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खगड़िया: बांध को बचाने के लिए जुटे गांव के लोग, प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप

बाढ़ से प्रभावित लोगों ने जिला प्रशासन पर बेरुखी का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि यह रिंग बांध टूटती है तो आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे.

खगड़िया में बाढ़ से बांध को बचाने के लिए ग्रामीणों कर रहे हैं कोशिश
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Published : Sep 25, 2019, 3:34 PM IST

खगड़िया: जिले के परबत्ता में गंगा नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है. इसको लेकर ग्रामीण लोग काफी दहशत में हैं. हालात ऐसे हैं कि ग्रामीणों को रात-रात भर जागना पड़ता है. प्रशासन की ओर से मदद ना मिलने पर ग्रामीणों ने खुद ही बांध बनाने का लिए कार्य शुरु कर दिया है.

floods in Khagaria
नहीं मिल रही है प्रशासनिक मदद

बांध बचाने में जुटे ग्रामीण
जिले के परबता के चकप्रयाग गांव के पास रिंग बांध पर पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है. इससे बांध को पानी ओवरटोप कर ग्रामीण क्षेत्रों में बहने लगा है. जिसके बाद ग्रामीण खुद से बांध को बचाने में जुटे हुए हैं. बताया जाता है कि गांव वाले किसी तरह प्लास्टिक के बैग को जमा कर रहे हैं और उसमें मिट्टी डालकर बांध को ऊंचा कर रहे हैं. ताकि पानी बांध को पार नहीं कर सके. ग्रामीण बांध को बचाने के लिए दिन-रात भरपूर कोशिश कर रहे हैं.

नहीं मिल रही प्रशासन से मदद
बाढ़ से प्रभावित लोगों ने जिला प्रशासन पर बेरुखी का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि यह रिंग बांध टूटती है तो आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे. इसके बाद वाटरबेज के कारण मुख्य बांध भी टूट जाएगा. लेकिन प्रशासन इसके लिए कुछ नहीं कर रहा है.

बांध को बचाने में जुटे ग्रामीण

खतरे में है 20 हजार की आबादी
ग्रामीणों ने कहा कि बांध को बचाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है. गांव वाले एकजुट होकर किसी तरह बांध को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. आपको बता दें कि यदि यह बांध टूट जाता है तो 20 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित हो जाएगी.

खगड़िया: जिले के परबत्ता में गंगा नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है. इसको लेकर ग्रामीण लोग काफी दहशत में हैं. हालात ऐसे हैं कि ग्रामीणों को रात-रात भर जागना पड़ता है. प्रशासन की ओर से मदद ना मिलने पर ग्रामीणों ने खुद ही बांध बनाने का लिए कार्य शुरु कर दिया है.

floods in Khagaria
नहीं मिल रही है प्रशासनिक मदद

बांध बचाने में जुटे ग्रामीण
जिले के परबता के चकप्रयाग गांव के पास रिंग बांध पर पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है. इससे बांध को पानी ओवरटोप कर ग्रामीण क्षेत्रों में बहने लगा है. जिसके बाद ग्रामीण खुद से बांध को बचाने में जुटे हुए हैं. बताया जाता है कि गांव वाले किसी तरह प्लास्टिक के बैग को जमा कर रहे हैं और उसमें मिट्टी डालकर बांध को ऊंचा कर रहे हैं. ताकि पानी बांध को पार नहीं कर सके. ग्रामीण बांध को बचाने के लिए दिन-रात भरपूर कोशिश कर रहे हैं.

नहीं मिल रही प्रशासन से मदद
बाढ़ से प्रभावित लोगों ने जिला प्रशासन पर बेरुखी का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि यह रिंग बांध टूटती है तो आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे. इसके बाद वाटरबेज के कारण मुख्य बांध भी टूट जाएगा. लेकिन प्रशासन इसके लिए कुछ नहीं कर रहा है.

बांध को बचाने में जुटे ग्रामीण

खतरे में है 20 हजार की आबादी
ग्रामीणों ने कहा कि बांध को बचाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है. गांव वाले एकजुट होकर किसी तरह बांध को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. आपको बता दें कि यदि यह बांध टूट जाता है तो 20 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित हो जाएगी.

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खगड़िया के परबत्ता में गंगा नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। यहां के आधा दर्जन गांव के लोग काफी दहशत में हैं और रतजगा करके रात गुजार गुजारने पर विवश हैं। परबता के लगार , चकप्रयाग गांव के पास रिंग वांध पर पानी का दबाव काफी बढ़ा हुआ है और बांध को पानी ओवरटोप कर ग्रामीण क्षेत्रों में बहने लगा था । जिसके वाद ग्रामीण खुद से बांध को बचाने में जुटे हुए हैं ।Body:

खगड़िया के परबत्ता में गंगा नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। यहां के आधा दर्जन गांव के लोग काफी दहशत में हैं और रतजगा करके रात गुजार गुजारने पर विवश हैं। परबता के लगार , चकप्रयाग गांव के पास रिंग वांध पर पानी का दबाव काफी बढ़ा हुआ है और बांध को पानी ओवरटोप कर ग्रामीण क्षेत्रों में बहने लगा था । जिसके वाद ग्रामीण खुद से बांध को बचाने में जुटे हुए हैं गांव वाले किसी तरह प्लास्टिक के वैग को जमा कर रहे हैं और उसमें मिट्टी डालकर बांध पर दिया जा रहा है । जिससे से पानी बांध को पार नहीं कर सके। ग्रामीणों ने बांध को बचाने के लिए दिन-रात प्रयास में लगे हैं।बाढ़ प्रभावित लोगों ने जिला प्रशासन पर बेरुखी का आरोप लगाया है। ग्रामीणों के द्वारा खुद से बांध पर पानी को रोकने का प्रयास कर रहे हैं ग्रामीणों का कहना है कि यदि यह रिंग बांध टूटती है तो आधा दर्जन गांव को अपनी चपेट में ले लेगा और वाटरबेज का मुख्य बांध को भी तोङ देगा । ग्रामीणों का यह भी कहना है कि बांध को बचाने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है गांव वाले एकजुट होकर किसी तरह बांध को बचाने की जुगत में लगे हुए हैं। वे लोग गाव से ही बोरा माँगकर बाध को बचाने में रात दिन चुटे हैं । यदि यह बाँध टूट जाता है तो 20 हजार की और आवादी बाढ से प्रभावित हो जाएगा ।
BYTE
ललन कुमार,बाढ़ पिड़ित
पवन कुमार,बाढ़ पिड़ित।
मनोज कुमार ,बाढ़ पिड़ित।Conclusion:
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