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चाइल्ड लाइन ने प्रशासन की मदद से रोका बाल विवाह

चाइल्ड लाइन किशनगंज की टीम ने जिले के ट्यूसा पंचायत में हो रहे एक बाल विवाह को ऐन वक्त पर रोक दिया. लड़की के पिता ने जानकारी के अभाव में बाल विवाह करने की बात कही है. उन्होंने शपथ पत्र देकर कहा है कि अब वे 18 साल का होने पर ही बेटी की शादी करेंगे.

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बाल विवाह
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Published : Jan 14, 2021, 8:00 PM IST

किशनगंज: जिले के किशनगंज प्रखंड के ट्यूसा पंचायत में नाबालिग बच्चों की शादी होने कि सूचना किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा चाइल्ड लाइन किशनगंज को मिली. चाइल्ड लाइन की टीम के सदस्य मुजाहिद आलम ने तुरंत मामले को अनुमंडल पदाधिकारी सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी शहनवाज अहमद नियाजी और प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहम्मद मेराज आलम के संज्ञान में लाया.

इसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहम्मद मेराज आलम ने अंचलाधिकारी को चाइल्ड लाइन टीम के साथ तुरंत बाल विवाह रोकने को कहा. चाइल्ड लाइन किशनगंज की टीम मौके पर पहुंची और बाल विवाह होने से रोक दिया. बाल विवाह कर रहे परिजनों को चाइल्ड लाइन की टीम ने जानकारी दी और कानूनी प्रक्रिया के बारे में बताया.

बच्चों के लिए तबाही का सबब है बचपन की शादी
अंचलाधिकारी ने बताया "बचपन की शादी बच्चों के लिए तबाही का सबब है. ये उनके मौलिक अधिकारों का भी हनन है. समय से पहले होने वाली शादियों से कुप्रभाव को देखते हुए सरकार ने बाल विवाह पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है. इसी के तहत होने वाले बाल विवाह को रोका गया. बाल विवाह कराना जुल्म है. बच्ची के पिता ने जानकारी के अभाव में यह कदम उठाया था. उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की और 18 साल पूरा होने के बाद बेटी का विवाह करने का शपथ पत्र दिया."

"बाल विवाह किसी बच्चे को अच्छे स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के अधिकार से वंचित करता है. कम उम्र में विवाह के कारण लड़कियों को हिंसा, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का अधिक सामना करना पड़ता है. कम उम्र में विवाह का लड़के और लड़की दोनों पर शारीरिक, बौद्धिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक प्रभाव पड़ता है."- मुजाहिद आलम, सदस्य, चाइल्ड लाइन

किशनगंज: जिले के किशनगंज प्रखंड के ट्यूसा पंचायत में नाबालिग बच्चों की शादी होने कि सूचना किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा चाइल्ड लाइन किशनगंज को मिली. चाइल्ड लाइन की टीम के सदस्य मुजाहिद आलम ने तुरंत मामले को अनुमंडल पदाधिकारी सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी शहनवाज अहमद नियाजी और प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहम्मद मेराज आलम के संज्ञान में लाया.

इसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहम्मद मेराज आलम ने अंचलाधिकारी को चाइल्ड लाइन टीम के साथ तुरंत बाल विवाह रोकने को कहा. चाइल्ड लाइन किशनगंज की टीम मौके पर पहुंची और बाल विवाह होने से रोक दिया. बाल विवाह कर रहे परिजनों को चाइल्ड लाइन की टीम ने जानकारी दी और कानूनी प्रक्रिया के बारे में बताया.

बच्चों के लिए तबाही का सबब है बचपन की शादी
अंचलाधिकारी ने बताया "बचपन की शादी बच्चों के लिए तबाही का सबब है. ये उनके मौलिक अधिकारों का भी हनन है. समय से पहले होने वाली शादियों से कुप्रभाव को देखते हुए सरकार ने बाल विवाह पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है. इसी के तहत होने वाले बाल विवाह को रोका गया. बाल विवाह कराना जुल्म है. बच्ची के पिता ने जानकारी के अभाव में यह कदम उठाया था. उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की और 18 साल पूरा होने के बाद बेटी का विवाह करने का शपथ पत्र दिया."

"बाल विवाह किसी बच्चे को अच्छे स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के अधिकार से वंचित करता है. कम उम्र में विवाह के कारण लड़कियों को हिंसा, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का अधिक सामना करना पड़ता है. कम उम्र में विवाह का लड़के और लड़की दोनों पर शारीरिक, बौद्धिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक प्रभाव पड़ता है."- मुजाहिद आलम, सदस्य, चाइल्ड लाइन

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