खगड़ियाः कहते हैं कि जब तक पंचायत का विकास (Development Of Panchayat) नहीं होगा तब तक देश का विकास नहीं होगा. बिहार के पंचायत चुनाव में जिस तरह से हाई क्वालिफाइड मुखिया प्रत्याशियों का चयन जनता कर रही है, उससे एक स्वच्छ और विकासशील गांव (Developing Village) की तस्वीर मन में बनने लगी है. खगड़िया के परबता प्रखंड में एक ऐसी ही मुखिया बनी हैं. जो फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती हैं और गांव में विकास की लौ जलाने की ठान ली है.
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खगड़िया के परबता प्रखंड के सियादतपुर अगुवानी पंचायत की नवनिर्वाचित मुखिया स्मृति कुमारी दिल्ली से हाई एजुकेशन प्राप्त करने के बाद लाखों के पैकेज पर नौकरी कर रही थीं. लेकिन अपने सास की इच्छा को पूरा करने और समाज में विकास की नई गाथा लिखने के मकसद से वो नौकरी छोड़कर सीधे गांव पहूंची.
स्मृति कुमारी एक पढ़ी लिखी बहू के रुप में गांव वालों के सामने गई और पंचायत के नये तरीके से विकास की बात कही. जिसका नतीजा भी दिखने को मिला. आज स्मृति कुमारी मुखिया बन चुकी हैं और लोगों ने जो भरोसा दिया है उसपर खरे उतरने की बात कही है.
बता दें कि सियादतपुर अगुवानी गांव से दो बार स्मृति की सास भी चुनावी मैदान में उतरी थी लेकिन जनता में विश्वास नहीं जमा पाईं. लेकिन पढ़ी लिखी बहू ने सास के सपना को पूरा किया और पंचायत के विकास में अपना योगदान देने के लिए काफी उत्साहित हैं.
मुखिया स्मृति कुमारी की सास कहती हैं कि उन्हें अपनी बहू पर पूरा भरोसा है. स्मृति जैसी पढ़ी लिखी महिला पर जनता ने भरोसा किया और जात-पात से ऊपर उठकर योग्यता वाले प्रत्याशी को पंचायत सरकार का मुखिया चुना.
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