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महानंदा नदी का कहर , कटाव से दर्जनों घर बह गए - डीएम हिमांशु शर्मा

महानंदा नदी के बाढ़ से कटाव की स्थिति बेहद खतरनाक हो गई है. कटाव में अबतक डेढ़ दर्जन से अधिक घर बाढ़ में बह गए है. बढ़ रहे जल स्तर से लोग डरे हुए है, लोग रातों में घर छोड़ उच्चे स्थान पर रहते है वहीं दिन होते घर की रखवाली करते है.

खतरनाक स्थिति में महानंद नदी
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Published : Jul 26, 2019, 6:36 PM IST

किशनगंज: बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. महानंदा नदी में आई बाढ़ ने जिले के बगल बड़ी पंचायत में कहर मचा रखा है. नदियों के जल स्तर में हो रहे बढ़ोतरी से लोग भय में घर छोड़ उच्चे स्थान पर शरण ले रहे हैं. बाढ़ से हो रहे मिट्टी कटाव में अबतक डेढ़ दर्जन से अधिक घर बाढ़ में बह गए हैं. पानी के तेज बहाव होने से सैकड़ों एकड़ खेती योग्य भूमि नदी में समा गई है.

खतरनाक स्थिति में महानंदा नदी

न खाने को अनाज है ,न रहने को छत

बाढ़ की मार झेल रहे लोग पलायन को मजबूर हैं. लगातार तेज गति से हो रहे कटाव से लोगों के मकान और खेती योग्य जमीन कटाव की भेंट चढ़ गई है. अब न खाने को अनाज है ,न रहने को छत है. बेघर लोगों के सामने अब आजीविका का भी संकट है. ग्रमीणों का कहना है कि हर साल यह त्रासदी झेलनी पड़ती है. लेकिन प्रशासन के रवैया के कारण हम पलायन के लिए मजबूर हैं.
मुवावजा और भूमि दी जाएगी - डीएम
जिले के डीएम हिमांशु शर्मा ने कहा कि मामले पर हमलोग नजर बनाए हुए हैं. बगल बाड़ी में बहुत तेजी से कटाव हो रहा है. कटाव रोकने के लिए अभियंता और फ्लड कंट्रोल टीम लगी हुई है. कटाव प्रभावितों को सरकारी प्रावधानों को तहत हर संभव सहायता दी जाएगी. वहीं भूमिहीनों और पीड़ितों को भूमि और मुआवजा दिया जाएगा.

किशनगंज: बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. महानंदा नदी में आई बाढ़ ने जिले के बगल बड़ी पंचायत में कहर मचा रखा है. नदियों के जल स्तर में हो रहे बढ़ोतरी से लोग भय में घर छोड़ उच्चे स्थान पर शरण ले रहे हैं. बाढ़ से हो रहे मिट्टी कटाव में अबतक डेढ़ दर्जन से अधिक घर बाढ़ में बह गए हैं. पानी के तेज बहाव होने से सैकड़ों एकड़ खेती योग्य भूमि नदी में समा गई है.

खतरनाक स्थिति में महानंदा नदी

न खाने को अनाज है ,न रहने को छत

बाढ़ की मार झेल रहे लोग पलायन को मजबूर हैं. लगातार तेज गति से हो रहे कटाव से लोगों के मकान और खेती योग्य जमीन कटाव की भेंट चढ़ गई है. अब न खाने को अनाज है ,न रहने को छत है. बेघर लोगों के सामने अब आजीविका का भी संकट है. ग्रमीणों का कहना है कि हर साल यह त्रासदी झेलनी पड़ती है. लेकिन प्रशासन के रवैया के कारण हम पलायन के लिए मजबूर हैं.
मुवावजा और भूमि दी जाएगी - डीएम
जिले के डीएम हिमांशु शर्मा ने कहा कि मामले पर हमलोग नजर बनाए हुए हैं. बगल बाड़ी में बहुत तेजी से कटाव हो रहा है. कटाव रोकने के लिए अभियंता और फ्लड कंट्रोल टीम लगी हुई है. कटाव प्रभावितों को सरकारी प्रावधानों को तहत हर संभव सहायता दी जाएगी. वहीं भूमिहीनों और पीड़ितों को भूमि और मुआवजा दिया जाएगा.

Intro:किशनगंज:-कोचाधामन प्रखंड के बगलबड़ी पंचायत महानंद नदी का भीषण कटाव झेल रहा है।कटाव की त्रशिदि ऐसी की करीब दो दर्जन से भी ज्यादा मकान और सैकड़ो एकड़ कृषि योग्य भूमि कटाव की भेंट चढ़ चुका है।


Body:किशनगंज:-कोचाधामन प्रखंड के बगलबड़ी पंचायत महानंद नदी का भीषण कटाव झेल रहा है।कटाव की त्रशिदि ऐसी की करीब दो दर्जन से भी ज्यादा मकान और सैकड़ो एकड़ कृषि योग्य भूमि कटाव की भेंट चढ़ चुका है।कटाव लगातार काफी तेज गति से हो रहा है और दूर दूर तक सिर्फ नदी का पानी ही नज़र आ रहा है।दर्जनों मकान कटाव की भेंट चढ़ने के बाद तटवर्ती इलाको के लोग अपने घरों के समान निकल के सुरक्षित स्थान पर रखने लगे हैं।
वही कृषि योग्य भूमि कट जाने से उनके सामने आजीविका के लाले पड़ गए है।कटाव की वजह से दहसत के साए में जी रहे ग्रामीणों का कहना है कि अब उनके सामने आत्महत्या के शिव कोई विकल्प नही है।ग्रामीणों ने बताया कि मकान और खेत नदी के कटाव की भेंट चढ़ चुके हैं, ना खाने के लिए अनाज है और न ही जलावन,जो थोड़ा बहुत पहले से रखा हुआ है उसी से गुजारा हो रहा है।उन्होंने बताया की कटाव की वजह से खेती और मकान दोनो की ज़मीन नही बची है,उन्होंने सरकार से मुआवजा और भूमि की मांग की है।


Conclusion:इस संबंध में किशनगंज जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि बगलबाड़ी में बहुत तेज़ी से कटाव हो रहा है,कटाव रोकने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।उन्होंने बताया कि कटाव रोकने के लिए अभियंता और फ्लड कंट्रोल टीम लगी हुई है।
डी एम हिमांशु शर्मा ने बताया कि सरकारी प्रावधानों के तहत कटाव प्रभावित भूमिहीनों को मुवावजा व भूमि दी जाएगी ताकि वो लोग फिर से अपनी घर गृहस्थी बसा ले।
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