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चंग की थाप पर झूम रहा मारवाड़ी समुदाय, अपनी संस्कृति को बचा रहे हैं  युवा - Holi meet ceremony

किशनगंज मे रह रहे राजस्थानी मारवाड़ी समुदाय के लोग अपनी सांस्कृतिक विरासत के अनुसार होली के तैयारी में जुट गए है.

होली मनाता मारवाड़ी समुदाय
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Published : Mar 20, 2019, 9:02 AM IST

किशनगंज: देश में फागुन का रंग चढ़ने लगा है. सूबे के विभिन्न प्रांतों में भी लोग होली मिलन समारोह का आयोजन किया जा रहा है. यहां रह रहे राजस्थान का मारवाड़ी समुदाय भी अपनी सांस्कृतिक विरासत के अनुसार होली के तैयारी में जुट गया है.

परम्परागत वाद्ययंत्र चंग की थाप पर मना रहे होली
इस ग्लोबल कल्चर के दौर में भी अपनी लोक सांस्कृति से जुड़ी पंरपराओं को मारवाड़ी युवा वर्ग आत्मसात कर रहा है. मारवाड़ी समुदाय शहर की सड़कों पर परम्परागत वाद्ययंत्र चंग की थाप पर नाच-गा और खुशियां मना रहा है. भारी संख्या में बच्चे, युवा और बुर्जुग सभी रात होते ही एकजुट होकर होली मना रहे हैं

होली मनाता मारवाड़ी समुदाय

राजनीतिक व्यंगो से भरे गीतों का दर्शक उठा रहे लुत्फ
बहुरुपिया बनकर लोग महिलाओं का रुप लेकर नाचते गाते धमाल मचाते नजर आ रहे है. हंसी मजाक का भी दौर खूब चलता है. इस बार चंग की थाप पर चुनावी रंग भी चढ़ा हुआ है. राजनीतिक व्यंगो से भरे गीतों का दर्शक खूब लुत्फ ले रहे हैं. चंग बजाने की परंपरा काफी दशकों से प्रचलित है.

अपनी संस्कृति को बचाने में लगे है मारवाड़ी समुदाय
शहर के नेमचंद रोड, दिनाजपुर रोड, तघेरीया, मुख्यबाजार सहित ठाकुरगंज व बिशनपुर में राजस्थानी चंग की पंरपरा का धमाल देखने को मिल रहा है. होली आने तक बिना गुलाल आबीर व रंग के ही समुदाय के युवा मंडली चंग बजाकर राजस्थानी लोकगीत के साथ होली का रस घोल रहे हैं. राजस्थानी मारवाड़ी युवा किशनगंज मे अपनी संस्कृति को बचाने मे लगे है.

किशनगंज: देश में फागुन का रंग चढ़ने लगा है. सूबे के विभिन्न प्रांतों में भी लोग होली मिलन समारोह का आयोजन किया जा रहा है. यहां रह रहे राजस्थान का मारवाड़ी समुदाय भी अपनी सांस्कृतिक विरासत के अनुसार होली के तैयारी में जुट गया है.

परम्परागत वाद्ययंत्र चंग की थाप पर मना रहे होली
इस ग्लोबल कल्चर के दौर में भी अपनी लोक सांस्कृति से जुड़ी पंरपराओं को मारवाड़ी युवा वर्ग आत्मसात कर रहा है. मारवाड़ी समुदाय शहर की सड़कों पर परम्परागत वाद्ययंत्र चंग की थाप पर नाच-गा और खुशियां मना रहा है. भारी संख्या में बच्चे, युवा और बुर्जुग सभी रात होते ही एकजुट होकर होली मना रहे हैं

होली मनाता मारवाड़ी समुदाय

राजनीतिक व्यंगो से भरे गीतों का दर्शक उठा रहे लुत्फ
बहुरुपिया बनकर लोग महिलाओं का रुप लेकर नाचते गाते धमाल मचाते नजर आ रहे है. हंसी मजाक का भी दौर खूब चलता है. इस बार चंग की थाप पर चुनावी रंग भी चढ़ा हुआ है. राजनीतिक व्यंगो से भरे गीतों का दर्शक खूब लुत्फ ले रहे हैं. चंग बजाने की परंपरा काफी दशकों से प्रचलित है.

अपनी संस्कृति को बचाने में लगे है मारवाड़ी समुदाय
शहर के नेमचंद रोड, दिनाजपुर रोड, तघेरीया, मुख्यबाजार सहित ठाकुरगंज व बिशनपुर में राजस्थानी चंग की पंरपरा का धमाल देखने को मिल रहा है. होली आने तक बिना गुलाल आबीर व रंग के ही समुदाय के युवा मंडली चंग बजाकर राजस्थानी लोकगीत के साथ होली का रस घोल रहे हैं. राजस्थानी मारवाड़ी युवा किशनगंज मे अपनी संस्कृति को बचाने मे लगे है.

Intro:किशनगंज मे फागुन का रंग चढ़ने लगा है।और शहर के जगह जगह होली का लोक रंग दिखने लगा है।किशनगंज मे रह रहे राजस्थान के मारवाड़ी समुदाय के लोग अपनी सांस्कृतिक विरासत के अनुसार होली के तैयारी में जुट गए हैं।इस ग्लोबल कल्चर के दौर में भी अपनी लोक सांस्कृति से जुड़ी पंरपराओं को मारवाड़ी युवा वर्ग आत्मसात कर रहा है। मारवाड़ी समुदाय किशनगंज के सड़कों मे होली के मौके पर परम्परागत वाद्ययंत्र चंग की थाप पर भारी संख्या में मारवाड़ी समुदाय के बच्चे, युवा व बुर्जुग रात होते ही चंग बजाते व होली के गीत गाकर नाचते हुए नजर आरहे है।शहर के नेमचंद रोड, दिनाजपुर रोड, तघेरीया, मुख्यबाजार सहित ठाकुरगंज व बिशनपुर मे भी राजस्थान के चांग पंरपरा का धमाल देखने को मिल रहा है।होली आने तक बिना गुलाल आबीर व रंग बगैर ही मारवाड़ी युवा मंडली चांग बजाकर राजस्थानी लोकगीत के साथ होली का रस घोलने लगे है।युवा मंडली रात होते ही शहर के विभिन्न जगह मे राजस्थानी लोकगीत के साथ झुमते नजर आ रहे हैं।


Body:होली आने तक हर रोज मारवाड़ी समुदाय रात होते ही एक साथ इकट्ठा होकर चांग बजाकर राजस्थानी लोकगीत को गा कर साथ ही झूमकर आनंद उठा रहे हैं। वहीं बहुरुपिया बनकर भी लोग स्त्री के गेटअप मे नृत्य करते व धमाल मचाते नजर आरहे है।हंसी मजाक का भी दौर खूब चलता है।इस बार चंग की थाप पर चुनावी रंग भी चढ़ा हुआ है।राजनीतिक व्यंगो से भरे गीतों पर खूब धमाल मचा रही हैं ।मारवाड़ी लोगों कहना है कि चांग बजाने का परंपरा काफी दशकों से होता आरहे है।वहीं राजस्थानी मारवाड़ी युवा किशनगंज मे अपना संस्कृति को बचाने मे लगे है।


Conclusion:वही अन्य समुदाय में भी होली का रंग सर चरकर बोलने लगा है।किशनगंज मे होली को लेकर तैयारी जोड़ों पर है।
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