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किशनगंज: बाढ़ का पानी कम होते ही शुरु हुई महामारी, डायरिया के मरीजों की बड़ी तादाद

जिले के सिविल सर्जन डॉ. परशुराम प्रसाद ने बताया कि किशनगंज स्वास्थ्य विभाग हर परिस्थिति से निपटने को तैयार है. टीम पूरी तत्परता से अपना काम कर रही है. इलाके में स्वास्थ्य कैंप भी लगाए जा रहे हैं.

लोगो को हो रही परेशानी
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Published : Jul 20, 2019, 6:32 PM IST

किशनगंज: बाढ़ का पानी कम होने के बाद अब लोगों को महामारी का डर सताने लगा है. अब डायरिया और पेट के रोगों से ग्रसित लोग काफी संख्या में अस्पताल पहुंच रहे हैं. बाढ़ग्रस्त इलाकों में पानी कम होने से हर तरफ कीचड़ जमा हो गया है. जिसके कारण बीमारियां फैलनी शुरू हो गई है.

वहीं, इस बाबत सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ.अजित कुमार ने बताया कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद लोगों को स्वास्थ्य संबधित बातों पर ध्यान देना चाहिए. लोग पीने वाले पानी को उबाल कर ही उपयोग करें. रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और आसपास के जमे पानी में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें.

किशनगंज
किशनगंज

स्वास्थ्य विभाग है सर्तक
जिले के सिविल सर्जन डॉ. परशुराम प्रसाद ने बताया कि किशनगंज स्वास्थ्य विभाग हर परिस्थिति से निपटने को तैयार है. टीम पूरी तत्परता से अपना काम कर रही है. इलाके में स्वास्थ्य कैंप भी लगाए जा रहे हैं. जगह-जगह ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है.

किशनगंज में बाढ़ का पानी कम होते ही फैलने लगी बिमारी

स्वास्थ्य कैंप लगाकर लोगों का हो रहा इलाज- डीएम

वहीं, इस मामले पर जिले के डीएम हिमांशु शर्मा ने बताया कि जिले में कई जगहों पर स्वास्थ्य कैंप लगाकर लोगों का इलाज किया जा रहा है. बाढ़ पीड़ितों की हर सभंव मदद की जा रही है. मेडिकल टीम बाढ़ पीड़ितों के लिए हमेशा तत्पर है. उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को बेहतर स्वास्थ्य और इलाज के लिए मेडिकल टीम अलग-अलग जगहों पर कार्य कर रही है.

किशनगंज: बाढ़ का पानी कम होने के बाद अब लोगों को महामारी का डर सताने लगा है. अब डायरिया और पेट के रोगों से ग्रसित लोग काफी संख्या में अस्पताल पहुंच रहे हैं. बाढ़ग्रस्त इलाकों में पानी कम होने से हर तरफ कीचड़ जमा हो गया है. जिसके कारण बीमारियां फैलनी शुरू हो गई है.

वहीं, इस बाबत सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ.अजित कुमार ने बताया कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद लोगों को स्वास्थ्य संबधित बातों पर ध्यान देना चाहिए. लोग पीने वाले पानी को उबाल कर ही उपयोग करें. रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और आसपास के जमे पानी में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें.

किशनगंज
किशनगंज

स्वास्थ्य विभाग है सर्तक
जिले के सिविल सर्जन डॉ. परशुराम प्रसाद ने बताया कि किशनगंज स्वास्थ्य विभाग हर परिस्थिति से निपटने को तैयार है. टीम पूरी तत्परता से अपना काम कर रही है. इलाके में स्वास्थ्य कैंप भी लगाए जा रहे हैं. जगह-जगह ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है.

