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नेपाल-भारत मैत्री संघ के सदस्यों ने की CM नीतीश कुमार से मुलाकात, सड़क निर्माण के लिए सौंपा ज्ञापन

नेपाल-भारत के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दोनो देशों के मैत्री संघ के सदस्यों ने सीएम नीतीश कुमार से मिलकर गलगलिया से मेची पुल तक चौड़ी सड़क के निर्माण की मांग की. इससे दोनों देशों का व्यापार संबंध काफी अच्छा हो जाएगा.

kishanganj
भारत-नेपाल मैत्री संघ के सदस्यों ने की CM नीतीश कुमार से मुलाकात
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Published : Jan 7, 2020, 4:23 PM IST

Updated : Jan 7, 2020, 11:05 PM IST

किशनगंजः नेपाल-भारत के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दोनो देशों के मैत्री संघ के सदस्यों ने सीएम नीतीश कुमार से ठाकुरगंज में मुलाकात की. इसके साथ ही उन्होंने सीएम से बिहार के गलगलिया से मेची पुल तक चौड़ी सड़क के निर्माण की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा.

मेची नदी पर पुल का निर्माण
सड़क नहीं होने से दोनों देशों के व्यापार पर खासा असर पड़ रहा है. नेपाल टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे भद्रपुर के विधायक ओम प्रकाश सरावगी ने बताया कि दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नेपाल सरकार 33 करोड़ की लागत से मेची नदी पर पुल का निर्माण करा चुकी है. इसके साथ ही इसे नेपाल राजमार्ग 15 से भी जोड़ दिया गया है. लेकिन भारत की ओर से बिहार को जोड़ने वाली लिंक रोड का निर्माण नहीं होने से दोनों देश के बीच व्यापार पर असर पड़ रहा है.

Kishanganj
भारत-नेपाल मैत्री संघ के सदस्य

सड़क बनाने की मांग
ओम प्रकाश सरावगी ने बताया कि नेपाल-भारत मैत्री संघ के सदस्यों ने सीएम से मुलाकात कर बिहार सरकार से गलगलिया की ओर से चौड़ी अप्रोच सड़क बनाने की मांग की है. नेपाल के विधायक ने बताया कि सड़क बनने से दोनों देशों का व्यापार संबंध काफी अच्छा हो जाएगा.

8 करोड़ का डीपीआर तैयार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बता चुके हैं. बावजूद इसके सड़क नहीं बनना लोगों की चिंता का सबब बना हुआ है. वहीं ठाकुरगंज के जदयू विधायक नौशाद आलम ने बताया की लिंक रोड का 8 करोड़ का डीपीआर बन चुका है. जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

भारत-नेपाल मैत्री संघ के सदस्यों ने की CM नीतीश कुमार से मुलाकात

मजदूरों को मिलेगा रोजगार
बता दें कि गलगलिया बॉर्डर भौगोलिक दृष्टिकोण से नेपाल के बड़े शहरों से लेकर भारत के बड़े-बड़े महानगरों तक जाने के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है. इस रास्ते के इस्तेमाल से ट्रांसपोर्ट खर्चे भी कम हो जाएंगे. इससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति और बिहार के सीमांचल क्षेत्र में मजदूरों को रोजगार भी मिलेगा.

किशनगंजः नेपाल-भारत के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दोनो देशों के मैत्री संघ के सदस्यों ने सीएम नीतीश कुमार से ठाकुरगंज में मुलाकात की. इसके साथ ही उन्होंने सीएम से बिहार के गलगलिया से मेची पुल तक चौड़ी सड़क के निर्माण की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा.

मेची नदी पर पुल का निर्माण
सड़क नहीं होने से दोनों देशों के व्यापार पर खासा असर पड़ रहा है. नेपाल टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे भद्रपुर के विधायक ओम प्रकाश सरावगी ने बताया कि दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नेपाल सरकार 33 करोड़ की लागत से मेची नदी पर पुल का निर्माण करा चुकी है. इसके साथ ही इसे नेपाल राजमार्ग 15 से भी जोड़ दिया गया है. लेकिन भारत की ओर से बिहार को जोड़ने वाली लिंक रोड का निर्माण नहीं होने से दोनों देश के बीच व्यापार पर असर पड़ रहा है.

Kishanganj
भारत-नेपाल मैत्री संघ के सदस्य

सड़क बनाने की मांग
ओम प्रकाश सरावगी ने बताया कि नेपाल-भारत मैत्री संघ के सदस्यों ने सीएम से मुलाकात कर बिहार सरकार से गलगलिया की ओर से चौड़ी अप्रोच सड़क बनाने की मांग की है. नेपाल के विधायक ने बताया कि सड़क बनने से दोनों देशों का व्यापार संबंध काफी अच्छा हो जाएगा.

8 करोड़ का डीपीआर तैयार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बता चुके हैं. बावजूद इसके सड़क नहीं बनना लोगों की चिंता का सबब बना हुआ है. वहीं ठाकुरगंज के जदयू विधायक नौशाद आलम ने बताया की लिंक रोड का 8 करोड़ का डीपीआर बन चुका है. जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

भारत-नेपाल मैत्री संघ के सदस्यों ने की CM नीतीश कुमार से मुलाकात

मजदूरों को मिलेगा रोजगार
बता दें कि गलगलिया बॉर्डर भौगोलिक दृष्टिकोण से नेपाल के बड़े शहरों से लेकर भारत के बड़े-बड़े महानगरों तक जाने के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है. इस रास्ते के इस्तेमाल से ट्रांसपोर्ट खर्चे भी कम हो जाएंगे. इससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति और बिहार के सीमांचल क्षेत्र में मजदूरों को रोजगार भी मिलेगा.

