खगड़िया: जिले और आसपास के 60 से 70 किलोमीटर के बीच एकलौता रेलवे स्टेशन खगड़िया के मानशी स्टेशन पर रेलवे अस्पताल है, लेकिन ये अस्पताल बिना डॉक्टर के ही संचालित हो रहा है. इसका खामियाजा रेलवे पैसेंजर और रेलवे कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है. खासकर रेलवे की महिला कर्मचारियों को काफी परेशानी होती है.
इस अस्पताल में मरीज तो आते हैं, लेकिन नियुक्त डॉक्टर कभी दर्शन नहीं देते. अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि एक डॉक्टर जिनको रेलवे कॉन्ट्रैक्ट पर रखा है, वो कभी अस्पताल में हाजिर होते दिखाई नहीं देते. इसका कारण ये है कि डॉक्टर साहब का एक निजी क्लिनिक चलते हैं.
शो पीस बनकर रह गया अस्पताल
सरकार ने लाखों रुपए लगाकर भव्य अस्पताल का निर्माण करवाया. यहां हर तरह की सुविधा मुहैया कराई गई, लेकिन इन सभी सुविधाओं को संचालित करने वाला कोई नहीं है. मरीज आते हैं और निराश होकर चले जाते हैं. मजबूरन लोगों को निजी क्लिनिक का रुख करना पड़ता है.
नर्स करती है इलाज
सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधा के बावजूद लोग हजारों रुपए खर्च करने को मजबूर हैं. अस्पताल में एक नर्स है जो महिला मरीज का इलाज करती है. पूछे जाने पर बताया गया कि यहां डॉक्टर नहीं है. साथ ही कहा कि मरीज का प्राथमिक उपचार कर उसे बरौनी स्थित अस्पताल भेज दिया जाता है.