किशनगंज में बाढ़ का पानी कम होते ही फैलने लगी बिमारी

स्वास्थ्य कैंप लगाकर लोगों का हो रहा इलाज- डीएम

वहीं, इस मामले पर जिले के डीएम हिमांशु शर्मा ने बताया कि जिले में कई जगहों पर स्वास्थ्य कैंप लगाकर लोगों का इलाज किया जा रहा है. बाढ़ पीड़ितों की हर सभंव मदद की जा रही है. मेडिकल टीम बाढ़ पीड़ितों के लिए हमेशा तत्पर है. उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को बेहतर स्वास्थ्य और इलाज के लिए मेडिकल टीम अलग-अलग जगहों पर कार्य कर रही है.

Intro:किशनगंज मे बाढ़ की पानी कम होते ही लोग होने लगे हैं बिमार, डायरिया व स्नेक बाइट की मरीजों की अस्पताल में भीड़। हर रोज दर्जनो के तादाद में अस्पताल में आ रहे हैं स्नेक बाइट व डायरिया के मरीज।जिले के आधी से ज्यादा आबादी बाढ़ के चपेट में थी।महानंदा, डोंक, कनकई, रतुआ, मैची सहित कई नदि का पानी कम हो जाने से ग्रामीण इलाके के कई गड्ढे और सड़कों में पानी भर जाने के बाद अब कीचड़ होने लगा है। जिस कारण कई बीमारी जैसे डायरिया, वायरल बुखार और पेट की बीमारी से ग्रसित लोग अब अस्पताल आने लगी है और जिसकी संख्या में वृद्धि होती जा रही है।

बाइटः हिमांशु शर्मा, डीएम, किशनगंज
बाइटः डा पशुराम प्रसाद, सिविल सर्जन, किशनगंज
बाइटः डा अजीत कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी, सदर अस्पताल


Body:सदर अस्पताल के चिकित्सक डा अजित कुमार ने बताया बाढ़ की पानी कम होने के बाद अब लोग स्वास्थ्य को लेकर सुरक्षा बढ़ते। ताकि बीमार ना गिड़े। लोग उबला हुआ पानी पीयें। कम से कम पानी आधा उबालें फिर पानी को ठंडा कर छाक कर सेवन करे। और सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। साथ ही आसपास के जमे पानी मे बिलीचिंग व अन्य पाउडर का छिड़काव करें और चापाकल मे हेलोजन टेबलेट डाले। खाने के लिए कच्चे साख सब्जियों का अच्छा से पानी से धो लें। वही किसी को सांप डस ले तो तुरंत अस्पताल आये किसी तरह का अंधविश्वास पर विश्वास ना अस्पताल पर सांप काटने का इलाज का व्यवस्था है। लोग कोशिश करें रात के समय अंधेरे में पानी या आसपास नहीं जाये। वहीं डा अजीत ने बताया की सदर अस्पताल मे हर रोज 10-15 मरीज डायरिया, 5-10 मरीज स्नेक बाइट का आ रहा है। और पीएचसी मे तादाद इससे ज्यादा है।


Conclusion:सिविल सर्जन डा पशुराम प्रसाद ने बताया की किशनगंज स्वास्थ्य विभाग के पास 600 फाइल एसबीएस भेकसीन है, इसलिए स्नेक बाइट मरीजों को डरने की जरूरत नहीं है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के पूरी टीम कार्य कर रही हैं। इलाकों में स्वास्थ्य कैम्प लगाया जा रहा है।पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है।सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार है।
वहीं डीएम हिमांशु शर्मा ने बताया की स्वास्थ्य विभाग के सभी पीएचसी प्रभारी और जितने भी मेडिकल टीम है सभी को निर्देश दिए गए हैं क्षेत्रों में मेडिकल कैंप लगाने का।बिलीचिंग पाउडर का छिड़काव है एएनएम और स्वास्थ्य विभाग के आशा के माध्यम से हमलोग करने का निर्देश दिया है। डीएम ने पीएचसी के लाचार हालत के सवाल पर बताया की पीएचसी का बूरा हाल नहीं है बल्कि हमारे पास डाक्टर का कमी है, इसमें कोई संदेह नहीं है।वहीं बताया की डायरिया, महामारी व हैजा इत्यादि जिले मे कोई समस्या नहीं हो जिसे लेकर हमलोग पूरा संवेदनशील है।
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