किशनगंज: चमकी ने अबतक राज्य में सैंकड़ों बच्चों की जिन्दगी लील ली है. इसका दायरा मुजफ्फरपुर से निकलते हुए सूबे के दूसरे जिलों तक फैल गया है. हालांकि किशनगंज जिला प्रशासन इससे निपटने के लिए पूरी तरह से कमर कस कर तैयार है.
सदर अस्पताल में मात्र एक डॉक्टर
जिले में इस बुखार के मरीज अभी तक नहीं पाया गया है. एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने के लिए तैयार है. हालांकि विभाग के दावे पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. जिले में डॉक्टरों की घोर कमी है. जबकि सदर अस्पताल किशनगंज में मात्र एक शिशु विशेषज्ञ डॉक्टर हैं. सदर अस्पताल स्थित शिशु वार्ड डॉक्टर और नर्स के अभाव मे बंद पड़ा है. सदर अस्पताल के शिशु चिकित्सक डॉ. मंजर आलम ने इस बीमारी के लक्षण और बचाव के बारे में बताया. इससे पीड़ित बच्चों को साफ और हवादार कमरे में रखने की हिदायत भी दी.
अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग
किशनगंज जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक हुई है. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. मेडिकल टीम को अलर्ट रखा गया है. आईसीयू की व्यवस्था के साथ-साथ शिशु विशेषज्ञ तैयार हैं. इस लक्षण का कोई मरीज दिखता है तो उसका तुरन्त इलाज करने का निर्देश दिया गया है. इस संबंध में अस्पताल के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज की को भी हितायद दी गई है.