किशनगंज: जिले में बाढ़ का पानी उतरते ही महानंदा नदी द्वारा मचाई गई तबाही के निशान प्रखंड के दौला और महीनगांव पंचायत में नजर आने लगा हैं. ईटीवी भारत के संवाददाता जब ग्राउंड रिपोर्ट लेने इस पंचायत के बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंचे, तो बाढ़ का तांडव ऐसा था कि मंजू चौक से ही करीब 2 किलोमीटर आगे महानंदा के मुख्य धारा बह रही थी, जो अब यहां से एक नई धारा बनाकर बह रही है.
अपनी आंखों से ग्रामीण अपनी तबाही देख रहे हैं. किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन और बड़े-बड़े पेड़ नदी लील चुकी है. वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि आगे क्या होगा यह पता नहीं.
सड़क पर चढ़ा बाढ़ का पानी
ईटीवी भारत के संवाददाता ने बताया कि शहर के हलीम चौक से महीनगांव पंचायत के डीलर चौक के आगे तक सब कुछ सामान्य है. इसके आगे बढ़ते ही दुबा नगर के पास महानंदा की उफनने का पानी सड़क के किनारे नजर आने लगता है. यहां सड़क पर पानी चढ़ आया था और 2 से 3 फीट तक पानी सड़क पर था. यही सड़क किनारे एक महदूल हुदा अली इस्लामी दुबानगर मदरसा है.
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टापू में तब्दील हुआ पंचायत
ईटीवी भारत के संवाददता जब मंझोक चौक पहुंचे, तो देखा की चौक से जो रास्ता बलियादांगी बस्ती की ओर जाता है. वो पूरी तरह से नदी में कट के समा चुका है और बलियादांगी पंचायत का 14 नम्बर वार्ड टापू में तब्दील हो चुका है. महानंदा नदी में आए बाढ़ के बाद से नदी का जलस्तर कम हुआ है. जिसके बाद नदी में कटाव तेज होने लगा. इसके कारण बलियादांगी का 14 नम्बर वार्ड पूरी तरह से नदी में समा गया. इस वार्ड को मंझोक बाजार से जोड़ने वाला मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क भी कटाव की भेट चढ़ गया.
बाढ़ ने छिन लिया सब कुछ
स्थानीय तबरेज आलम ने बताया कि बाढ़ ने पहले तो गांव को मुख्य बाजार से जोड़ने वाली सड़क को निगल लिया. जब बाढ़ का पानी घर से निकला, तो नदी के कटाव ने तो पुरा का पुरा गांव ही अपने आगोश में समेटे लिया. तबरेज ने बताया कि हम लोगों के सामने अपना सर छुपाने की भी जगह नही हैं. पुरा का पुरा वार्ड नदी में चला गया है. 2-4 लोगों का घर ही बचा हुआ है. वो भी कब कटाव की भेट चढ़ जायेगा यह पता नहीं.
वहीं मिस्त्री मुर्मू ने बताया कि नदी ने उन लोगों का सब कुछ छिन लिया है. अभी तक प्रशासन से भी किसी भी तरह की मदद नहीं मिली है. मुर्मू ने बताया कि उनके पास आमदनी का जरिया नहीं है. अपने घर का सामान बेचकर किसी भी तरह से अपने जरूरत को पूरा कर रहे हैं.