सुम, प्रधानाध्यापक
बाइटः स्कूली बच्ची
बाइटः अभिभावक


Body:खराब भोजन को लेकर स्कूली बच्चों के साथ परिजन और स्थानीय लोगों ने भी इसका विरोध करने के लिए स्कूल पहुंचे। स्कूली बच्चों ने भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए जमकर बवाल काटा छात्र की शिकायत थी कि भोजन में दिए जाने वाले खाना आधा पका हुआ मिलता है। और कभी-कभी काफी गंदगी भी रहता है इतना ही नहीं भोजन से कई बार की कीड़ा भी निकलते हैं। खराब भोजन होने की वजह से छात्र नहीं मिड-डे-मील लेने से ही इनकार कर दिया। बच्चों के अभिभावकों का कहना है की भोजन में कीड़ा और खाना आधा पक्का होने की वजह से उनके बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। अभिभावकों ने ऐसे खराब खाने का विरोध करते हुए अच्छा सा भोजन उपलब्ध कराने का मांग की।


Conclusion:इस मामले में स्कूल के प्रधानाध्यापक जेबा तबस्सुम का कहना है कि 25 सितंबर से शिक्षा विभाग ने जन चेतना जागृति नामक एनजीओ को मिड-डे-मील बनाने व बांटने की जिम्मेदारी दी है। लेकिन भोजन की गुणवत्ता सही नहीं है। आए दिन बच्चे भोजन को लेकर शिकायत करते हैं इतना ही नहीं एनजीओ के कर्मचारी अच्छा भोजन देने की बात तो करते हैं लेकिन भोजन सही नहीं होता। वहीं जब इटीवी ने एमडीएम की गुणबत्ता को लेकर खाना बना रहे एनजीओ के किचन का जायेजा लिया तो किचेन आधुनिक करन से लेस है लेकिन गंदगी के मामले भी पिछे नहीं है। वही इन सब की 20 सवाल उठता है कि आखिर देश के नौनिहालों की जिंदगी से किशनगंज में खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है क्या इन मासूमों की जिंदगी का कोई कीमत नहीं है देश में पहले भी मिड डे मील की वजह से कई बार बच्चे मौत की मुंह में जा चुके हैं। लेकिन फिर भी इन हादसों से शिक्षा विभाग किया जिला प्रशासन ने कोई सीख नहीं ली है।
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