Intro:भारत-नेपाल के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नेपाल भारत मैत्री संघ के सदस्यों ने सीएम नीतीश कुमार से ठाकुरगंज मे की मुलाकात और एक ज्ञापन सौपा और सीएम से मांग की बिहार के गलगलिया से मेची पुल तक चौड़ी सड़क निर्माण का।सड़क नहीं रहने से दोनों देशों के व्यापार पर खासा असर पड़ रहा है। टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे नेपाल के भद्रपुर झापा प्रदेश नंबर एक के विधायक ओम प्रकाश सरावगी ने बताया कि भारत नेपाल के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नेपाल सरकार ने 33 करोड़ की लागत से मेची नदी पर पुल का निर्माण करा चुका है और नेपाल सरकार ने मेची पुल तक नेपाल राजमार्ग 15 बना कर तैयार कर दिया है लेकिन भारत की ओर से बिहार को जोड़ने वाली लिंग रोड का निर्माण नहीं कराए जाने से दोनों देश के बीच व्यापार पर खासा असर हो रहा है। जिसे लेकर नेपाल भारत मैत्री संघ के सदस्यों ने बिहार के सीएम से मुलाकात कर बिहार सरकार से गलगलिया की ओर से चौड़ी अप्रोच सड़क बनाने की मांग किया। नेपाल के विधायक ने बताया यदि बिहार सरकार चौड़ी सड़क बना देते हैं तो दोनों देशों का व्यापार का संबंध काफी अच्छा हो जाएगा।

बाइटः ओम प्रकाश सरावगी,नेपाल के भद्रपुर झापा प्रदेश नंबर एक के विधायक
बाइटः नौसाद आलम,विधायक, ठाकुरगंज


Body:बिहार के अंतिम छोर पर बसा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित यह है किशनगंज जिले का गलगलिया बॉर्डर। जहां दोनों देशों के बीचोबीच बहने वाली मेची नदी पर नेपाल सरकार ने 33 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण करवाया है और नेपाल राजमार्ग 15 को भी जोड़ दिया है ताकि दोनों देशों के बेटी, रोटी सहित व्यापार को मजबूत मिल सके। साथ ही बिहार सरकार को इस इलाके से मोटी राजस्व की भी प्राप्ति हो सके लेकिन भारतीय क्षेत्र में पड़ने वाले बिहार के गलगलिया में मेची पुल को जोड़ने वाली संपर्क पथ का निर्माण नहीं होने से इस क्षेत्र के लोगों में मायूसी छाई हुई है। जबकि इससे पूर्व भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बता चुके हैं। बावजूद इसके सड़क नहीं बनना लोगों की चिंता का सबब बना हुआ है और आज नेपाल के मैत्री संघ के सदस्यों ने फिर से एक बार सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की। इससे पूर्व भी नेपाल के सदस्यों ने पटना में बिहार महोत्सव के दौरान मिले थे और सीएम नीतीश ने वादा किया था सड़क निर्माण का लेकिन वादा के मुताबिक छोटी सड़क निर्माण तो करवा दिया लेकिन उसका फायदा व्यापारियों को नहीं मिला। जिस कारन अब लोग भारत की ओर से चौड़ी सड़क की मांग कर रहे हैं जबकि नेपाल की ओर से राजमार्ग बना दिया गया है।


Conclusion:गलगलिया बॉर्डर भौगोलिक दृष्टिकोण से नेपाल से बड़े शहरों से लेकर भारत के बड़े-बड़े महानगरों तक जाने के लिए रास्ता काफी उपयुक्त माना जाता है। इस रास्ते का इस्तेमाल से ट्रांसपोर्ट खर्चा भी कम हो जाएगा साथ ही सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगा और बिहार के सीमांचल क्षेत्र में मजदूरों को रोजगार भी मिलेगा जिससे से पलायन भी कम हो जाएगा। हालांकि भारतीय क्षेत्र में मात्र 500 मीटर लिंक रोड के लिए वर्षों से पथ निर्माण विभाग का एक ही कहना है डीपीआर बनाकर राज्य सरकार को स्वीकृति के लिए भेजी जा चुकी है जिसकी लागत लगभग आठ करोड़ रुपया बताया जा रही है। नेपाल की विधायक ने सीएम से मांग किया गलगलिया से मीठी पुल तक यदि सड़क निर्माण हो जाता है तो भारत नेपाल के बीच एक अच्छा व्यापार केंद्र बन जाएगा बताएं गलगलिया रेलवे स्टेशन पहले ए ग्रेट था फिर रेलवे विभाग ने बि ग्रेड कर दिया और अप फिर से सी ग्रेट का दर्जा दे दिया। एक समय गलगलिया रेलवे स्टेशन से ही ट्रेन के माध्यम से नेपाल का सामान आता था और अभी बंगाल के एनजीपी रेलवे स्टेशन से नेपाल रेलवे व्यापार हो रहा है। यदि सरकार फिर से गलगलिया रेलवे स्टेशन को अच्छी तरह से तैयार कर देता है तो रेलवे का भी अच्छा खासा राजस्व उसूली होगा और रेलवे का भी एक बड़ा व्यापार का केंद्र बन जाएगा। वहीं ठाकुरगंज के जदयू विधायक नौसाद आलम ने बताया की लींक रोड का डीपीआर बन चूका है।जल्द ही 8 करोड़ 60 लागत रुपया का डीपीआर बन चूका है और जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शूरू हो जायेगा। ये सड़क निर्माण हो जाने से किशनगंज जिला अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र बन जायेगा।
Last Updated : Jan 7, 2020, 11:05 PM IST
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