किशनगंज: देश में फागुन का रंग चढ़ने लगा है. सूबे के विभिन्न प्रांतों में भी लोग होली मिलन समारोह का आयोजन किया जा रहा है. यहां रह रहे राजस्थान का मारवाड़ी समुदाय भी अपनी सांस्कृतिक विरासत के अनुसार होली के तैयारी में जुट गया है.
परम्परागत वाद्ययंत्र चंग की थाप पर मना रहे होली
इस ग्लोबल कल्चर के दौर में भी अपनी लोक सांस्कृति से जुड़ी पंरपराओं को मारवाड़ी युवा वर्ग आत्मसात कर रहा है. मारवाड़ी समुदाय शहर की सड़कों पर परम्परागत वाद्ययंत्र चंग की थाप पर नाच-गा और खुशियां मना रहा है. भारी संख्या में बच्चे, युवा और बुर्जुग सभी रात होते ही एकजुट होकर होली मना रहे हैं
राजनीतिक व्यंगो से भरे गीतों का दर्शक उठा रहे लुत्फ
बहुरुपिया बनकर लोग महिलाओं का रुप लेकर नाचते गाते धमाल मचाते नजर आ रहे है. हंसी मजाक का भी दौर खूब चलता है. इस बार चंग की थाप पर चुनावी रंग भी चढ़ा हुआ है. राजनीतिक व्यंगो से भरे गीतों का दर्शक खूब लुत्फ ले रहे हैं. चंग बजाने की परंपरा काफी दशकों से प्रचलित है.
अपनी संस्कृति को बचाने में लगे है मारवाड़ी समुदाय
शहर के नेमचंद रोड, दिनाजपुर रोड, तघेरीया, मुख्यबाजार सहित ठाकुरगंज व बिशनपुर में राजस्थानी चंग की पंरपरा का धमाल देखने को मिल रहा है. होली आने तक बिना गुलाल आबीर व रंग के ही समुदाय के युवा मंडली चंग बजाकर राजस्थानी लोकगीत के साथ होली का रस घोल रहे हैं. राजस्थानी मारवाड़ी युवा किशनगंज मे अपनी संस्कृति को बचाने मे लगे है.