किशनगंज: प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके बाद से राज्य के कई जिलों में 72 घंटों या उससे अधिक की अवधि के लिए लॉकडाउन लगाया गया है.
इस लॉकडाउन में सिर्फ आपातकाल सेवा को छोड़कर सबकुछ बंद कर दिया गया है. इस बंद से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर में ऑटो चलाकर अपना व अपने परिवार का पेट भरने वाले ऑटो चालक हो रहे हैं. आज उनके और परिवार के सामने भूखे पेट सोने के हालात उत्पन्न हो गए हैं.
धारा 144 लागू
किशनगंज मे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 300 से अधिक हो गई है और 100 से अधिक जिले में कोरोना के एक्टिव मरीज हैं, जिसकेे कारण जिलााा प्रशासन ने 7 जुलाई से 10 जुलाई तक 72 घंटों का लॉकडाउन लगा दियाा था. इसके साथ ही धारा 144 जिला मुख्यालय में लागू कर दी गई. इसके तहत सभी तरह की दुकानें बंद हैं और लोगोंं को घर से निकलना मना है.
आत्महत्या की चेतावनी
इन हालात में ऑटो चालकों के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है. किशनगंज में ऑटो चलाने वाले एक चालक ने बताया कि इससे पहले जब लॉकडाउन लगा था तो किसी तरह से अपने परिवार का पेट पाला और सरकार के फैसले का समर्थन किया. चालक ने बताया कि 3 महीने तक हम लोग घर में बैठे रहे, जिसके कारण जो भी जमा पूंजी रखी थी वो खत्म हो गई. हमारे उपर कर्ज भी है. साथ ही बैंक से लोन पर जो ऑटो लिया है उसका भी पैसा बैंक को देने में असमर्थ हैं, जिसके कारण बैंक वाले हमारे ऊपर दबाव बना रहे हैं. ऑटो चालक ने बताया कि अगर सरकार हमारे लिए कोई अलग व्यवस्था नहीं की तो हमारे पास आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं रह जाएगा.