ETV Bharat / state

खगड़िया: डॉक्टर की बाट जोह रहा ये रेलवे अस्पताल, चिकित्सक निजी क्लिनिक चलाने में व्यस्त

खगड़िया जिले के मानशी स्टेशन पर एकमात्र अस्पताल है, जिस पर रेलवे स्टाफ समेत काफी लोग आश्रित हैं. इसके बावजूद यहां कोई डॉक्टर नहीं है. इससे लोग परेशान हैं.

railway hospital
author img

By

Published : Jul 25, 2019, 8:13 AM IST

खगड़िया: जिले और आसपास के 60 से 70 किलोमीटर के बीच एकलौता रेलवे स्टेशन खगड़िया के मानशी स्टेशन पर रेलवे अस्पताल है, लेकिन ये अस्पताल बिना डॉक्टर के ही संचालित हो रहा है. इसका खामियाजा रेलवे पैसेंजर और रेलवे कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है. खासकर रेलवे की महिला कर्मचारियों को काफी परेशानी होती है.

इस अस्पताल में मरीज तो आते हैं, लेकिन नियुक्त डॉक्टर कभी दर्शन नहीं देते. अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि एक डॉक्टर जिनको रेलवे कॉन्ट्रैक्ट पर रखा है, वो कभी अस्पताल में हाजिर होते दिखाई नहीं देते. इसका कारण ये है कि डॉक्टर साहब का एक निजी क्लिनिक चलते हैं.

अस्पताल से डॉक्टर नदारद

शो पीस बनकर रह गया अस्पताल
सरकार ने लाखों रुपए लगाकर भव्य अस्पताल का निर्माण करवाया. यहां हर तरह की सुविधा मुहैया कराई गई, लेकिन इन सभी सुविधाओं को संचालित करने वाला कोई नहीं है. मरीज आते हैं और निराश होकर चले जाते हैं. मजबूरन लोगों को निजी क्लिनिक का रुख करना पड़ता है.

नर्स करती है इलाज
सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधा के बावजूद लोग हजारों रुपए खर्च करने को मजबूर हैं. अस्पताल में एक नर्स है जो महिला मरीज का इलाज करती है. पूछे जाने पर बताया गया कि यहां डॉक्टर नहीं है. साथ ही कहा कि मरीज का प्राथमिक उपचार कर उसे बरौनी स्थित अस्पताल भेज दिया जाता है.

खगड़िया: जिले और आसपास के 60 से 70 किलोमीटर के बीच एकलौता रेलवे स्टेशन खगड़िया के मानशी स्टेशन पर रेलवे अस्पताल है, लेकिन ये अस्पताल बिना डॉक्टर के ही संचालित हो रहा है. इसका खामियाजा रेलवे पैसेंजर और रेलवे कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है. खासकर रेलवे की महिला कर्मचारियों को काफी परेशानी होती है.

इस अस्पताल में मरीज तो आते हैं, लेकिन नियुक्त डॉक्टर कभी दर्शन नहीं देते. अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि एक डॉक्टर जिनको रेलवे कॉन्ट्रैक्ट पर रखा है, वो कभी अस्पताल में हाजिर होते दिखाई नहीं देते. इसका कारण ये है कि डॉक्टर साहब का एक निजी क्लिनिक चलते हैं.

अस्पताल से डॉक्टर नदारद

शो पीस बनकर रह गया अस्पताल
सरकार ने लाखों रुपए लगाकर भव्य अस्पताल का निर्माण करवाया. यहां हर तरह की सुविधा मुहैया कराई गई, लेकिन इन सभी सुविधाओं को संचालित करने वाला कोई नहीं है. मरीज आते हैं और निराश होकर चले जाते हैं. मजबूरन लोगों को निजी क्लिनिक का रुख करना पड़ता है.

नर्स करती है इलाज
सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधा के बावजूद लोग हजारों रुपए खर्च करने को मजबूर हैं. अस्पताल में एक नर्स है जो महिला मरीज का इलाज करती है. पूछे जाने पर बताया गया कि यहां डॉक्टर नहीं है. साथ ही कहा कि मरीज का प्राथमिक उपचार कर उसे बरौनी स्थित अस्पताल भेज दिया जाता है.

Intro:खगड़िया और आसपास के 60 से 70 किलोमीटर के बीच में एकलौता रेलवे स्टेशन खगड़िया के मानशी स्टेशन पर है लेकिन हाल ये है कि ये अस्पताल बिना डॉक्टर के ही संचालित होता है


Body:खगड़िया और आसपास के 60 से 70 किलोमीटर के बीच में एकलौता रेलवे स्टेशन खगड़िया के मानशी स्टेशन पर है लेकिन हाल ये है कि ये अस्पताल बिना डॉक्टर के ही संचालित होता है और इसका खामियाजा रेलवे पैसेंजर और रेलवे कर्मचारी को भुगतना पड़ता है खास कर रेल की महिला कर्मचारियों को।
यंहा हाल कुछ ऐसा है कि यंहा मरीज तो अस्पताल आते है किसी ना किसी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए लेकिन यंहा नियुक्त डॉक्टर कभी दर्शन नही देते। अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि एक डॉक्टर जिनको रेलवे कॉन्ट्रैक्ट पर रखा है वो कभी अस्पताल में दर्शन नही देते और इसका कारण ये है कि डॉक्टर साहब का एक निजी क्लिनिक भी खगड़िया में चलता है। अस्पताल को लाखो रुपया लगा भव्य तरीके से बनाया गया हर तरह की सुविधा दी गई है लेकिन इन सभी सुविधाओ को संचालित करने वाला कोई नही है। मरीज आते है और निरसा लिए हाथ मे अस्पताल से लौट जाते है मजबूरन उनको निजी क्लिनिक की तरफ रुख करना पड़ता है और सरकार के दिये हुए सुविधा के बावजूद हजारो रुपया खर्च करना पड़ता है निजी क्लिनिक में।अस्पताल में एक नर्स है जो महिला मरीज का इलाज करती है ।पूछे जाने पर बताया गया कि डॉक्टर नही है तो मरीज को देखता कौन है तो बताया गया कि मरीज का प्रथमिक उपचार कर के बरौनी स्थित अस्पताल भेज दिया जाता है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.