खगड़ियाः जिले के भदास उच्च विद्यालय के नौनिहाल बिहार सरकार की लचर शिक्षा व्यवस्था का कई सालों से दंश झेल रहे हैं. यहां शिक्षक और शिक्षा विभाग इस कदर लापरवाह है कि सिर्फ तीन क्लासरूम में 1200 बच्चों को बैठा कर पढ़ाया जाता है. हालात ये है कि दो शिफ्ट में स्कूल चलता है और क्लास की कमी के कारण बच्चे जानवरों की तरह एक ही कमरे में ठूंस-ठूंसकर बैठाए जाते हैं.
क्लासरूम की कमी से परेशान बच्चे
दरअसल, जिले के खगड़िया प्रखंड के भदास +2 उच्च विद्यालय में तीन ही क्लासरूम है. जहां वर्ग नवीं, दसवीं और इंटर के लगभग 1200 बच्चों को पढ़ाया जाता है. अब सवाल ये खड़ा होता है कि इतने सारे बच्चे सिर्फ तीन क्लासरूम में आखिर बैठते कैसे होंगे. इस भीषण गर्मी में यहां बच्चे जानवरों की तरह बैठाए जाते हैं. छात्रों के पास दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है. क्योंकि आस-पास दूसरा उच्च विद्यालय कोई और नहीं है.
स्कूल में बच्चों के लिए लाइब्रेरी भी नहीं
शिक्षा विभाग सभी सरकारी उच्च विद्यालय और प्लस 2 विद्यालयों को लैब के लिए राशि देती है. विद्यालय में फिजिक्स लैब, कमेस्ट्री लैब और बॉयो लैब भी होना चाहिए. लेकिन इसके लिए तो तीन क्लासरूम भी चाहिए. वो तो दिया नहीं गया. यंहा तक कि प्लस 2 विद्यालयों में लाइब्रेरी भी अनिवार्य है. जो यहां नहीं है. अब विभाग को ये कौन बताने जाए कि बैठे बैठे ऑर्डर पास करने से कुछ नहीं होता. धरातल पर जा कर देखना भी चाहिए कंहा क्या कमी है.
प्रधानाध्यापक का क्या है कहना
विद्यालय के प्रधानाध्यापक का कहना है कि हमारे विद्यालय के छात्र-छात्राएं काफी होनहार हैं. समय-समय पर ये बात साबित भी करते हैं. पिछले साल का मैट्रिक रिजल्ट भी पूरे जिले में काबिले तारीफ था. लेकिन भवन की कमी की वजह से बच्चों को वो चीज नहीं दे पा रहे हैं. जो इन बच्चों को मिलना चाहिए. हांलाकि यहां के शिक्षक बहुत अच्छे हैं. पढ़ाने के लिए हमेशा तत्पर्य रहते हैं.
मामले में क्या बोले डीईओ
इस सिलसिले में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि इस विद्यालय में भवन की कमी की मुझे जानकारी नहीं है. ना ही अब तक मुझे कोई शिकायत मिली है. अब जा कर मामला मेरे संज्ञान में आया है. मैं विद्यालय के प्रधानाध्यापक से बात करके इस मामले का हल निकालूंगा.