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पर्यटन विभाग की लापरवाही की मार झेल रहा 100 साल पुराना कचुदह झील

70 एकड़ में फैली कचुदह झील पर्यटन विभाग की लापरवाही की वजह से अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है. झील के चारो तरफ झाड़ियां उग गई हैं. वहीं, इस झील में सैलानी पक्षी की कई प्रजातियां इस झील में आते हैं.

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Published : Jan 7, 2020, 7:18 PM IST

KISHANGANJ
पर्यटन विभाग की लापरवाही आई सामने

किशनगंज: जिले के ठाकुरगंज प्रखंड में बनी एक मात्र झील 'कचूदह' आज सरकारी उदासीनता का शिकार हो रही है. लगभग 70 एकड़ में फैली इस झील को किशनगंज पर्यटक स्थल में भी जगह दी गई है. लेकिन इसका सौन्दर्यीकरण नहीं होने की वजह से यह झील धीरे-धीरे सिमटती जा रही है.

बता दें कि 70 एकड़ में फैली कचुदह झील पर्यटन विभाग की लापरवाही की वजह से अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है. झील के चारो तरफ झाड़ियां उग गई हैं. वहीं, इस झील में सैलानी पक्षी के कई प्रजातियां इस झील में आते हैं.

करीब 100 साल पुरानी है झील
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये झील करीब 100 साल पुरानी है. पहले इस झील को देखने के लिए पर्यटक दूर दराज और पड़ोसी देश नेपाल से भी आते थे. लेकिन अब यह झील जंगलों से चारो और से घिर गया है. जिसकी वजह से पर्यटको का आना बंद हो गया है. लोगों के मुताबिक अगर सरकार इस झील का सौन्दर्यीकरण करवा देती है, तो इस ओर एक बार फिर से पर्यटकों का रुझान बढ़ जाएगा. जिसकी वजह से स्थानीय लोग छोटा व्यापार कर सकेंगे और उन्हें भी रोजगार मिल जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जिलाधिकारी ने सौन्दर्यीकरण का दिया भरोसा
जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि इस झील का सौन्दर्यीकरण जल्द ही कराया जाएगा. इसके लिए संबंधित विभाग को आदेश दिए जाएंगे. जिलाधिकारी ने बताया कि ये जगह पहले से ही पर्यटक स्थल है. इस वजह से जल्द ही इसका सौन्दर्यीकरण किया जाएगा.


किशनगंज: जिले के ठाकुरगंज प्रखंड में बनी एक मात्र झील 'कचूदह' आज सरकारी उदासीनता का शिकार हो रही है. लगभग 70 एकड़ में फैली इस झील को किशनगंज पर्यटक स्थल में भी जगह दी गई है. लेकिन इसका सौन्दर्यीकरण नहीं होने की वजह से यह झील धीरे-धीरे सिमटती जा रही है.

बता दें कि 70 एकड़ में फैली कचुदह झील पर्यटन विभाग की लापरवाही की वजह से अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है. झील के चारो तरफ झाड़ियां उग गई हैं. वहीं, इस झील में सैलानी पक्षी के कई प्रजातियां इस झील में आते हैं.

करीब 100 साल पुरानी है झील
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये झील करीब 100 साल पुरानी है. पहले इस झील को देखने के लिए पर्यटक दूर दराज और पड़ोसी देश नेपाल से भी आते थे. लेकिन अब यह झील जंगलों से चारो और से घिर गया है. जिसकी वजह से पर्यटको का आना बंद हो गया है. लोगों के मुताबिक अगर सरकार इस झील का सौन्दर्यीकरण करवा देती है, तो इस ओर एक बार फिर से पर्यटकों का रुझान बढ़ जाएगा. जिसकी वजह से स्थानीय लोग छोटा व्यापार कर सकेंगे और उन्हें भी रोजगार मिल जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जिलाधिकारी ने सौन्दर्यीकरण का दिया भरोसा
जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि इस झील का सौन्दर्यीकरण जल्द ही कराया जाएगा. इसके लिए संबंधित विभाग को आदेश दिए जाएंगे. जिलाधिकारी ने बताया कि ये जगह पहले से ही पर्यटक स्थल है. इस वजह से जल्द ही इसका सौन्दर्यीकरण किया जाएगा.


Intro:किशनगंज:-किशनगंज ज़िले के ठाकुरगंज प्रखंड में स्थित एक मात्र झील "कचूदह" आज सरकारी उदासीनता का शिकार हो रहा है।लगभग 70 एकड़ में फैले इस झील को किशनगंज पर्यटक स्थल में भी जगह दी गई है,पर इसके सौन्द्रीकरण न होने की वजह से झील धीरे धीरे सिमटता जा रहा है।


Body:किशनगंज:-ठाकुरगंज प्रखंड में लगभग 70 एकड़ में फैले कचुदह झील प्रयत्न विभाग के लापरवाही के कारण अपने अस्तित्व खोने के कगार पर है।झील के चारो तरफ जंगल झार उपज गए हैं।आपको बता दे कि इस झील में सैलानी पक्षी के कई प्रजातियां इस झील में आते हैं।

वीओ:-स्थानीय लोगो का कहना है कि ये झील लगभग 100 वर्ष पुराना है,पहले इस झील को देखने के लिए पर्यटक दूर दराज और परोसी देश नेपाल से भी आते थे।परंतु अब यह झील जंगलो से चारो और से घिर गया है जिसके वजह से पर्यटको का आना बंद हो गया है।लोगो का कहना है कि अगर सरकार इस झील का सौन्द्रीकरण करवा देती है तो यहाँ एक बार फिर से पर्यटको का रुझान बढ़ जाएगा,जिसके वजह से स्थानीय लोग छोटा मोटा व्यापार कर सकेंगे जिससे कि उन्हें भी रोजगार मिल जाएगा।


Conclusion:वही किशनगंज जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि इस झील का सौन्द्रीकरण जल्द ही कराया जाएगा,इसके लिए संबंधित विभाग को आदेश दिए जाएंगे।जिलाधिकारी ने बताया कि चुकी ये जगह पूर्व से पर्यटक स्थल है इसके सौन्द्रीकरण जल्द ही किया जाएगा।

बाईट-रिजवान आलम (स्थानीय)
बाइट-हिमांशु शर्मा (जिलाधिकारी, किशनगंज)
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