खगड़िया: सरकार किसानों की समस्या को लेकर कई योजनाएं तो बनाती है. लेकिन योजनाएं कागजों पर ही सिमट कर रह जाती हैं. जिले के किसान नीलगाय के आतंक से परेशान हैं. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. लेकिन इनको सुनने वाला कोई नहीं है.
जिले के अलौली प्रखंड में नीलगाय का काफी आतंक है. यहां नीलगाय खेतों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा रही हैं. किसान नीलगाय से बचने के लिए खेतो को बांस और तार से घेरे लगा रहे हैं. लेकिन नीलगाय इस भी तोड़ कर खेतों में घुस जाते हैं. इससे खेतों में लगी हरी सब्जी, मक्का, सहित तेलहन फसल बर्बाद हो रहा है.
'आत्महत्या करने को मजबूर किसान'
किसानों का कहना है कि रात में एक साथ 20 से 30 नीलगाय खेतों में प्रवेश कर जाते हैं. खेत में लगी फसल को चरने साथ-साथ बर्बाद कर देते हैं. इनकों रोकने को लेकर कई तरकीब अपनाया गया. लेकिन कोई काम नहीं आ रहा है. घर काफी दूर और ठंड का मौसम है, इसलिए रखवाली करने में भी असमर्थ हैं. कर्ज लेकर फसल लगाए हुए फसल भी बर्बाद हो गया. इस स्थिति में हम आत्महत्या करने को मजबूर हैं. प्रशासन हमारी समस्याओं का जल्द समाधान करे.
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'विभाग के पास कोई साधन भी नहीं'
वहीं, वन विभाग के अधिकारी अभय कुमार ने बताया कि 2017 में नीलगाय को मारने का नियम आया था. लेकिन एक साल में ही बदल दिया गया. विभाग के पास कोई साधन भी नहीं है कि नीलगायों को पकड़ा जा सके. लेकिन किसान मांग करेंगे, तो पौधा सरंक्षण करने वाले मजदूरों के मदद से नीलगायों को पकड़ कर दूर छोड़ दिया जाएगा.