खगड़िया: सरकार खादी उद्योग को लेकर कई योजनाएं बनाती है. लेकिन योजनाएं सिर्फ कागजों पर ही सिमट कर रह जाती हैं. जिले में खादी ग्राम उद्योग कारखाना वर्षो से बंद है. यह कारखाना सरकार के उदासीन रवैया का शिकार बना हुआ है.
जिले के गोगरी में दशकों पुराना खादी ग्राम उद्योग कारखाना आज खंडहर में तब्दील हो गया है. 60 के दशक में यह कारखाना जिले की पहचान हुआ करती थी. सैकड़ों लोगों को रोजगार इस कारखाने से मिलती थी. सरकार की लापरवाही से यह कारखाना वर्षो पहले बंद हो गया. उसके बाद से इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
'गलत नीतियों के कारण हुआ बंद'
इसमें काम कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि यहां चरखा से कपड़ा बनाया जाता था. 1975 से 1990 तक यह कारखाना अपनी बुलंदियों पर था. इस कारखाने से लगभग 200 लोगों को रोजगार मिलता था. इस कारखाना को केंद्र सरकार के नेतृत्व में चलाया जाता था. लेकिन यहां के प्रबंधक और सरकार के गलत नीतियों की वजह से अब यह बंद हो गया.
'योजना बनने के बाद शुरू किया जाएगा'
वहीं, खादी ग्राम उद्योग कारखाना को लेकर जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि इस संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारी ही बताएंगे. वह स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण है. अन्य सरकार के कामों के लिए उस स्थान का उपयोग किया जा सकता है. इसकी शुरुआत करने के लिए सरकार योजना बनाती है तो इसे चालू किया जाएगा.
सरकार के उदासीन रवैया से हुआ बंद
बता दें कि 90 के बाद से ही इस खादी कारखाना की हालत बिगड़ने लगी. यह कारखाना वर्ष 2002 तक चलाया गया. इस कारखाना के बंद होने की मुख्य वजह 90 के दशक में सरकार ने ग्राहकों को खादी कपड़े में 40 % छूट देना बताया. यह छूट सरकार को देनी थी. लेकिन यह भार कारखाने पर पड़ने लगी. इस ओर सरकार के ध्यान नहीं देने से यह कारखाना बंद हो गया.