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पंचायत सचिवों ने सरकार के खिलाफ निकाला विरोध मार्च, मानदेय और स्थायी करने की मांग - Syed Adil District President Panchayat Secretary Association

जिले भर के पंचायत सचिवों ने सोमवार को अपनी 3 सूत्री मांगों को लेकर एक बैठक का आयोजन किया, साथ ही आक्रोश मार्च निकाल कर सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने का वादा भी याद दिलाया.

Khagadia
पंचायत सचिवों ने सरकार के खिलाफ निकाला विरोध मार्च
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Published : Sep 8, 2020, 5:49 AM IST

खगड़िया: जिले के सभी पंचायत सचिवों ने सोमवार को कोशी कॉलेज के प्रांगण में बैठक आयोजित कर सरकार से अपनी मांगें पूरी करवाने को लेकर रणनीति बनाई है. वहीं, बैठक के बाद सभी पंचायत सचिवों ने पोस्टर व बैनर के साथ काशी कॉलेज से लेकर खगड़िया जिलाधिकारी के कार्यालय तक आक्रोश मार्च भी निकाला है.

पंचायत सचिवों ने सरकार के खिलाफ निकाला विरोध मार्च

सीएम पर मांगों को नजरअंदाज करने का लगाया आरोप

इस दौरान पंचायत सचिव के जिला अध्यक्ष का कहना था कि बिहार सरकार ने वादा किया था कि सभी पंचायत सचिवों को मानदेय दिया जायगा और 60 साल के लिए स्थाई कर्मचारी का दर्जा भी दिया जायेगा, लेकिन अब मुख्यमंत्री द्वापा हमारी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है.

सरकार कि आखिरी कैविनेट बैठक में पूरी की जाये मांगें

उन्होंने बताया कि पिछले दिनों हमारे कार्यकाल को सिर्फ 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया, जो कि हमें झांसा दिया गया है. उन्होंने बताया कि सरकार की आखिरी कैबिनेट की बैठक 9 सितंबर को होने वाली है और अगर इसमें हमारी मांगें नही पूरी की जाती है, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में हम मजबूर होकर सरकार के जनप्रतिनिधियों का विरोध करेंगे.

क्या है पंचायत सचिवों की मांगें

बता दें कि पंचायत सचिवों की तीन मांगे है, जिसमें मुख्य मांग है कि सरकार बिहार के सभी 1 लाख 4 हजार पंचायत सचिवों को स्थाई कर्मचारी का दर्जा दे. इसके अलावा सम्मान मानदेय वेतन दिया जाए.

खगड़िया: जिले के सभी पंचायत सचिवों ने सोमवार को कोशी कॉलेज के प्रांगण में बैठक आयोजित कर सरकार से अपनी मांगें पूरी करवाने को लेकर रणनीति बनाई है. वहीं, बैठक के बाद सभी पंचायत सचिवों ने पोस्टर व बैनर के साथ काशी कॉलेज से लेकर खगड़िया जिलाधिकारी के कार्यालय तक आक्रोश मार्च भी निकाला है.

पंचायत सचिवों ने सरकार के खिलाफ निकाला विरोध मार्च

सीएम पर मांगों को नजरअंदाज करने का लगाया आरोप

इस दौरान पंचायत सचिव के जिला अध्यक्ष का कहना था कि बिहार सरकार ने वादा किया था कि सभी पंचायत सचिवों को मानदेय दिया जायगा और 60 साल के लिए स्थाई कर्मचारी का दर्जा भी दिया जायेगा, लेकिन अब मुख्यमंत्री द्वापा हमारी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है.

सरकार कि आखिरी कैविनेट बैठक में पूरी की जाये मांगें

उन्होंने बताया कि पिछले दिनों हमारे कार्यकाल को सिर्फ 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया, जो कि हमें झांसा दिया गया है. उन्होंने बताया कि सरकार की आखिरी कैबिनेट की बैठक 9 सितंबर को होने वाली है और अगर इसमें हमारी मांगें नही पूरी की जाती है, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में हम मजबूर होकर सरकार के जनप्रतिनिधियों का विरोध करेंगे.

क्या है पंचायत सचिवों की मांगें

बता दें कि पंचायत सचिवों की तीन मांगे है, जिसमें मुख्य मांग है कि सरकार बिहार के सभी 1 लाख 4 हजार पंचायत सचिवों को स्थाई कर्मचारी का दर्जा दे. इसके अलावा सम्मान मानदेय वेतन दिया जाए.

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