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चमकी बुखार पर नहीं चेत रहा खगड़िया स्वास्थ्य विभाग, लोगों में है जागरूकता का अभाव

खगड़िया जिले को लोगों में चमकी बुखार को लेकर जागरूकता की कमी है. लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन की ओर से अबतक जागरूकता अभियान नहीं चलाया गया है.

लोगों में जागरूकता का है अभाव
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Published : Jul 4, 2019, 7:34 PM IST

खगड़िया: बिहार के कई जिलों में चमकी बुखार से अब तक 194 बच्चों की मौत हो चुकी है. ये बीमारी ज्यादातर एक से 7 साल के बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है. कहा जा रहा है कि गन्दगी और कुपोषण के कारण ये बीमारी ज्यादा फैलती है. लेकिन खगड़िया स्वास्थ्य विभाग इतनी बड़ी घटना के बाद भी सचेत नहीं है. लोगों में जागरूकता की कमी है. बच्चे गन्दगी और गटर के बीच रह रहे हैं. इनमें से ज्यादातर बच्चे अतिपिछड़ी जाति के हैं.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही
खगड़िया के रसोक गांव में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ तौर पर दिखाई दे रही है. वहां रह रहे लोगों को जागरूक नहीं किया गया है. लोगों का कहना है कि मौसम में बदलाव होने के कारण उनके बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है. ऐसे में उन्हें डर है कि कहीं उनके बच्चों को भी चमकी बुखार जैसी खतरनाक बीमारी ना हो जाए. स्थानीय महिलाओं का कहना है कि उनकी समझ में नहीं आ रहा कि बच्चों का कैसे ख्याल रखा जाए. कोई भी अधिकारी उन्हें बताने और समझाने नहीं आता है.

पेश है रिपोर्ट

लोगों के बीच नहीं चलाया गया जागरूकता कार्यक्रम
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इसे रोकने का सबसे पहला उपाय सफाई और बढ़िया पोषण है. लेकिन खगड़िया जिले में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिल रहा है. स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रसाशन की ओर से जागरूकता कार्यक्रम नहीं चलाया जा रहा है. अगर स्वास्थ्य विभाग समय रहते सचेत नहीं हुआ तो ये खतरनाक बीमारी खगड़िया में भी दस्तक दे सकती है. हालांकि अभी तक ऐसा मामला सामने नहीं आया है.

khagadiya
गन्दगी के बीच रह रहे बच्चे

'चमकी से निपटने के लिए पूरी है व्यवस्था'
बहरहाल इस मामले में खगड़िया सदर अस्पताल के सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल का कहना है कि चमकी बुखार से निपटने के सारी व्यवस्था कर ली गई है. डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को भी निर्देश दे दिया गया है. बीमारी को देखते हुए सारी दवाईयां भी मंगा ली गई हैं.

khagadiya
दिनेश कुमार निर्मल, सिविल सर्जन

खगड़िया सदर अस्पताल में क्या है सुविधा:

  • 11 डॉक्टरों की टीम बनाई गई है.
  • 2 चाइल्ड स्पेसलिस्ट डॉक्टर को ट्रेनिग दी गई है.
  • 7 बेड का पीकू वार्ड बनाया गया है.
  • 30 ऑक्सीजन सिलेंडर रखे गए हैं.
  • सारी दवाईयां स्टॉक में रखी गई हैं.

खगड़िया: बिहार के कई जिलों में चमकी बुखार से अब तक 194 बच्चों की मौत हो चुकी है. ये बीमारी ज्यादातर एक से 7 साल के बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है. कहा जा रहा है कि गन्दगी और कुपोषण के कारण ये बीमारी ज्यादा फैलती है. लेकिन खगड़िया स्वास्थ्य विभाग इतनी बड़ी घटना के बाद भी सचेत नहीं है. लोगों में जागरूकता की कमी है. बच्चे गन्दगी और गटर के बीच रह रहे हैं. इनमें से ज्यादातर बच्चे अतिपिछड़ी जाति के हैं.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही
खगड़िया के रसोक गांव में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ तौर पर दिखाई दे रही है. वहां रह रहे लोगों को जागरूक नहीं किया गया है. लोगों का कहना है कि मौसम में बदलाव होने के कारण उनके बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है. ऐसे में उन्हें डर है कि कहीं उनके बच्चों को भी चमकी बुखार जैसी खतरनाक बीमारी ना हो जाए. स्थानीय महिलाओं का कहना है कि उनकी समझ में नहीं आ रहा कि बच्चों का कैसे ख्याल रखा जाए. कोई भी अधिकारी उन्हें बताने और समझाने नहीं आता है.

पेश है रिपोर्ट

लोगों के बीच नहीं चलाया गया जागरूकता कार्यक्रम
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इसे रोकने का सबसे पहला उपाय सफाई और बढ़िया पोषण है. लेकिन खगड़िया जिले में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिल रहा है. स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रसाशन की ओर से जागरूकता कार्यक्रम नहीं चलाया जा रहा है. अगर स्वास्थ्य विभाग समय रहते सचेत नहीं हुआ तो ये खतरनाक बीमारी खगड़िया में भी दस्तक दे सकती है. हालांकि अभी तक ऐसा मामला सामने नहीं आया है.

khagadiya
गन्दगी के बीच रह रहे बच्चे

'चमकी से निपटने के लिए पूरी है व्यवस्था'
बहरहाल इस मामले में खगड़िया सदर अस्पताल के सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल का कहना है कि चमकी बुखार से निपटने के सारी व्यवस्था कर ली गई है. डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को भी निर्देश दे दिया गया है. बीमारी को देखते हुए सारी दवाईयां भी मंगा ली गई हैं.

