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दर्जनों शिक्षण संस्थान पर FIR दर्ज करने पर भड़का संघ, आंदोलन की दी चेतावनी - कोचिंग संस्थानों पर एफआईआर

कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन करने वाले दर्जनों शिक्षण संस्थान के संचालकों पर FIR दर्ज किए गए हैं. जिसको लेकर निजी शिक्षण संस्थानों की संयुक्त बैठक आयोजित कर FIR के विरोध में आंदोलन करने की धमकी दी गई है.

Private school and coaching operators meeting
Private school and coaching operators meeting
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Published : Apr 14, 2021, 2:24 PM IST

खगड़िया: जिले में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले दर्जनों शिक्षण संस्थान के संचालकों पर FIR दर्ज किए जाने पर निजी शिक्षण संस्थान और जिला प्रशासन के बीच आर-पार की लड़ाई छिड़ गई है. निजी शिक्षण संस्थानों की संयुक्त बैठक आयोजित कर FIR के विरोध में गिरफ्तारी देने और सड़क पर आंदोलन करने की धमकी दी गई है.

यह भी पढ़ें - रोहतास: सड़क पर उतरे निजी स्कूल के संचालक, कहा- कोरोना के नाम पर स्कूल को टारगेट करना बंद करे सरकार

जिलाधिकारी के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा जिले के 3 दर्जन से अधिक स्कूल और कोचिंग संचालकों के ऊपर नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया है. प्रशासन के इस कार्रवाई के खिलाफ निजी स्कूल और कोचिंग संचालकों के संघों की संयुक्त बैठक के बाद स्थानीय कोशी साइंस क्लासेज में प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई.

धड़ल्ले से चल रहा रोड शो
इस दौरान कोचिंग एसोसिएशन बिहार के जिला अध्यक्ष मनीष कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि एक तरफ बाजार, बस, ट्रेन, मॉल, होटल सिनेमा हॉल आदि कोविड-19 प्रोटोकॉल के अंतर्गत खोलने का अनुमति दी गई है. चुनावी सभा, नेताओं का अपने-अपने क्षेत्रों में रोड शो, सरकारी कार्यक्रम आदि धड़ल्ले से चल रहे हैं. सदर अस्पताल मैं सैकड़ों की संख्या में लोग पूरे जिले से बिना मास्क लगाएं घूमते हैं, यहां प्रशासन को नहीं दिखता है.

प्रशासन से कोचिंग न बंद करने का अनुरोध
वहीं, उन्होंने कहा कि दूसरी ओर स्कूल और कोचिंग संस्थाने पूर्ण बंद करने का तुगलकी फरमान जारी किया गया. हम लोगों ने पूर्व में ही सरकार के इस तुगलकी फरमान के विरुद्ध अनुरोध किया था कि हमारे लिए भी कोविड-19 प्रोटोकॉल जारी की जाए और स्कूल और कोचिंग को पूर्ण बंद नहीं किया जाए. लेकिन प्रशासन के द्वारा अनसुनी कर दी गई.

यह भी पढ़ें - कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर राज्य किसान सभा का पटना में विरोध प्रदर्शन

उपस्थित संघीय नेताओं ने कहा कि हम स्थानीय प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि मानवता के नाते सरकार के आदेश के बावजूद दमनात्मक कार्रवाई ना करें. नहीं तो कोरोना के बजाय लोग आर्थिक तंगी से अपनी जान गंवा देंगे. ऐसे में संचालकों के ऊपर एफआईआर किया जाना अन्याय है. संघ इसका पुरजोर विरोध करता है.

एफआईआर वापस नहीं लेने पर समाहरणालय का घेराव
यदि एफआईआर वापस नहीं लिया गया तो कल 14 अप्रैल को डीएम, एसपी और मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया जाएगा. फिर भी यदि एफआईआर वापस नहीं लिया जाता है तो इस क्षेत्र से जुड़े तमाम शिक्षक अभिभावक और छात्र-छात्राएं हजारों की संख्या में जम जुट कर खगड़िया समाहरणालय का घेराव करेंगे.

खगड़िया: जिले में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले दर्जनों शिक्षण संस्थान के संचालकों पर FIR दर्ज किए जाने पर निजी शिक्षण संस्थान और जिला प्रशासन के बीच आर-पार की लड़ाई छिड़ गई है. निजी शिक्षण संस्थानों की संयुक्त बैठक आयोजित कर FIR के विरोध में गिरफ्तारी देने और सड़क पर आंदोलन करने की धमकी दी गई है.

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जिलाधिकारी के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा जिले के 3 दर्जन से अधिक स्कूल और कोचिंग संचालकों के ऊपर नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया है. प्रशासन के इस कार्रवाई के खिलाफ निजी स्कूल और कोचिंग संचालकों के संघों की संयुक्त बैठक के बाद स्थानीय कोशी साइंस क्लासेज में प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई.

धड़ल्ले से चल रहा रोड शो
इस दौरान कोचिंग एसोसिएशन बिहार के जिला अध्यक्ष मनीष कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि एक तरफ बाजार, बस, ट्रेन, मॉल, होटल सिनेमा हॉल आदि कोविड-19 प्रोटोकॉल के अंतर्गत खोलने का अनुमति दी गई है. चुनावी सभा, नेताओं का अपने-अपने क्षेत्रों में रोड शो, सरकारी कार्यक्रम आदि धड़ल्ले से चल रहे हैं. सदर अस्पताल मैं सैकड़ों की संख्या में लोग पूरे जिले से बिना मास्क लगाएं घूमते हैं, यहां प्रशासन को नहीं दिखता है.

प्रशासन से कोचिंग न बंद करने का अनुरोध
वहीं, उन्होंने कहा कि दूसरी ओर स्कूल और कोचिंग संस्थाने पूर्ण बंद करने का तुगलकी फरमान जारी किया गया. हम लोगों ने पूर्व में ही सरकार के इस तुगलकी फरमान के विरुद्ध अनुरोध किया था कि हमारे लिए भी कोविड-19 प्रोटोकॉल जारी की जाए और स्कूल और कोचिंग को पूर्ण बंद नहीं किया जाए. लेकिन प्रशासन के द्वारा अनसुनी कर दी गई.

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उपस्थित संघीय नेताओं ने कहा कि हम स्थानीय प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि मानवता के नाते सरकार के आदेश के बावजूद दमनात्मक कार्रवाई ना करें. नहीं तो कोरोना के बजाय लोग आर्थिक तंगी से अपनी जान गंवा देंगे. ऐसे में संचालकों के ऊपर एफआईआर किया जाना अन्याय है. संघ इसका पुरजोर विरोध करता है.

एफआईआर वापस नहीं लेने पर समाहरणालय का घेराव
यदि एफआईआर वापस नहीं लिया गया तो कल 14 अप्रैल को डीएम, एसपी और मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया जाएगा. फिर भी यदि एफआईआर वापस नहीं लिया जाता है तो इस क्षेत्र से जुड़े तमाम शिक्षक अभिभावक और छात्र-छात्राएं हजारों की संख्या में जम जुट कर खगड़िया समाहरणालय का घेराव करेंगे.

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