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खगड़िया: बैंकों की मनमानी वसूली से परेशान हैं किसान, DM बोले- होगी जांच

ग्रामीण बैंक के मनमानी वसूली से मानशी प्रखंड के किसान परेशान हैं. बैंक केसीसी लोन में ज्यादा ब्याज जोड़ कर किसानों के पास नोटिस भेज रहा है. इस मामले को लेकर डीएम बोले जांच होगी.

खगड़िया
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Published : Jun 26, 2019, 9:27 AM IST

खगड़िया: सरकार किसानों के लाभ को लेकर कई योजनाएं की दावा करती है. लेकिन लगता है इन योजनाएं से किसानों को कोई लाभ नहीं मिलता है. जिले के किसानों से बैंक मनमानी तरीके से केसीसी लोन की वसूली कर रहा है. इसको लेकर किसानों के पास बैंकों ने नोटिस भी भेजा है. वहीं, इस मामले में डीएम अनिरुद्ध कुमार का कहना है कि इसकी जांच की जाएगी.

मामला जिले के मानसी प्रखंड का है. बताया जा रहा है कि जिले के किसान ग्रामीण बैंक से 2012 में केसीसी बीमा करवाया था. बाढ़ ने 2016 में किसानों के फसल को बर्बाद कर दिया. मानसी प्रखंड को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र भी घोषित कर दिया गया. लेकिन किसानों को केसीसी बीमा के तहत कोई राशि नहीं मिली. बैंक मानमानी ढंग से अब केसीसी राशि वसूली करने के लिए किसानों के पास नोटिस भेज रहा है.

किसान और डीएम का बयान

डीएम बोले मामले की होगी जांच
किसानों का कहना है कि साल 2016 में फसल नष्ट हो गई. बैंक से लिया लोन भी डूब गया. बैंक अब उस लोन के लिए राशि में ब्याज जोड़ कर नोटिस भेजा रहा है. इस समस्या को कोई सूनने वाला नहीं है. वहीं, इसको लेकर डीएम अनिरुद्ध कुमार का कहना है कि यह मामला संज्ञान में आया है. किसानों से मनमानी तरीके से पैसा वसूला जा रहा है. इसको लेकर जांच होगी.

खगड़िया: सरकार किसानों के लाभ को लेकर कई योजनाएं की दावा करती है. लेकिन लगता है इन योजनाएं से किसानों को कोई लाभ नहीं मिलता है. जिले के किसानों से बैंक मनमानी तरीके से केसीसी लोन की वसूली कर रहा है. इसको लेकर किसानों के पास बैंकों ने नोटिस भी भेजा है. वहीं, इस मामले में डीएम अनिरुद्ध कुमार का कहना है कि इसकी जांच की जाएगी.

मामला जिले के मानसी प्रखंड का है. बताया जा रहा है कि जिले के किसान ग्रामीण बैंक से 2012 में केसीसी बीमा करवाया था. बाढ़ ने 2016 में किसानों के फसल को बर्बाद कर दिया. मानसी प्रखंड को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र भी घोषित कर दिया गया. लेकिन किसानों को केसीसी बीमा के तहत कोई राशि नहीं मिली. बैंक मानमानी ढंग से अब केसीसी राशि वसूली करने के लिए किसानों के पास नोटिस भेज रहा है.

किसान और डीएम का बयान

डीएम बोले मामले की होगी जांच
किसानों का कहना है कि साल 2016 में फसल नष्ट हो गई. बैंक से लिया लोन भी डूब गया. बैंक अब उस लोन के लिए राशि में ब्याज जोड़ कर नोटिस भेजा रहा है. इस समस्या को कोई सूनने वाला नहीं है. वहीं, इसको लेकर डीएम अनिरुद्ध कुमार का कहना है कि यह मामला संज्ञान में आया है. किसानों से मनमानी तरीके से पैसा वसूला जा रहा है. इसको लेकर जांच होगी.

Intro:केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकार हो सभी सरकारें आज के दौर में किसानों की आय दुगनी करने की बात करती है लेकिन धरातल पर ऐसा होते हुए दिख नही रहा दुगनी आय तो छोड़िए किसानों के फसल का वाजिब मूल्य तक नही मिल पा रहा है और ऐसे में ग्रामीण बैंक द्वारा पहले केसीसी लोन दिया जाता है और अब वसूली के नाम पर किसानों से मनमाने तरीका से पैसा वसूला जा रहा है


Body:केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकार हो सभी सरकारें आज के दौर में किसानों की आय दुगनी करने की बात करती है लेकिन धरातल पर ऐसा होते हुए दिख नही रहा दुगनी आय तो छोड़िए किसानों के फसल का वाजिब मूल्य तक नही मिल पा रहा है और ऐसे में ग्रामीण बैंक द्वारा पहले केसीसी लोन दिया जाता है और अब वसूली के नाम पर किसानों से मनमाने तरीका से पैसा वसूला जा रहा है
हम समस्या बता रहे है बिहार के खगड़िया जिला के मानशी ब्लोक के बख्तियारपुर गांव का जंहा पर तकरीबन 40 से 45 किसानों को ग्रामीण बैंक मानशी द्वारा नोटिस जारी कर एक महीने के अंदर पैसा लौटने की बात कही गई है
जाहिर सी बात है कि बैंक कर्ज दिया है तो अपना पैसा वापस लेगा ही लेकिन क्या फसल बीमा किया है तो बाढ़ क्षेत्र घोषित हुए एरिया को क्षतिपूर्ति तो देगा या लोन माफ करने का नियम तो है ही लेकिन यंहा ऐसा कुछ होते हुए नही दिख रहा बल्कि किसानों के खून चूसा जा रहा है
दरसल पूरा मामला किसान क्रेडिट लोन का है ये सभी किसान 2012 में केसीसी लोन करवाया और उसको लगतार रिनिवल करवाते रहे ताकि कोई फसल पर आपदा आ जाए तो बैंक के द्वारा मदत मिल सके हुआ भी कुछ ऐसा ही दुर्भाग्य से 2016 में जिले में बाढ़ आई और किसानों के फसल को बर्बाद कर चली गई उस समय मक्का का फसल किसानों के द्वारा किया गया था मानशी प्रखंड बाढ़ एरिया भी घोसित हो गया लेकिन इन सभी किसानों को केसीसी बीमा के तहत कोई राशि नही मिली जबकि केसीसी राशि मक्का फसल बाबर्द होने के साथ दुब चुकी थी और आज वही केसीसी राशि को बैंक द्वारा सुध जोड़ कर मंगा जा रहा है जिससे किसान बर्बाद होने के कगार पर आ गए है और दुर्भाग्य है उनका की कोई सुनने वाला भी नही है
क्या कहते है किसान
किसानों का कहना है कि जिस तरीके से साल 2016 में हमारी फसल नष्ट हुई और बैंक के द्वारा दिया गया राशि फसल के साथ डूब गई और अब बैंक के द्वारा इतना सूध मंगा जा रहा ऐसे में हमारे पास आत्महत्या करने के अलावे कोई चारा नही है वही जिला अधिकारी अनिरुद्ध कुमार का कहना है कि हमारे संज्ञान में ऐसा मामला आया जिसमे किसानों से मनमाने तरीके से पैसा वसूला जा रहा है हम इस पर जांच करवाते है और जो भी हम से बन सकेगा हम किसानों की मतद करेंगे


Conclusion:
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