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दिनेश कुमार निर्मल, सिविल सर्जन

खगड़िया सदर अस्पताल में क्या है सुविधा:

  • 11 डॉक्टरों की टीम बनाई गई है.
  • 2 चाइल्ड स्पेसलिस्ट डॉक्टर को ट्रेनिग दी गई है.
  • 7 बेड का पीकू वार्ड बनाया गया है.
  • 30 ऑक्सीजन सिलेंडर रखे गए हैं.
  • सारी दवाईयां स्टॉक में रखी गई हैं.
Intro:बिहार के कई जिलों में अब तक 180 बच्चो की मौत चमकी बुखार नामक खतरनाक बीमारी के वजह से हो चुकी है। ये बीमारी ज्यादातर 1 से 7 साल के बच्चो की अपने चपेटे में ले रही है और कहा जा रहा कि गन्दगी और कुपोषण के कारण ये बीमारी ज्यादा फैलती है लेकिन खगडिया स्वास्थ्य वीभग इतनी बड़ी घटना के बाद भी नही चेत रहा है। जिले में हर जगह जागरूकता में भारी कमी देखी जा रही है बच्चे गन्दगी और गटर के बीच मे रह रहे है ये ज्यादातर बच्चे अति पिछड़े जाती के है


Body:बिहार के कई जिलों में अब तक 180 बच्चो की मौत चमकी बुखार नामक खतरनाक बीमारी के वजह से हो चुकी है। ये बीमारी ज्यादातर 1 से 7 साल के बच्चो की अपने चपेटे में ले रही है और कहा जा रहा कि गन्दगी और कुपोषण के कारण ये बीमारी ज्यादा फैलती है लेकिन खगडिया स्वास्थ्य वीभग इतनी बड़ी घटना के बाद भी नही चेत रहा है। जिले में हर जगह जागरूकता में भारी कमी देखी जा रही है बच्चे गन्दगी और गटर के बीच मे रह रहे है ये ज्यादातर बच्चे अति पिछड़े जाती के है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इसको रोकने का सब से पहले उपाय सफाई और बढ़िया पोषण है लेकिन खगड़िया में ऐसा कहीं होते हुए नही दिख रहा कि स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रसाशन के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा हो लोगों को गांव गाँव जा कर जागरूक किया जा रहा हो।अगर स्वास्थ्य वीभग अभी भी सबक लेते हुए समय पर नही चेता तो ये ख़तरनाक बीमारी खगड़िया में भी दस्तक दे सकती है हालांकि अभी तक ऐसा केश नही आया है जिसमे चमकी बुखार का लक्षण दिखाई दे

*चमकी बुखार के लक्षण
*100 डिग्री से ज्यादा बुखार
*शरीर मे ऐंठन और झटके लगना
*मुंह से झाग निकलना या दांत लगना
*शरीर का सुन्न पड़ जाना
*बच्चे का बेहोश हो जाना या उलझन महसूस होना

अगर बच्चे में ये लक्षण दिखाई दे तो ये करे
*बच्चे अगर होश में हो तो ors का घोल या पानी पिलाते रहे
*बुखार बढ़ने पर पैरासिटामोल दे सकते है
*जल्दी से नजदीकी अस्पताल ले जाये
*बच्चे को धूप से दूर किसी हवादार जगह में रखे
*शरीर के कपड़े खोल दें
खगड़िया के रसोक में गांव में जागरूकता का पता लगाने के बाद खगडिया स्वास्थ्य वीभग के लापरवाही साफ दिखाई दी वहां की अस्थनीय महिला जो अतिपिछड़ी जाती से आती है उनसभी का कहना है कि आज कल हमारे बच्चो का भी तबियत खराब रह रहा है ऐसे में बहुत डर सता राह है कि वो (चमकी बुखार)खतरनाक बीमार हमारे बच्चो को भी ना हो जाए महिलाये बताई की समझ मे नही आ रहा बच्चो को कैसे रखे कोई बताने और समझाने वाला भी नही आता जिस से कुछ पता चले।
बहरहाल इस मामले में खगडिया सदर अस्पताल सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल का कहना है कि चमकी बुखार से निपटने के सारी सुविधा कर ली गई है जैसे डॉक्टर, दवाई

क्या क्या सविधा है खगडिया सदर अस्पताल में

* 11 डॉक्टर की टीम बनाई गई है और 2 चाइल्ड स्प्सलिस्ट डॉक्टर को ट्रेनिग दी गई है
*7 बेड का स्पेसलिस्ट बच्चो का आईसीयू वार्ड बनाया गया है
* 30 ऑक्सीजन से भरा हुआ सिलेंडर रखा गया है
* चमकी बुखार में आने वाली दवाई का स्टॉक रखा गया है


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