किशनगंज: कोरोना के बीच बिहार में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसको लेकर सियासत तेज है. इस बीच एआईएमआईएम ने नीतीश सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. किशनगंज में आयोजित एक प्रेस कॉन्फेंस में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में उर्दू के साथ सौतेला रवैया अपना रहे हैं. उन्होंने नीतीश सरकार को उर्दू विरोधी बताया.
मौके पर एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने नीतीश सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि सरकार भाषा को एक खास समुदाय से जोड़ कर देख रही है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने पहले फारसी का कत्ल किया और अब उर्दू को समाप्त करने की दिशा मे काम कर रही है.
'सीबीएसई पैटर्न में उर्दू कंपलसरी नहीं'
दरअसल, बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि आने वाले दिनों में जो सीबीएसई पैटर्न जारी होगा, उसमें उर्दू कंपलसरी नहीं रहेगा. इस सर्कुलर के खिलाफ एआईएमआईएम ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि उर्दू के साथ दुश्मनी बंद की जाए और शिक्षा विभाग ने जो सर्कुलर जारी किया है उसे तुरंत वापस लिया जाए.
जेडीयू विधायकों को घेरा
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नीतीश कुमार अल्पसंख्यकों और उर्दू जुबान के साथ इंसाफ करना चाहते हैं तो शिक्षा विभाग के जिस पदाधिकारी ने यह सर्कुलर जारी किया है, उसे तुरंत बर्खास्त किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि जब से एनडीए की सरकार आई है वह अल्पसंख्यकों, दलितों, गरीबो और समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए मुसीबत बनकर आई है. अगर सरकार नहीं चेती तो उसके खिलाफ सभी मिलकर लम्बी लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने जदयू के मुस्लिम विधायकों पर तंज कस्ते हुए कहा कि वह इस मसले पर पूरी तरह चुप्पी साधे बैठे हैं. इस अवसर पर प्रदेश कोषाध्यक्ष सैयद मजहरुल हसन, गुड्डू सरफराजी, राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के आफताब अजहर सिद्दिकी सहित अन्य उपस्थित रहे.