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चमकी से निपटने के लिए तैयार है किशनगंज प्रशासन, अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग - शिशु विशेषज्ञ डॉक्टर

किशनगंज जिला प्रशासन चमकी से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस गंभीर बिमारी से निपटने के लिए मेडिकल टीम को अलर्ट पर रखा गया है.

किशनगंज में चमकी से निपटने के लिए तैयारी
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Published : Jun 25, 2019, 3:41 PM IST

किशनगंज: चमकी ने अबतक राज्य में सैंकड़ों बच्चों की जिन्दगी लील ली है. इसका दायरा मुजफ्फरपुर से निकलते हुए सूबे के दूसरे जिलों तक फैल गया है. हालांकि किशनगंज जिला प्रशासन इससे निपटने के लिए पूरी तरह से कमर कस कर तैयार है.

किशनगंज में चमकी से निपटने के लिए तैयारी

सदर अस्पताल में मात्र एक डॉक्टर
जिले में इस बुखार के मरीज अभी तक नहीं पाया गया है. एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने के लिए तैयार है. हालांकि विभाग के दावे पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. जिले में डॉक्टरों की घोर कमी है. जबकि सदर अस्पताल किशनगंज में मात्र एक शिशु विशेषज्ञ डॉक्टर हैं. सदर अस्पताल स्थित शिशु वार्ड डॉक्टर और नर्स के अभाव मे बंद पड़ा है. सदर अस्पताल के शिशु चिकित्सक डॉ. मंजर आलम ने इस बीमारी के लक्षण और बचाव के बारे में बताया. इससे पीड़ित बच्चों को साफ और हवादार कमरे में रखने की हिदायत भी दी.

KISHANGANJ
जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा

अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग
किशनगंज जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक हुई है. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. मेडिकल टीम को अलर्ट रखा गया है. आईसीयू की व्यवस्था के साथ-साथ शिशु विशेषज्ञ तैयार हैं. इस लक्षण का कोई मरीज दिखता है तो उसका तुरन्त इलाज करने का निर्देश दिया गया है. इस संबंध में अस्पताल के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज की को भी हितायद दी गई है.

किशनगंज: चमकी ने अबतक राज्य में सैंकड़ों बच्चों की जिन्दगी लील ली है. इसका दायरा मुजफ्फरपुर से निकलते हुए सूबे के दूसरे जिलों तक फैल गया है. हालांकि किशनगंज जिला प्रशासन इससे निपटने के लिए पूरी तरह से कमर कस कर तैयार है.

किशनगंज में चमकी से निपटने के लिए तैयारी

सदर अस्पताल में मात्र एक डॉक्टर
जिले में इस बुखार के मरीज अभी तक नहीं पाया गया है. एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने के लिए तैयार है. हालांकि विभाग के दावे पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. जिले में डॉक्टरों की घोर कमी है. जबकि सदर अस्पताल किशनगंज में मात्र एक शिशु विशेषज्ञ डॉक्टर हैं. सदर अस्पताल स्थित शिशु वार्ड डॉक्टर और नर्स के अभाव मे बंद पड़ा है. सदर अस्पताल के शिशु चिकित्सक डॉ. मंजर आलम ने इस बीमारी के लक्षण और बचाव के बारे में बताया. इससे पीड़ित बच्चों को साफ और हवादार कमरे में रखने की हिदायत भी दी.

KISHANGANJ
जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा

अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग
किशनगंज जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक हुई है. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. मेडिकल टीम को अलर्ट रखा गया है. आईसीयू की व्यवस्था के साथ-साथ शिशु विशेषज्ञ तैयार हैं. इस लक्षण का कोई मरीज दिखता है तो उसका तुरन्त इलाज करने का निर्देश दिया गया है. इस संबंध में अस्पताल के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज की को भी हितायद दी गई है.

Intro:किशनगंज:-सूबे के विभिन्न जिलो मे अबतक चमकी बुखार से सैकरो मासूम बच्चों की जाने चली गई है।पिछ्ले वर्ष भी कई बच्चों की जान चली गईं थीं इससे सरकार ने सबक ना लेते हुए इस वर्ष भी पहले से कोई स्वास्थ्य की बेवस्था नही की जिसके कारन 100से ज्यादा बच्चे की जान चली गई और अभी बहुत अस्पताल मे भर्ती है।


Body:किशनगंज:-सूबे के विभिन्न जिलो मे अबतक चमकी बुखार से सैकरो मासूम बच्चों की जाने चली गई है।पिछ्ले वर्ष भी कई बच्चों की जान चली गईं थीं इससे सरकार ने सबक ना लेते हुए इस वर्ष भी पहले से कोई स्वास्थ्य की बेवस्था नही की जिसके कारन 100से ज्यादा बच्चे की जान चली गई और अभी बहुत अस्पताल मे भर्ती है।

हालाकि इस बुखार के मरीज अभी तक किशनगंज मे नही पाए गए है,फिर भी स्वास्थ्य विभाग ये दावा कर रहा है की हम लोग इससे निपटने के लिए पुर्ण रूप से त्यार है।
पर स्वास्थ्य विभाग के दावो पर सवालिया निसान है की जिले मे पहले से ही डॉक्टरों की घोर कमी है,सदर अस्पताल किशनगंज ने मात्र एक बच्चों के जानकार डॉक्टर है।
अगर हम बात आई सी यू की करे तो सदर अस्पताल मे सिर्फ नवजात शिशुओं जो 0 से 28 दिन तक के है उन्के लिए ही बेवस्था है,बाकी सदर अस्पताल स्थित शिशु वार्ड डॉक्टर और नर्स के अभाव मे बंद पड़ा हुआ है।

वही जब हमने सदर अस्पताल के शिशु चिकित्सक डॉ-मंजर आलम से हमने इस बिमारी के सम्बंध मे बात की तो उन्होने बताया की ये बुखार ज्यादा तर 1 से 15 साल तक के बच्चों मे पाया जा रहा है,इस बुखार मे पूरे बदन मे अकरन होती है।
बच्चों में सुस्ती छा जाती है,पहले इन्फेलीसीस होती है फिर ये चमकी बुखार मे तब्दील हो जाता है,हम सबसे पहले एंटीबायोटिक देते है जिससे की बुखार कम हो,और ऐसे मरीजो को साफ और हवादार कमरे मे रखा जाता है।


Conclusion:किशनगंज जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया की हमने इस बिमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक की है और उन्हे स्पस्ट हिदायत दी है कि किसी भी तरह की लापरवाहि बरदास्त नही की जाएगी,और किशनगंज सिविल सर्जन को बोल दिया गया है की इसके लिए वे अपने मैडिकल टीम के साथ त्यार रहे,आई सी यू मे हर तरह की बेवस्था रखी गई है,शिशु विशेषज्ञ को त्यार रखा गया है।अगर चमकी बुखार के लक्षण किसी भी मरीज मे पाए जाते है तो उनकी इलाज तुरंत शुरु करे,सदर अस्पताल के साथ-साथ मैडिकल कॉलेज को भी हिदायत दे दी गई है।
हालाकि अभी तक किशनगंज मे इसके एक भी मरीज नही पाए गए है।

विज़ुअल
बाइट-डॉ-मंजर आलम (शिशु चिकित्सक)
बाइट-हिमांशु शर्मा (जिलाधिकारी)
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