खगड़िया: जिले के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों का टोटा बना हुआ है. सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी चिकित्सकों की भारी कमी है. जिसके कारण मरीजों को इलाज में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी कारण सरकारी अस्पताल में इलाज के नाम पर रेफर करने की परंपरा बनी हुई है.
पूरे जिला के अस्पताल में है डॉक्टरों की कमी
जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल में 100 बेड हैं. जिसमे 40 डॉक्टरों की सीट है और मात्र 11 डॉक्टर पोस्टेड हैं. डॉक्टरों की कमी के कारण सदर अस्पताल में मरीज परेशान रहते हैं. बताया जाता है कि जिले में कुल 7 पीएससी सहित कई उप स्वास्थ्य केंद्र हैं. जिसमें कुल 140 चिकित्सकों की सीट है, लेकिन मात्र 40 चिकित्सक ही कार्यरत है. तो बीमार मरीजों का क्या हाल होगा. ये आप खुद अनुमान लगा सकते हैं.
स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर करोड़ों हो रहा है खर्च
जिले के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार द्वारा प्रति माह करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि आज तक सरकारी अस्पताल डॉक्टरों की कमी झेल रहा है. गंभीर मरीज इलाज करवाने सदर अस्पताल आते तो हैं. लेकिन डॉक्टर की उपस्थिति नहीं होने के कारण वापस चले जाते हैं. वहीं, सिविल सर्जन का कहना है कि डॉक्टरों के अभाव को लेकर कई बार स्वास्थ विभाग को पत्र लिख चुके हैं. लेकिन सरकार से लेकर विभाग तक इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रही है.