किशनगंजः 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना' वाली गंगा जमुनी संस्कृति एक बार फिर से बिहार में देखने को मिली है. मुस्लिम बहुल जिला किशनगंज में एक अनोखी मिसाल पेश करते हुए एक मुस्लिम परिवार ने मंदिर निर्माण के लिए अपनी जमीन दान कर दी.
निर्माण में जुटे हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग
जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर सिंघिया गांव में प्रस्तावित भव्य काली मंदिर के निर्माण के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपनी जमीन दान में दी है. इतना ही नहीं मंदिर निर्माण के लिए जो समिति गठित की गई है, उसमें भी दोनों समुदाय के लोग शामिल हैं.
वकील तुफैल गनी ने दान की जमीन
दरअसल, इस गांव में कोई मंदिर नहीं था. जिससे गांव के लोगों खासकर महिलाओं को मां काली के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए 8 से 10 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था. बाद में दोनों समुदाय के लोगों ने बैठक कर मंदिर निर्माण का फैसला लिया. गांव के मुस्लिम जमींदार वकील तुफैल गनी आगे आए और सड़क किनारे मंदिर निर्माण के लिए अपनी एक डिसमिल जमीन देने का फैसला किया.
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युद्धस्तर पर चल रहा मंदिर निर्माण का काम
अब इस जमीन पर मंदिर निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. इस काम में दोनों समुदाय के लोग शामिल हैं. इस गांव में हिंदू-मुस्लिम आपस में भाई-भाई की तरह रहते हैं. चाहे दीपावली हो या ईद, दोनों समुदाय के लोग एक-दूसरे के पर्व में शामिल होते हैं. साथ ही किसी की शादी में भी एक-दूसरे का हाथ बंटाकर एकता की मिसाल तस्वीर पेश करते हैं.
समाज में हो रही मुस्लिम परिवार की तारीफ
बता दें कि इस गांव में हिंदू की संख्या काफी कम है. इसके बावजूद मुस्लिम भाई यहां उनके लिए मंदिर बनवा रहे हैं. मुस्लिम परिवार के इस काम की तारीफ पूरा समाज कर रहा है.